Posted on 27 Jul, 2018 7:18 pm

 

देवास के तौफीक शेख को जब पता लगा कि उनकी बेटी आफिया सुन नहीं सकती, बोल नहीं सकती; तो उनकी जिंदगी ठहर-सी गई। आफिया जन्म के समय पूर्ण रूप से स्वस्थ थी। जब एक वर्ष की हुई, तो पिता को लगा कि उनकी बच्ची सुन-बोल नहीं सकती। इसके बावजूद उनके परिवार ने दो साल और इंतजार किया। तब उन्हें यकीन हो गया कि उनकी बेटी जीवनभर सुन-बोल नहीं सकेगी।

आफिया के माता-पिता ने निजी अस्पताल में बच्ची का परीक्षण करवाया, जहाँ उन्हें बताया गया कि बच्ची जन्म से ही मूक-बधिर है। उन्हें यह भी बताया गया कि इसका इलाज महँगा है। मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाले तौफीक शेख किराना दुकान चलाते हैं। उनकी इतनी हैसियत नहीं थी कि बच्ची का ऑपरेशन करवा सकें। इसलिये बच्ची का देवास जिला अस्पताल में भी परीक्षण करवाया।

नाक, कान, गला रोग विशेषज्ञ सरकारी डॉ. शुभांशु डगांवकर ने उन्हें विश्वास दिलाया कि उनकी बेटी इलाज के बाद बोलने और सुनने लगेगी। इलाज का पूरा खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी। चिकित्सक ने मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में प्रकरण तैयार करवाया। सभी औपचारिकताओं के बाद बच्ची आफिया के ऑपरेशन के लिये भोपाल के दिव्या एडवांस ईएनटी क्लीनिक भेजा गया। ऑपरेशन के लिये योजना में 6 लाख 50 हजार रुपये की मंजूरी भी दी गई। नियमित थेरेपी और ऑपरेशन के बाद आफिया अब बोलने और सुनने लगी है।

आफिया के पिता तौफीक बताते हैं कि यदि मुख्यमंत्री बाल श्रवण योजना में सरकारी मदद नहीं मिलती, तो वे अपनी बेटी का इलाज नहीं करवा सकते थे। राज्य सरकार से मिली मदद की वे अपने मिलने-जुलने वालों से लगातार चर्चा करते हैं, तारीफ करते हैं।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश