Posted on 06 Feb, 2018 1:43 pm

 

647 करोड़ 58 लाख की वित्तीय सहायता वितरित 

 
भोपाल : मंगलवार, फरवरी 6, 2018, 13:19 IST

 

प्रदेश में नवीन एमएसएमई इकाइयों की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना से हितग्राहियों की मदद की जा रही है। इस वित्त वर्ष में दिसम्बर तक 18 हजार 722 हितग्राहियों को 647 करोड़ 58 लाख लाख रूपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध करवाई जा चुकी है।

सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय-सत्येन्द्र पाठक ने बताया कि इस वित्त वर्ष में योजना में 30 हजार उद्यमियों को 1487 करोड़ 57 लाख रूपये का ऋण दिये जाने का लक्ष्य रखा गया है। अभी तक 26 हजार 441 प्रकरणों में 110 करोड़ 30 लाख 99 हजार की राशि स्वीकृत की जा चुकी है। शेष 7 हजार 729 प्रकरण में स्वीकृत ऋण राशि हितग्राहियों को शीघ्र उपलब्ध करवायी जा रही है।

राज्य मंत्री श्री पाठक ने बताया कि योजना में इंदौर संभाग के 8 जिलों में 4037 हितग्राहियों को 184 करोड़ 14 लाख 66 हजार का ऋण उपलब्ध कराया गया है। संभाग स्तर पर यह संख्या सर्वाधिक है। इसके बाद जबलपुर संभाग में सबसे अधिक 8 जिलों में 2953 हितग्राहियों को 116 करोड़ 99 लाख 99 हजार रूपये का ऋण दिया गया है।

योजना की अर्हता एवं वित्तीय सहायता के प्रावधान

मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना का लाभ केवल नए उद्यम स्थापित करने के लिए मिलता । योजना में 50 हजार से 10 लाख रूपये तक का ऋण दिया जाता है। हितग्राही की उम्र 18 से 45 वर्ष तथा शैक्षणिक योग्यता न्यूनतम पाँचवी कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए। हितग्राही की आय सीमा का कोई बंधन नहीं है। आवेदक का परिवार पहले से ही उद्योग/ व्यापार क्षेत्र में स्थापित होकर आयकर दाता नहीं होना चाहिए। सामान्य वर्ग के लिए परियोजना लागत का 15 प्रतिशत अधिकतम एक लाख रूपये, बीपीएल/अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/ अन्य पिछड़ा वर्ग(क्रीमीलेयर को छोड़कर) महिला/ अल्पसंख्यक/नि:शक्त जन हितग्राही को परियोजना लागत की 30 प्रतिशत अधिकतम 2 लाख की मार्जिन मनी सहायता दी जाती है। भोपाल गैस पीड़ित परिवार के सदस्यों को परियोजना लागत पर अतिरिक्त 20 प्रतिशत या अधिकतम एक लाख की मार्जिन मनी की पात्रता है। इसी तरह विमुक्त घुमक्कड़ एवं अर्ध घुमक्कड़ जनजाति के हितग्राही को परियोजना का 30 प्रतिशत या अधिकतम 3 लाख तक की अतिरिक्त मार्जिन मनी दी जाती है।

योजना के क्रियान्वयन के विभाग

योजना का क्रियान्वयन एमएसएमई विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास,कुटीर एवं ग्रामोद्योग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्प संख्यक कल्याण ,नगरीय विकास एवं आवास, अनूसूचित जाति कल्याण , आदिम जाति कल्याण एवं विमुक्त, घुमक्कड़ और अर्ध घुमक्कड़ जनजाति कल्याण विभाग द्वारा किया जा रहा है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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