Posted on 13 Aug, 2018 4:20 pm

 

मध्यप्रदेश सरकार की चिंता से समाज का कोई वर्ग अछूता नहीं रहा है। सरकार की कोशिश समाज के हर वर्ग को विकास के नये शिखर तक ले जाना रही है। इसी क्रम में मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान ने मुख्यमंत्री जन-कल्याण 'संबल' योजना 2018 पर अमल शुरू किया है। योजना प्रदेश में एक अप्रैल 2018 से लागू की गई है। योजना में असंगठित क्षेत्र से जुड़े श्रमिक भाइयों और बहनों की अनेक जन-कल्याणकारी योजनाओं के जरिये सहायता की जा रही है।

सरकार का मानना है कि किसी वर्ग का विकास करना है, तो केवल परिवार के मुखिया को संसाधन युक्त करने से काम नहीं चलेगा, बल्कि उसके पूरे परिवार का ध्यान रखना होगा। 'संबल' ऐसी ही विशेष योजना है, जो प्रदेश में पहली बार लागू की गई है। योजना न केवल असंगठित श्रमिकों के विभिन्न पहलु को सशक्त बनाती है, बल्कि उनके परिवार को भी समाज में सिर ऊँचा कर जीने का हौसला और सम्मान देती है। योजना के जरिये श्रमिकों की आय बढ़े, उनके घर रोशनी से जगमगाएँ, मुफ्त में इलाज की सुविधा श्रमिकों को उपलब्ध हो, श्रमिक बहनों को माँ बनने पर उचित सुविधाएँ मिलें, बच्चे नि:शुल्क उच्च शिक्षा और कोचिंग लेकर पढ़े और बड़े अधिकारी बनें, अपने व्यवसाय चलाये, हर तरह से आत्म-निर्भर हों। इतना ही नहीं, किसी कारण से दिव्यांग हो जाने पर भी परिवार का भरण-पोषण बिना चिंता के और मृत्यु पर सम्मान के साथ अंतिम संस्कार भी हो सके, इसका भी ध्यान मुख्यमंत्री श्री चौहान ने रखा है।

'संबल' से जुड़ी योजनाओं पर एक अप्रैल से ही अमल हो रहा है। कुछ योजनाएँ चरणबद्ध लागू की जा रही हैं। सरल बिजली बिल स्कीम एक जुलाई से लागू की गई है। जिला-स्तरीय स्व-रोजगार सम्मेलन अगस्त में किये गये। इसी तरह विभिन्न स्तरों पर योजनाओं का क्रियान्वयन जारी रहेगा।

योजना में जुलाई अंत तक कुल 13 हजार 588 प्रकरणों में 157 करोड़ 32 लाख से अधिक की सहायता राशि सीधे पंजीकृत श्रमिकों के खाते में जमा की गयी है।

उद्देश्य: योजना में असंगठित श्रमिकों को विभिन्न तरह सहायता के लिये 9 योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। सरल बिजली बिल और बकाया बिजली बिल माफी की स्कीम, शिक्षा प्रोत्साहन, मुफ्त चिकित्सा, प्रसूति सहायता, उन्नत व्यवसाय उपकरण अनुदान, अंत्येष्टि, सामान्य मृत्यु और दुर्घटना से मृत्यु पर अनुग्रह, स्थायी और आंशिक स्थायी अपंगता में अनुग्रह सहायता इनमें प्रमुख है।

ये हैं असंगठित श्रमिक : असंगठित श्रमिक का मतलब उस व्यक्ति से है, जो नौकरी, स्व-रोजगार, घरों में वेतन हेतु कार्य, किसी एजेंसी, ठेकेदार के जरिये या प्रत्यक्ष रूप से कार्यरत, जिसे भविष्य-निधि और ग्रेच्युटी आदि सामाजिक सुरक्षा का लाभ नहीं मिलता है।

 

एक हेक्टेयर तक कृषि भूमि वाले कृषक, सरकारी नौकरी नहीं करने वाले और इन्कम टैक्स नहीं देने वाले व्यक्ति इस योजना के हित-लाभ लेने के पात्र है।

