Posted on 06 Apr, 2018 4:51 pm

 

टीकमगढ़ जिले की महिलाओं ने खेती के इतिहास में पहली बार कैक्टस फार्म हाउस तैयार कर लोगों को तरक्की का नया रास्ता दिखाया है। इन महिलाओं द्वारा कैक्टस का उपयोग उन्नत हरा पशु चारा बनाने के लिये किया जा रहा है। कैक्टस पशु चारा खाकर दुधारू पशु अधिक दूध देने लगे हैं। यहां पिछले वर्ष ही 70 महिला किसानों ने कैक्टस बीज के 300 पैकेट्स से कैक्टस फार्म हाउस शुरू किया है।

जिले में कैक्टस फार्मिग का नवाचारी प्रयास इन्टरनेशनल सेन्टर फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च इन ड्राय एरियाज (इकार्डा) और तेजस्विनी संस्था के सहयोग से शुरू किया गया है। जिले के पृथ्वीपुर ब्लॉक के ग्राम महुआबाग और टीकमगढ़ ब्लॉक के ग्राम महराजपुर में महिला स्व-सहायता समूहों ने अपनी आजीविका विस्तार गतिविधि के रूप में कैक्टस की खेती को पूरी तरह अपना लिया है।

महिला स्व-सहायता समूह कैक्टस पैदा कर इसका उपयोग अपने मवेशियों के लिये कर रहे हैं। साथ ही कैक्टस बेचकर अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर रही हैं। कैक्टस बेचकर लाभ कमा रहे इन महिला स्व-सहायता समूहों की सभी सदस्य महिलाओं के घरों में अब समृद्धि ने दस्तक दे दी है।

अल्पवर्षा से प्रभावित टीकमगढ़ जिले में कम पानी वाली फसलों की महती जरूरत है। इसी मंशा से जिले में कार्य कर रहे तेजस्विनी ग्रामीण महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के क्षेत्रीय अधिकारियों ने इन गांवों की महिलाओं को कैक्टस की खेती करके मुनाफा कमाने की प्रेरणा दी। विदेशी प्रजाति के ये कैक्टस बिना पानी के भी पैदा हो जाते हैं। केवल रोपण करते वक्त इसे थोड़ा पानी देने की जरूरत होती है। इसी खासियत के कारण गांव की महिलाओं ने कैक्टस की खेती शुरू की है।

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साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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