Posted on 13 May, 2018 3:01 pm

 

सर्वधर्म समभाव  की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आज यहां मुख्यमंत्री निवास में भगवान बुद्ध का 2562वां जयंती महोत्सव मनाया गया। बुद्ध पूर्णिमा महोत्सव में राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, सामान्य प्रशासन राज्यमंत्री श्री लालसिंह आर्य, अनुसूचित जाति आयोग अध्यक्ष श्री भूपेन्द्र आर्य एवं पदाधिकारी और बड़ी संख्या में बौद्ध उपासक- उपासिकाएं उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार ने भगवान बुद्ध के बताये गये मार्ग का अनुसरण करते हुये योजनाएं बनाई हैं। जो समृद्ध हैं, उन पर करारोपण कर जरूरतमंदों की मदद की जा रही है। प्रदेश में कोई भी गरीब बिना जमीन के टुकड़े के नहीं रहेगा। सबके पास पक्का मकान होगा। बीमारी का इलाज और शिक्षा नि:शुल्क मिलेगी। स्वस्थ संतान का जन्म हो इसके लिये माताओं को पोषण आहार के लिये राशि उपलब्ध होगी। श्री चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में गरीब परिवारों के बच्चों को 70 प्रतिशत से कम अंक पर भी लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इन सब कार्यों का आधार भगवान बुद्ध की करूणा और प्रेम की शिक्षाएं हैं। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना में आगामी 29 जून को विदिशा से बौद्ध गया के लिये ट्रेन रवाना होगी। क्षमता से अधिक श्रद्धालु होने पर अन्य ट्रेनें भी भेजी जायेंगी।

श्री चौहान ने कहा कि बौद्ध धर्म अदभुत है। भौतिकता की अग्नि में दग्ध दुनिया को शाश्वत शांति का दिग्दर्शन कराता है। धर्म की शिक्षाओं में सभी दुखों और तकलीफों का समाधान है। यदि दुनिया में सब महात्मा बुद्ध के बताये रास्तों पर चलेंगे तो सारी समस्यायें समाप्त हो जायेंगी। भगवान बुद्ध के जीवन के प्रसंगों का उल्लेख करते हुये कहा कि भगवान ने सुख-शांति और प्रेम-करूणा का संदेश दिया है। सबको युद्ध के स्थान पर शांति, संघर्ष के स्थान पर समन्वय, घृणा के स्थान पर प्रेम का संदेश देने के प्रयास करना चाहिये।

भदंत शाक्य पुत्र सागर ने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है जहाँ मुख्यमंत्री निवास में सभी धर्मावतारों का सम्मान करते हुये सभी धर्मों के प्रबोध को हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है, जिसमें प्रदेश के मुख्यमंत्री भी शामिल होते हैं। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि मध्यप्रदेश सुख-समृद्धि, भाईचारे की मिसाल का आदर्श उदाहरण बना रहे।

कार्यक्रम में भगवान बुद्ध के जीवन और दर्शन पर आधारित मनोहारी  सांकृतिक प्रस्तुतियां दी गईं। बौद्ध भिक्षुओं ने मध्यप्रदेश की शांति और समृद्धि के लिए बुद्ध वाणी का वाचन किया। त्रिशरण बुद्ध वंदना के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई।

कार्यक्रम में श्रीलंका से भंते चन्द्ररतन थेरो, यू तपस्सी, म्यांमार से भदंत आसीन-ते-जानिया, भदंत संसर वरा, भदंत जतीलो, भदंत उत्तमा, भदंत अग्गवसा, मुम्बई से भदंत कोणागमणो, नागपुर से भदंत आनंद, भदंत अनिरूद्ध सहित विभिन्न क्षेत्रों से आये भदंत, भिक्षुणी, भंते उपस्थित थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश