Posted on 04 Jul, 2016 1:08 pm

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प से अब महिलाओं का चूल्हे फूँकना बंद होगा और उन्हें गैस चूल्हा नि:शुल्क दिया जायेगा। केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा है कि अगले पाँच साल में प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में 80 लाख गैस कनेक्शन दिये जायेंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री प्रधान आज शहडोल में योजना का शुभारंभ कर रहे थे। समारोह में 7 हजार गैस कनेक्शन वितरित किये गये।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शहडोल में विश्वविद्यालय स्थापित करने की घोषणा की। उन्होंने शहीद भगत सिंह व्यवसायिक परिसर का भी लोकार्पण किया।

इस मौके पर वन मंत्री डॉ. गौरीशंकर शेजवार, लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह, आदिम जाति कल्याण मंत्री श्री ज्ञान सिंह, खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण एवं श्रम मंत्री श्री ओमप्रकाश धुर्वे उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया में भारत की शान बढ़ाई है। उन्होंने अल्प समय के कार्यकाल में ही भारतीय नागरिकों की बुनियादी समस्याओं को जाना और उनके समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाये। इसी कड़ी में ग्रामीण क्षेत्रों में चूल्हे पर खाना बनाने वाली महिलाओं के जीवन को सुरक्षित करने के लिये उन्होंने प्रधानमंत्री उज्जवला योजना बनाई गई। इस योजना से अब ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएँ चूल्हा फूँकने की बजाय गैस चूल्हे पर खाना बनायेंगी। उन्होंने कहा कि जिन बीपीएल कार्डधारियों को गैस कनेक्शन दिया जायेगा, उनका नाम गरीबी रेखा की सूची से नहीं काटा जायेगा।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने राज्य सरकार द्वारा गरीब वर्ग के लिये चलाई गई योजनाओं का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जहाँ गरीबों को एक रूपये किलो गेहूँ, चावल और नमक दिया जा रहा है। वर्षों से जो जिस जमीन पर बसा है उसको उसका पट्टा दिया जा रहा है। दिसंबर 2005 तक के वन भूमि पर काबिज वनवासियों को वनाधिकार पट्टा दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शहडोल संभाग में एक लाख से अधिक हितग्राहियों को वनाधिकार पट्टे दिये जायेंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अगले तीन साल में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में 20 लाख मकान गरीबों को दिये जायेंगे। उन्होंने बताया कि गरीब विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा दिलाने के लिये भी सरकार नि:शुल्क पाठय-पुस्तक, छात्रवृत्ति, गणवेश और सायकल वितरित कर रही हैं। अनुसूचित जाति, जनजाति के छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा के लिये कोचिंग की सुविधा उपलब्ध करवाई गई जिससे 300 से अधिक छात्र-छात्राएँ आईआईटी, आईआईएम, मेडिकल और इंजीनियरिंग कॉलेज में चयनित हुए। इनकी पढ़ाई का खर्च भी सरकार उठायेगी। लाड़ली लक्ष्मी योजना में 22 लाख बालिकाओं को लाभांवित किया गया है। शासकीय नौकरी में वन विभाग को छोड़कर 33 प्रतिशत का आरक्षण महिलाओं को दिया गया है।

केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बताया कि प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के प्रथम चरण में शामिल देश के 5 राज्य में मध्यप्रदेश एक है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पिछले 2 साल में 23 लाख गैस कनेक्शन दिये गये हैं, जिसमें से 17 लाख घर में एलपीजी गैस कनेक्शन है। उन्होंने बताया कि अगले 3 साल में 35 लाख और 5 वर्ष में 80 लाख गैस कनेक्शन प्रदेश में दिये जायेंगे।

शहडोल जिले को दी मुख्यमंत्री ने सौगात

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने शहडोल के विकास के लिये कई घोषणाएँ की और विभिन्न योजनाओं में हितग्राहियों को हितलाभ वितरित किये। उन्होंने कहा कि एसईसीएल की भूमि पर 60 वर्ष से जो लोग रह रहे हैं, उन्हें नहीं हटाया जायेगा। शहडोल संभाग में बड़े एवं छोटे झाड़ जिन जमीनों पर दर्ज हैं उसका मालिकाना हक जनता को दिया जायेगा। उन्होंने संभाग के 3 जिले के लिये 1015 करोड़ के कार्यों को स्वीकृति दी। उमरिया जिले के इंदवार अंचल के 162 गाँव के लिये 291 करोड़ की लागत की नल-जल योजना स्वीकृत की।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि शहडोल संभाग में 470 करोड़ की लागत से 6000 मकान बनाकर गरीबों को दिये जायेंगे। इसके साथ ही 200 से अधिक आबादी वाले गाँवों को राजस्व गाँव घोषित कर उनका सर्वांगीण विकास किया जायेगा। मनरेगा की मजदूरी और सामाजिक योजनाओं की पेंशन राशि का 5 किलोमीटर दूरी के हर गाँव में मोबाइल वेन के जरिये भुगतान करवाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने शासन की विभिन्न योजनाओं में 31 हजार 731 हितग्राहियों को लाभांवित किया। इनमें 5011 वनाधिकार पट्टे, 5656 लाड़ली लक्ष्मी योजना के प्रमाण-पत्र, 9715 भू-धारक प्रमाण-पत्र, 811 मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास, 160 पॉवर ट्रिलर ट्रेक्टर, 23 ट्रेक्टर एवं 304 हितग्राहियों को मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के लाभ पत्र वितरित किये।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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