Posted on 24 Apr, 2018 3:50 pm

 

मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना में मिली प्रोत्साहन राशि से किसानों को अगली फसल लेने के लिये आर्थिक ताकत मिली है। किसान यह सोचकर आश्चर्यचकित हैं और खुश भी कि राज्य सरकार ने पिछले साल का वह फायदा उन्हें दिया है, जिसे वह भूल चुके थे। अब किसान कहने लगे हैं कि राज्य सरकार किसानों की साथी है, किसानों का दर्द समझती है और उसका निराकरण भी करती है। बड़वानी जिले के कृषक रामेश्वर, देवराम और रघुवीर सिंह सोलंकी तथा भाबुआ जिले के किसान भरा सहित प्रदेश के करोड़ों किसान राज्य सरकार हर स्तर पर भरपूर सहयोग पाकर खेती को लाभकारी व्यवसाय बनाने में जुट गये हैं।

बड़वानी जिले के ग्राम तलवाड़ा डेब के किसान रामेश्वर देवराम ने एक साल पहले अपना 500 क्विंटल से ज्यादा गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचा था। उस समय उन्हें बाजारी कीमत भी मिली। एक साल बाद अचानक उनके खाते में एक लाख रूपये से अधिक राशि पहुँची तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने बैंक जाकर पता किया तो मालूम हुआ कि यह राशि तो मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना में राज्य सरकार की ओर से मिली है। रामेश्वर को यह रकम ऐसे समय मिली, जब वह अपने खेत में दूसरी फसल की तैयारी में लगे हैं।

इसी जिले के ग्राम अवली के किसान रघुवीर सिंह सोलंकी के साथ भी ऐसा ही हुआ। इन्होंने एक साल पहले 454 क्विंटल गेहूँ समर्थन मूल्य पर बेचा था। तब उन्हें उसका भुगतान मिला था। उसके ऐवज में उनके खाते में एकाएक 90 हजार 9 सौ रूपये की राशि आई, तो वह भी चकरा गए। कृषक सोलंकी स्नातकोत्तर तक पढ़े-लिखे हैं। उन्होंने बही खाते का मिलान करने पर पाया कि वाकई में उनके खाते में बोनस के रूप में 200 रूपये प्रति क्विंटल की दर से सरकार द्वारा यह राशि जमा करवाई गई। कृषक रघुवीर ने इस राशि से अगली फसल के लिए खाद बीज और अन्य उपयोगी साम्रगी खरीद ली है।

झाबुआ जिले के 4 हजार 444 किसानों को भी पिछले रबी सीजन में समर्थन मूल्य पर बेचे गए गेहूँ पर 200 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से 5 करोड़ रूपये से अधिक राशि प्रोत्साहन स्वरूप जमा कराई जा चुकी है। इन्हीं किसानों में से आमलीपठार के किसान भूरा है। इन्हें जब अपने खाते में 7 हजार 9 सौ रूपये जमा होने की जानकारी मिली, तो इन्हें ‍विश्वास नहीं हुआ। इन्होंने अपने साथी किसानों को इस बारे में बताया तो पता चला कि वह अकेला नहीं है, बल्कि अन्य किसानों के खाते में भी मुख्यमंत्री कृषक समृद्धि योजना के अन्तर्गत यह राशि पहुंची है। अब कृषक भूरा अगली फसल की तैयारी में जुट गये है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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