Posted on 06 Sep, 2016 7:43 pm

 
मेथनॉल देश का भविष्‍य है- श्री गडकरी 
 

सड़क परिवहन, राजमार्ग और शिपिंग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत के लिए मेथनॉल आधारित अर्थव्‍यवस्‍था को विकसित करने का यह उचित समय है। भारत की मेथनॉल अर्थव्‍यवस्‍था में भारत की उछाल विषय पर आज राजधानी में आयोजित अंतर्राष्‍ट्रीय संगोष्‍ठी के उद्घाटन सत्र के अवसर पर सम्‍बोधित करते हुए उन्‍होंने बताया कि मेथनॉल देश का भविष्‍य है। उन्‍होंने इस बारे में प्रसन्‍नता जाहिर करते हुए कहा कि नीति आयोग ने मेथनॉल को ऊर्जा के एक वैकल्पिक स्रोत के रूप में विकसित करने के लिए पहल शुरू की है। जिसके लिए नवाचार, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान मुख्‍य क्षेत्र होंगे। 

श्री गडकरी ने कहा की ज्ञान को धन में परिवर्तित किया जाना चाहिए और जो कचरे को धन में परिवर्तित करने से भी संभव है। उन्‍होंने नागपुर में अपने अनुभव का उदाहरण दिया कि वहां नगर-निगम के कचरे को ईंधन में परिवर्तित करके तथा उसे बेचकर लाभ अर्जित किया है। उन्‍होंने दर्शकों को यह भी बताया कि किस प्रकार कचरे को बायो सीएनजी में परिवर्तित किया गया था और किस प्रकार ऊर्जा के स्रोत से नागपुर में 50 बसें चलाई जा रही हैं। 

श्री गडकरी ने कहा कि मेथनॉल को ऊर्जा के एक वैकल्पिक स्रोत के रूप में अपनाकर देश में सामाजिक आर्थिक परिवर्तन लाया जा सकता है क्‍योंकि इससे देश के ईंधन के आयात के बिल में काफी कमी आएगी। अधिशेष कोष को ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था के विकास में लगाया जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्र मेथनॉल के लिए फीड स्‍टॉक का स्रोत हैं इससे अतिरिक्‍त आय उपलब्‍ध होने के साथ साथ यह ग्रामीण लोगों की आजीविका का एक स्रोत भी बन सकता है। उन्‍होंने कहा कि चावल के भूसे को देश के अधिकांश भागों में जला दिया जाता है जिससे प्रदूषण फैलता है। इस भूसे का मेथनॉल बनाने में उपयोग किया जा सकता है। उन्‍होंने यह भी बताया कि पूर्वोत्तर राज्‍यों में बांस की बहुलता है उसे भी मेथनॉल तैयार करने में प्रयोग किया जा सकता है। इस प्रकार मेथनॉल में ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था को बढ़ावा देने की क्षमता है। उन्‍होंने यह आह्वान किया कि इस सम्‍मेलन से प्राप्‍त होने वाले ज्ञान और अनुभव को ठोस निर्णय और त्‍वरित कार्य में परिवर्तित किया जाना चाहिए। उन्‍होंने यह उम्‍मीद जाहिर की कि नीति आयोग देश में क्रान्तिकारी परिवर्तन लायेगा। 

इससे पहले पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्‍य मंत्री श्री धर्मेन्‍द्र प्रधान ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था में ईंधन की बहुत बड़ी मांग है क्‍योंकि मोटर बाइक तेजी से साईकिलों का स्‍थान ले रही हैं। उन्‍होंने यह भी कहा कि देश को अपने मौजूदा आयात बिल 4.5 लाख करोड़ को घटाने की जरूरत है और मेथनॉल इस दिशा में सहायता कर सकता है। 

अमेरिका के मेथनॉल संस्‍थान के सीईओ श्री ग्रेग डोलन ने कहा कि भारत की प्राथमिकता स्‍वच्‍छ और टिकाऊ ईंधन अपनाने की होनी चाहिए। उन्‍होंने यह भी कहा कि मेथनॉल विनिर्माण, परिवहन और भंडारण के लिए भी सुविधाजनक है। परिवहन के अलावा मेथनॉल का औद्योगिक बायलर तथा खाना पकाने के अलावा अनेक अन्‍य उत्‍पादों के निर्माण के लिए भी प्रयोग किया जा सकता है। सम्‍मेलन के दौरान नीति आयोग और अमेरिका के मेथनॉल संस्‍थान के मध्‍य आशय के वक्‍तव्‍य के समझौते पर भी हस्‍ताक्षर किये गये। 

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India

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