Posted on 28 Sep, 2018 9:24 pm

 

उज्जैन जिले के ग्राम गुराड़िया पित्रामल के कृषि मजदूर भंवरलाल के घर दो बेटियों के बाद बेटे का जन्म हुआ। भंवरलाल की आँखों के आगे तब अंधेरा छा गया, जब इंदौर के सीएचएल अपोलो हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बताया कि उनके 6 माह के बेटे भोला के दिल में छेद है और ऑपरेशन का खर्च ढाई लाख रुपये आयेगा। अस्पताल द्वारा बताई गई रकम का इंतजाम करना उसके लिये असंभव था।

तभी गाँव में आरबीएसके की टीम आयी और भोला को उज्जैन के जिला शीघ्र हस्तक्षेप केन्द्र भेजा। केन्द्र की मदद से भोला का 30 अगस्त, 2018 को बैंगलुरु के अस्पताल में सफल ऑपरेशन हो गया। एक माह बाद हुए फॉलोअप चेकअप में भोला पूर्ण स्वस्थ पाया गया है। अब उसकी जिंदगी को कोई खतरा नहीं है। भोला के माता-पिता आरबीएसके की टीम और शासन का शुक्रिया अदा करते नहीं थकते।

बैतूल जिले के ग्राम जामुनढाना के आनंद का 11 माह का बेटा ओमप्रकाश उम्र बढ़ने के बावजूद दुबला-पतला ही था। गाँव में पहुँची दस्तक अभियान की टीम ने उसका वजन मात्र 900 ग्राम पाया, जो स्वास्थ्य के लिये काफी खतरनाक था। ऑगनवाड़ी कार्यकर्ता ने ओमप्रकाश को 14 दिन के लिये चिचौली के एनआरसी में भर्ती करवाया। केन्द्र में पोषण-आहार के साथ उसकी पर्याप्त देखभाल हुई। परिवार वालों को पोषण-आहार बनाने, टीकाकरण और व्यक्तिगत स्वच्छता की भी समझाइश दी गई। चौदहवें दिन छुट्टी के समय ओमप्रकाश का वजन 7 किलो हो गया था और अब उसका विकास भी होने लगा है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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