पंजीयन : इन श्रेणी के असंगठित श्रमिक का 'संबल' योजना में पंजीयन जरूरी है। पंजीयन के लिये श्रमिक को निर्धारित प्रारूप में नाम, आयु, परिवार के सदस्य, बैंक खाते आदि की जानकारी के साथ आवेदन संबंधित ग्राम पंचायत अथवा नगरीय निकाय कार्यालय को देना है। अभी तक विशेष शिविरों में 2 करोड़ 9 लाख लोगों ने पंजीयन करवाया है, जिनका सत्यापन कर परिचय-पत्र रूपी स्मार्ट कार्ड दिये जा रहे हैं।

सरल बिजली बिल स्कीम : इस स्कीम में पात्र उपभोक्ता को बिजली बिल मात्र 200 रूपये प्रतिमाह देना होगा। इससे कम का देयक होने पर वास्तविक देयक राशि का भुगतान ही करना होगा। बिजली बिल 200 रूपये से अधिक होने पर, अन्तर राशि सरकार सब्सिडी के रूप में देगी। एयर-कंडीशनर, हीटर, 1000 वॉट से अधिक के उपभोक्ता इस स्कीम का लाभ नहीं ले सकेंगे। स्कीम में घर में बल्ब, पंखा और टी.व्ही. चलाने की सुविधा है। परिवार को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन दिया जायेगा। सरलता से नामांतरण की सुविधा भी रहेगी।

हितग्राही को मात्र श्रमिक पंजीयन क्रमांक फार्म भरना होगा। इसके लिये कोई छाया-प्रति नहीं माँगी जायेगी। स्कीम नि:शुल्क है और इसमें शामिल होने की कोई अंतिम तिथि नहीं है। स्कीम का लाभ कुल 88 लाख श्रमिकों को मिल सकेगा। राज्य सरकार इस पर 1000 करोड़ की सब्सिडी दे रही है। लाभ लेने के लिये विद्युत वितरण कंपनी के निकटतम कार्यालय में संपर्क किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम : इस स्कीम में 77 लाख पंजीकृत श्रमिकों, संनिर्माण कर्मकारों और बी.पी.एल. उपभोक्ताओं के जून 2018 की स्थिति में बिजली बिल की पूर्ण बकाया राशि, जिसमें मूल बकाया राशि एवं सरचार्ज सम्मिलित है, माफ की जा रही है। माफी राशि का 50 प्रतिशत वितरण कंपनियों और मूल बकाया की शेष 50 प्रतिशत राशि के विरूद्ध वितरण कंपनियों को 1806 करोड़ की सब्सिडी देते हुए राज्य सरकार वहन करेगी। स्कीम का लाभ श्रम विभाग के पंजीकृत-कार्ड/बीपीएल-कार्ड का क्रमांक आवेदन पत्र में भरकर देने पर मिलेगा। लाभ लेने के लिये विद्युत वितरण कंपनी के निकटतम कार्यालय में संपर्क करना है। अब तक 63 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को 2200 करोड़ की राशि के माफी प्रमाण-पत्र दिये जा चुके हैं।

शिक्षा प्रोत्साहन योजना : पंजीकृत असंगठित श्रमिकों की संतानों को नि:शुल्क उच्च शिक्षा उपलब्ध करवाने के लिये विक्रमादित्य नि:शुल्क शिक्षा योजना के स्थान पर 'मुख्यमंत्री जन-कल्याण (शिक्षा प्रोत्साहन) योजना' इस शिक्षा सत्र से लागू की गई है। अनिवार्य अर्हताओं के साथ शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश पर राज्य सरकार द्वारा शिक्षण शुल्क वहन किया जायेगा। इनमें जेईई मेन्स में डेढ़ लाख तक रैंक पर इंजीनियरिंग कॉलेज, नीट के जरिये मेडिकल कॉलेज, पैरा-मेडिकल साइंस डिप्लोमा/डिगी/सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम, क्लेट के

