Posted on 28 Dec, 2017 1:50 pm

रायसेन के सोनू अहिरवार ने पढ़-लिखकर नौकरी की तलाश में समय गंवाने की बजाए स्वयं का रोजगार स्थापित करना ज्यादा उचित समझा। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत राईस मिल स्थापित कर सोनू न केवल आत्म-निर्भर हुआ है, बल्कि वह अन्य व्यक्तियों को भी रोजगार दे रहा है।

सोनू अहिरवार के पास न तो कृषि भूमि थी और न ही कोई पैतृक व्यवसाय, जिससे वह अपना जीविकोपार्जन कर पाता। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऋण प्राप्त कर दसवीं पास सोनू अब राईस मिल का मालिक बन गया है। सोनू की आर्थिक स्थिति मजबूत हो रही है और जीवन स्तर में भी बदलाव आया हैं।

रायसेन के वार्ड क्रमांक-18 संजय नगर निवासी सोनू अहिरवार को अखबारों से पता चला कि मुख्यमंत्री द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के लिए संचालित स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऋण प्राप्त कर स्वयं का रोजगार स्थापित किया जा सकता है। अगले दिन सोनू ने जिला अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के कार्यालय में जाकर पूरी जानकारी ली और योजना से स्वयं का रोजगार स्थापित करने का निर्णय लिया।

सोनू ने रायसेन जिले में तेजी से बढ़ रहे धान के उत्पादन को ध्यान में रखते हुए राईस मिल लगाने का निर्णय लिया। सोनू ने सभी आवश्यकताएं पूरी करते हुए अंत्यावसायी सहकारी विकास समिति के कार्यालय की मदद से सेन्ट्रल बैंक से 10 लाख रुपए ऋण लिया। इस ऋण में राज्य सरकार की ओर से दी गई दो लाख रुपए की अनुदान राशि भी शामिल है।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अंतर्गत ऋण प्राप्त कर लगाई गई राईस मिल में सोनू तीन अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहा है। मिल चालू होने के शुरूआती महीनों में ही बैंक की किश्त, कर्मचारियों का वेतन एवं मिल के समस्त खर्चो को निकालकर लगभग 25 हजार रुपए महीने से अधिक की बचत कर रहा है। सोनू को उम्मीद है कि आने वाले समय में उसका कारोबार और बढ़ेगा। अभी 15 से 20 क्विंटल धान उनकी मिल मे प्रतिदिन आ रही है। सोनू की इस सफलता ने रायसेन शहर के अन्य युवाओं को स्वयं का व्यवसाय शुरूआत करने की प्रेरणा दी है।

सफलता की कहानी (कटनी)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश