Posted on 23 Sep, 2017 10:55 am

 

सुगम्य भारत अभियान की सफलता के बारे में जागरूकता के लिए प्रदेश सरकार और भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने ट्वीटर और फेसबुक कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया। मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्वीटर हेण्डल @CMMadhyapradesh और सुगम्य भारत अभियान के आधिकारिक ट्वीटर हेण्डल@MSJE_AIC के मध्य प्रश्न-उत्तर फॉर्मेट में इंटरेक्टिव चर्चा की गई।

फेसबुक और ट्वीटर दोनों कॉन्फ्रेंस की संयुक्त पहुँच पूरे देश में 2 लाख 50 हजार लोगों तक थी। यह विचार-विमर्श सुगम्य भारत मिशन से मध्यप्रदेश में दिव्यांगों को बाधा रहित सुविधाएँ प्रदान करने की प्रगति के संबंध में हुआ। बताया गया कि कैसे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में प्रदेश सरकार दिव्यांगों को विभिन्न क्षेत्रों में बाधा रहित जीवन और सुविधाएँ प्रदान करने के लिए अथक प्रयास कर रही है।

कॉन्फ्रेंस में दिव्यांगों की सुविधा अनुसार प्रदेश के विभिन्न शासकीय भवनों के पुनर्निर्माण, भवनों, अस्पतालों में व्हील-चेयर की पहुँच के साथ विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर ऑडियो-विज़ुअल संकेतक के बारे में चर्चा हुई। अस्पतालों और शासकीय भवनों के लिए डिजाइन किये गये शौचालयों तथा दिव्यांगों के लिए आरक्षित वाहन पार्किंग के विषय में जानकारी दी गई। इस दौरान दिव्यांगों को ध्यान में रखकर स्मार्ट सिटी की परिकल्पना के साथ उनके सुझाव को भी इसमें शामिल करने पर बात की गई। मध्यप्रदेश के ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में दिव्यांग अनुकूल सुविधाओं को डिजाइन करने के प्रयास को सरकार मूर्तरूप दे रही है। प्रदेश की प्रत्येक पंचायत को एक्सेसिबिलिटी सुविधा प्रदान करने के लिए जवाबदेह बनाया गया है।

स्कूल, पंचायत भवन, सामुदायिक केंद्र आदि को इस प्रकार विकसित किया जा रहा है कि शारीरिक रूप से विकलांगों को आवागमन में आसानी हो। इसी तरह, भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और उज्जैन की स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में अलग-अलग तरीके से दिव्यांगजनों की जरूरतों को पूरा करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार का पूरा जोर इस बात पर है कि सभी स्मार्ट शहरों में सभी महत्वपूर्ण सार्वजनिक और पर्यटन स्थलों में एक्सेस रेम्प, ड्रॉप कर्ब, हैंड्रिल, पार्किंग में आरक्षित जगह के साथ ब्रेल और स्पर्शरेखा हस्ताक्षर जैसी सुविधाओं का लाभ दिव्यांगजन को अवश्य मिले।

प्रदेश में आवासीय स्कूल और स्मार्ट क्लासेज दिव्यांगजन की सुविधा को ध्यान में रखकर बनाये जा रहे हैं। स्मार्ट क्लास-रूम में दिव्यांग बच्चों के लिए ब्रेल लिपि सहित उनकी जरुरत के उपकरणों की व्यवस्था की गई है। उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए नियमित छात्रवृत्तियाँ भी दी जा रही हैं।

दिव्यांगजन के लिए 52 वेबसाइट्स को इस तरह डिज़ाइन किया जा रहा है, कि उन्हें ऑडियो-वीडियो तकनीक के मिश्रण के जरिए जानकारी प्राप्त हो सके। दिव्यांगजन के समाज में योगदान बढ़ाने के प्रयास भी किए जा रहे हैं, जिसका उत्कृष्ट उदाहरण इंदौर में स्पर्श थेरेपी 'पंच स्पर्श' है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए रोज़गार मेला जैसे आयोजन किए जाते हैं, जिससे शिक्षित दिव्यांगजन को अवसर मिले। खेल में भी उपलब्धि हासिल कर सकें, इसके लिए धनराशि उपलब्ध कराई जाती है। खिलाड़ियों को सरकार से मिल रहे सहयोग का प्रमाण है कि राज्य के विभिन्न दिव्यांग खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफलता मिली। असिस्टेंट टू डिसेबल पर्सन (ADIP) शिविरों का आयोजन कुछ अन्तराल पर किया जाता है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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