जरिये लॉ कॉलेज, भारत सरकार के प्रमुख संस्थान/विश्वविद्यालय, राज्य शासन के महाविद्यालय/विश्वविद्यालय/ पॉलीटेक्निक/आईटीआई शामिल है।

विद्यार्थी को इन शिक्षा संस्थानों में प्रवेश लेने के लिये आवेदन-पत्र www.iti.mponline.gov.in पर ऑनलाइन भरना होगा। मेडिकल कॉलेजों तथा CLAT आदि में चयनित विद्यार्थी संबंधित कॉलेज के प्राचार्य से संपर्क करेंगे।

विद्यार्थियों को विषय तथा पाठ्यक्रम को समय-सीमा में पूर्ण करना आवश्यक होगा। अन्यथा लाभ बंद कर दिया जायेगा। शासकीय संस्थाओं के विद्यार्थियों को देय शुल्क संस्था के और निजी संस्थाओं के विद्यार्थी का शुल्क उसके आधार लिंक खाते में देय होगा। विद्यार्थी राज्य और केन्द्र शासन की किसी अन्य योजना से लाभ लेने की स्थिति में अंतर की राशि ही ले सकेगा।

नि:शुल्क चिकित्सा : योजना में पंजीकृत असंगठित श्रमिकों और परिवार के सदस्यों को शासकीय और मान्यता प्राप्त अशासकीय चिकित्सालयों में इलाज करवाने पर राज्य बीमारी सहायता योजना में चिन्हित गंभीर बीमारियों के दो लाख रूपये तक के मुफ्त इलाज की पात्रता होगी। आवेदन अपने सक्रिय श्रमिक पंजीयन क्रमांक के साथ जिला मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी या मान्यता प्राप्त चिकित्सालयों में किया जा सकेगा।

प्रसूति सहायता : इस सहायता के लिये 18 वर्ष से अधिक उम्र की गर्भवती महिला, जो मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा, कामकाजी महिला, हाथ-ठेला और साइकिल रिक्शा-चालक, शहरी गरीबों के, केश-शिल्पी, हम्माल और तुलावटी कल्याण योजनाओं तथा मध्यप्रदेश भवन एवं अन्य संनिर्माण कर्मकार मण्डल में स्वयं पंजीकृत महिला अथवा पंजीकृत श्रमिक पुरूष की पत्नी पात्र है।

गर्भावस्था के दौरान निर्धारित अवधि में अंतिम तिमाही तक चिकित्सक/एएनएम से जाँच करवाने पर 4000 तथा शासकीय चिकित्सालय में प्रसव होने पर 12000 रू. की सहायता दी जायेगी। इसमें प्रधानमंत्री मातृ-वंदना योजना की राशि शामिल होगी। इसका लाभ प्रथम दो जीवित जन्म लेने वाले प्रसव के लिये ही मिलेगा। सहायता के लिये उप, प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र के विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारी से सम्पर्क किया जा सकता है। सिविल अस्पताल के लिये प्रभारी सिविल अस्पताल, जिला अस्पताल/शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के लिये सिविल सर्जन-सह-मुख्य अस्पताल अधीक्षक और शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से भी सम्पर्क किया जा सकता है।

भुगतान के लिये हितग्राही को केवल एएनएम/चिकित्सक द्वारा सत्यापित मातृ एवं शिशु सुरक्षा कार्ड की प्रति, महिला अथवा पति के संबंधित श्रमिक संवर्ग के पंजीयन-कार्ड और आधार लिंक बैंक खाते की पास-बुक की छायाप्रति प्रस्तुत करना है। श्रमिक महिला या पति का श्रम सेवा पोर्टल में पंजीयन जरूरी है।

उन्नत व्यवसाय उपकरण अनुदान योजना : पंजीकृत असंगठित श्रमिक को उनके व्यवसाय की उन्नति के लिये जिस संवर्ग का श्रमिक है, उसी के लिये 1 अप्रैल 2018 के बाद उपकरण क्रय के लिये बैंक से ऋण प्राप्त करने पर ऋण का 10 प्रतिशत अथवा 5 हजार,

