Posted on 25 Apr, 2017 7:07 pm

भोपाल : मंगलवार, अप्रैल 25, 2017, 19:06 IST
 

मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की पहल पर कृषि प्रयोजन के लिये मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना की शुरूआत की गयी है। योजना के लिये राज्य शासन ने अधिसूचना जारी कर दी है। योजना का मुख्य उद्देश्य जिन क्षेत्रों में बिजली की उपलब्धता नहीं है, वहाँ सिंचाई की व्यवस्था, डीजल से सिंचाई वाले किसानों को वित्तीय भार से बचाना, विद्युत वितरण कम्पनी के अस्थाई विद्युत कनेक्शनों की संख्या में कमी लाना और डीजल पम्प से होने वाले प्रदूषण को कम करना है। अन्य उद्देश्यों में उत्पादकता बढ़ाने के लिये राज्य में सिंचित क्षेत्र बढ़ाना, किसानों को सक्षम बनाने के लिये बागवानी की फसलों को बढ़ावा देना एवं कुशल सिंचाई विधियों के माध्यम से भू-जल संरक्षण करना भी है।

योजना प्रदेश के उन दूर-दराज के क्षेत्र में क्रियान्वित होगी, जहाँ विद्युत अधोसंरचना का विकास नहीं हो सका है और कृषि पम्पों के लिये स्थाई विद्युत कनेक्शन नहीं हैं। योजना को समूह/क्लस्टर में लागू करने को प्राथमिकता दी जायेगी। योजना ऐसे श्रेणी के हितग्राहियों पर केन्द्रित रहेगी, उनमें ऐसे ग्राम/टोले/वन क्षेत्र या स्थल, जो वर्तमान में अविद्युतीकृत हैं और जहाँ अगले 2-3 वर्ष तक परम्परागत विद्युत पहुँचने की संभावना नहीं है। ऐसे विद्युतीकृत ग्राम-टोले, जिसमें सोलर पम्प का प्रस्तावित स्थापना स्थल विद्युत वितरण कम्पनी की विद्युत लाइन से कम से कम 300 मीटर दूर स्थित होना चाहिये। नदी या बाँध के समीप ऐसे स्थान जहाँ पर पानी की पर्याप्त उपलब्धता हो एवं फसलों के चयन के कारण जहाँ पानी की पर्याप्त उपलब्धता तथा वॉटर पम्पिंग की आवश्यकता ज्यादा रहती हो। योजना का क्रियान्वयन उन क्षेत्रों में किया जाना प्रस्तावित है, जहाँ विद्युत वितरण कम्पनी की वाणिज्यिक हानि काफी ज्यादा है या फिर अत्यधिक राजस्व हानि के कारण विद्युत वितरण कम्पनी द्वारा ट्रांसफार्मर लिये गये हैं।

हितग्राही अंश

कृषि कार्य के लिये सोलर पम्प की स्थापना 3 एच.पी. तक के सोलर पम्पों पर 90 प्रतिशत, 3 से 5 एच.पी. तक के लिये 85 प्रतिशत अनुदान प्राप्त होगा, जबकि 5 एच.पी. से अधिक क्षमता के सोलर पम्प पर 5 एच.पी. का राज्य अनुदान एवं निर्धारित केन्द्रांश ही लागू होगा। इस प्रकार हितग्राही को एक एच.पी., डी.सी. सब-मर्सिबल पम्प के लिये 17 हजार 500 रुपये, 2 एच.पी. डी.सी. सरफेस पम्प के लिये 20 हजार रुपये, 2 एच.पी. डी.सी. सब-मर्सिबल पम्प के लिये 23 हजार 500 रुपये, 3 एच.पी. डी.सी. सब-मर्सिबल पम्प के लिये 34 हजार रुपये, 5 एच.पी. डी.सी./ए.सी. सब-मर्सिबल पम्प के लिये 68 हजार रुपये, 7.5 एच.पी./ए.सी. सब-मर्सिबल पम्प के लिये 2 लाख 60 हजार रुपये, 10 एच.पी. डी.सी. सब-मर्सिबल पम्प के लिये 4 लाख 68 हजार रुपये तथा 10 एच.पी. ए.सी. सब-मर्सिबल पम्प के लिये 3 लाख 57 हजार रुपये मात्र देने होंगे।

'योजना का क्रियान्वयन''

योजना का लाभ प्राप्त करने के लिये कृषक के पास स्वयं का जल-स्रोत जैसे कि बोरवेल, कुआँ, नदी, स्टॉप डेम इत्यादि होना आवश्यक है। आवेदकों को निर्धारित प्रारूप में आवेदन करना होगा। आवेदन करने के लिये फार्म, कार्यालय जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी अथवा कार्यालय कृषि उप संचालक कृषि, किसान-कल्याण एवं कृषि विकास विभाग या निगम मुख्यालय से प्राप्त किये जा सकेंगे। योजना के क्रियान्वयन के लिये एक पृथक पोर्टल www.mpcmsolarpump.com भी तैयार किया जा रहा है, जिसके माध्यम से ऑनलाइन आवेदन भी स्वीकार्य होंगे। योजना के आवेदन 15 अप्रैल से 15 मई तक प्राप्त किये जायेंगे। आवेदन के साथ आवेदक को 5000 रुपये पंजीयन शुक्ल के रूप में जमा करवाना होगा। आवेदन उपयुक्त पाये जाने पर शेष राशि सोलर पम्प की क्षमता एवं प्रकार के अनुसार जमा करवानी होगी। आवेदन के उपयुक्त नहीं पाये जाने पर यह राशि वापस कर दी जायेगी। आवेदक को आवेदन के साथ भू-स्वामित्व संबंधी दस्तावेज का विवरण (खसरा नम्बर, ग्राम, आर.आई. सर्कल, तहसील, जिला इत्यादि), सिंचाई का वर्तमान स्रोत, कृषि के लिये विद्युत कनेक्शन है अथवा नहीं तथा अन्य वांछित जानकारी उपलब्ध करवानी होगी। पूर्ण रूप से भरे आवेदन मय आवश्यक दस्तावेजों के कार्यालय उप संचालक किसान-कल्याण और कृषि विकास, जिला अक्षय ऊर्जा अधिकारी कार्यालय अथवा निगम मुख्यालय में जमा करवाने होंगे। आवेदनों के परीक्षण के बाद पात्र आवेदकों के लिये सोलर पम्प की स्थापना की कार्यवाही की जायेगी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश