Posted on 22 Jan, 2018 5:05 pm

होशंगाबाद जिले के युवा चन्द्रप्रकाश कोरी के जीवन में मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना एक उम्मीद की किरण लेकर आई। प्रारंभ में चन्द्रप्रकाश कोरी किसी और के अधीन रहकर कार्य करते थे, आज अपनी मेहनत एवं स्व-रोजगार के ऋण से खुद की वर्कशाप के मालिक हैं।

चन्द्रप्रकाश कोरी पहले भोपाल में भोपाल मोटर्स कम्पनी में मात्र 11 हजार रुपये वेतन में रात दिन कार्य करते थे। एक दिन उन्होंने समाचार पत्र में जिला अंत्यावसायी विभाग की मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के बारे में पढ़ा तो उन्हें एक उम्मीद की किरण नजर आई। वे मेहनत करने से कभी भी पीछे नहीं रहते थे। एम.ए. तक शिक्षित चन्द्रप्रकाश ने जिला अन्त्यावसायी विभाग में आवेदन देकर ऋण की मांग की। बैंक द्वारा उनका आवेदन स्वीकार कर उन्हें वर्ष 2016 में 10 लाख रुपए का ऋण स्व-रोजगार के लिए दिया गया। इसमें 2 लाख रुपये की सब्सिडी थी।

चन्द्रप्रकाश ने इस राशि का समुचित उपयोग करते हुए सोहागपुर में 'कबीर इंजीनीयरिंग' नाम से वर्कशाप खोल लिया है और इस वर्कशाप में जेसीबी मशीन की हर तरह की समस्याओं का निराकरण है। चन्द्रप्रकाश के पास पूर्व में 13 वर्ष तक भोपाल की कम्पनी में जेसीबी सुधारने का अनुभव हैं। आज इनके पास होशंगाबाद जिले के अलावा हरदा, गाडरवाड़ा तक की जेसीबी मशीन सुधरने के लिए आती हैं। आज चन्द्रप्रकाश प्रति माह 40 से 50 हजार रुपये आसानी से कमा लेते हैं। साथ ही 8 लोगों को रोजगार भी दे रखा है।

चन्द्रप्रकाश कोरी ने अपने वर्कशाप के बलबूते समाज में प्रतिष्ठा अर्जित की है। माह जून से दिसम्बर तक उनके पास लगभग 30 से 40 जेसीबी मशीने सुधरने के लिए आती हैं। बाकी शेष समय में वे फील्ड में जाकर जेसीबी मशीन सुधारने का कार्य करते हैं। जब उन्होंने इतना बड़ा लोने लेने का निर्णय लिया था तो परिवारजनों उन्हें समझाया था कि इतना बड़ा ऋण न लीजिये किन्तु इन्हें अपनी मेहनत पर पूरा भरोसा था। आज वे इस भरोसे पर खरे उतरकर एक सफल उद्यमी बने।

सक्सेस स्टोरी ( होशंगाबाद)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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