जो भी कम हो, का अनुदान दिया जायेगा। श्रमिक को 60 वर्ष की उम्र तक एक बार अनुदान की पात्रता होगी। यह जरूरी है कि श्रमिक को अन्य राज्य योजना में अनुदान न मिला हो।

ग्रामीण क्षेत्रों में अनुदान के लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत और नगरीय क्षेत्रों में आयुक्त नगरीय निकाय/मुख्य नगरपालिका अधिकारी को आवेदन किया जा सकेगा। आवेदन-पत्र में नाम, पता, पंजीयन क्रमांक, बैंक का वितरण, वांछित अनुदान राशि तथा अन्य योजनाओं में अनुदान प्राप्त नहीं होने संबंधी घोषणा-पत्र आदि की जानकारी होगी। बैंक का प्रमाण-पत्र और क्रय किये गये उपकरणों के बिल की प्रति भी जरूरी है। आवेदन का निराकरण 15 दिन में किया जायेगा। पोर्टल पर राशि के भुगतान के साथ स्वीकृति/अस्वीकृति-पत्र भी पोर्टल से ही जारी होगा।

अंत्येष्टि सहायता योजना : पंजीकृत असंगठित श्रमिक की मृत्यु पर उत्तराधिकारी को अंत्येष्टि के लिये तत्काल 5 हजार की राशि दी जा रही है। मृतक आयु सीमा का बंधन नहीं है। मृत्यु की सूचना ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत सचिव तथा नगरीय क्षेत्र में अधिकृत अधिकारी को दी जाना है, जो तत्काल पीड़ित परिवार से सम्पर्क कर सहायता राशि का नगद भुगतान करेंगे। आवेदन-पत्र की प्रतीक्षा नहीं की जायेगी।

इस सहायता के लिये प्रति ग्राम पंचायत 10 हजार की राशि ग्राम पंचायत सचिव के खाते में डाली जायेगी। नगर परिषद को 50 हजार, नगरपालिका को एक लाख, ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर और भोपाल नगर निगम को 5-5 लाख और शेष नगर निगमों को 2-2 लाख की अग्रिम राशि नोडल बैंक खाते से दी जायेगी।

सामान्य मृत्यु पर अनुग्रह सहायता योजना : पंजीकृत असंगठित श्रमिक की मृत्यु पर उसके उत्तराधिकारियों को 2 लाख की अनुग्रह राशि दी जायेगी। इसके लिये ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत कार्यालय और नगरीय क्षेत्रों में नगर निगमों के संबंधित जोनल कार्यालय तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी के कार्यालय में आवेदन करना होगा। उत्तराधिकारी, अनुग्रह राशि प्राप्ति के लिये सादे कागज पर अपना और मृतक का नाम, आवेदक से संबंध, मृतक का पंजीयन क्रमांक, आधार नम्बर, मृत्यु दिनांक, सभी उत्तराधिकारियों के विवरण के साथ स्व-प्रमाणित घोषणा-पत्र और मृत्यु प्रमाण-पत्र देगा। आवेदन के परीक्षण के बाद अनुग्रह राशि स्वीकृत कर पोर्टल से उत्तराधिकारी के बैंक खाते में जमा की जायेगी। आवेदन-पत्र का अंतिम निराकरण 15 दिन में किया जाना जरूरी है। पोर्टल पर राशि के भुगतान के साथ स्वीकृति/अस्वीकृति-पत्र भी पोर्टल से ही जारी होगा, जिसे आवेदक को तामील किया जायेगा।

दुर्घटना मृत्यु पर अनुग्रह सहायता योजना : पंजीकृत असंगठित श्रमिक, जिसकी आयु 60 वर्ष से अधिक न हो, की दुर्घटना में मृत्यु पर उत्तराधिकारी को 4 लाख की अनुग्रह राशि दी जायेगी। इसके लिये ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा ग्राम पंचायत और नगर निगम के संबंधित जोनल कार्यालय तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी के कार्यालय में आवेदन किया जा सकेगा। आवेदन में सादे कागज पर

उत्तराधिकारी और मृतक का नाम, आवेदक से संबंध, मृतक का पंजीयन क्रमांक, आधार-नम्बर, मृत्यु दिनांक, मृत्यु का कारण जिसमें दुर्घटना का विवरण हो, एफआईआर की प्रति, सभी उत्तराधिकारियों और बैंक खाता विवरण, स्व-प्रमाणित घोषणा-पत्र, मृत्यु प्रमाण-पत्र और पोस्टमार्टम की जानकारी देना जरूरी है। परीक्षण के बाद उक्त अधिकारी/कर्मचारी अनुग्रह राशि स्वीकृत कर पोर्टल से उत्तराधिकारी के बैंक खाते में भुगतान करेगा। आवेदन-पत्र का निराकरण 15 दिन में किया जाना जरूरी है। राशि के भुगतान के साथ स्वीकृति/अस्वीकृति पत्र भी पोर्टल से ही जारी होगा, जिसे आवेदक को तामील किया जायेगा।

स्थायी अपंगता पर अनुग्रह सहायता योजना : 60 वर्ष से अधिक आयु के पंजीकृत असंगठित श्रमिक, को किसी दुर्घटना अथवा अन्य किसी कारण से स्थायी अपंगता हो जाने पर 2 लाख की अनुग्रह राशि दी जायेगी। स्थायी अपंगता का अर्थ दोनों आँख, हाथ या पैर की हानि से है। सहायता के लिये ग्रामीण क्षेत्रों में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा ग्राम पंचायत और नगरीय क्षेत्र क्ष्रेत्रों में नगर निगम के संबंधित जोनल कार्यालय तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी कार्यालय में आवेदन किया जा सकेगा।

सादे कागज पर नाम, पंजीयन क्रमांक, आधार-नम्बर, दुर्घटना दिनांक, दुर्घटना का कारण जिसमें दुर्घटना का विवरण हो, प्राधिकृत चिकित्सक/एजेंसी का अपंगता प्रमाण-पत्र, बैंक खाते का विवरण तथा स्व-प्रमाणित घोषणा-पत्र सहित निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना है। आवेदन के परीक्षण के बाद उक्त अधिकारी/कर्मचारी अनुग्रह राशि स्वीकृत कर पोर्टल से श्रमिक के बैंक खाते में भुगतान करेगा। आवेदन का 15 में दिन निराकरण जरूरी है। राशि के भुगतान के साथ स्वीकृति/अस्वीकृति-पत्र भी पोर्टल से ही जारी होगा, जिसे आवेदक को तामील किया जायेगा।

आंशिक स्थायी अपंगता पर अनुग्रह सहायता योजना : इस योजना में 60 वर्ष तक के पंजीकृत असंगठित श्रमिक को दुर्घटना अथवा अन्य किसी कारण से आंशिक स्थायी अपंगता होने पर एक लाख की अनुग्रह राशि दी जाती है। आंशिक स्थायी अपंगता का अर्थ एक आँख, हाथ या पैर की हानि से है।

सहायता के लिये ग्रामीण क्षेत्र में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत तथा ग्राम पंचायत और नगरीय क्षेत्र में नगर निगम के संबंधित जोनल कार्यालय तथा मुख्य नगर पालिका अधिकारी कार्यालय में आवेदन किया जा सकता है।

अनुग्रह राशि प्राप्त करने के लिये सादे कागज पर नाम, पंजीयन क्रमांक, आधार-नम्बर, दुर्घटना दिनांक, दुर्घटना का कारण जिसमें दुर्घटना का विवरण हो, प्राधिकृत चिकित्सक/एजेंसी का अपंगता प्रमाण-पत्र, बैंक खाते का विवरण तथा स्व-प्रमाणित घोषणा-पत्र सहित आवेदन देना है। आवेदन के परीक्षण के बाद उक्त अधिकारी/कर्मचारी अनुग्रह राशि स्वीकृत कर पोर्टल से श्रमिक के बैंक खाते में भुगतान करेगा। आवेदन का 15 दिन में निराकरण जरूरी है। स्वीकृति/अस्वीकृति-पत्र भी पोर्टल से ही जारी होगा, जिसे आवेदक को तामील किया जायेगा।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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