मध्यप्रदेश में अप्रवेशी बच्चों को स्कूल भेजने का महा-अभियान
Posted on 14 Jun, 2016 7:11 pm
मध्यप्रदेश में शाला जाने से वंचित अप्रवेशी बच्चों को स्कूल भेजने का महा-अभियान चलाया जा रहा है। पिछले वर्षों की तरह इस साल भी 'स्कूल चलें हम'' अभियान को चार चरण में संचालित किया जा रहा है। वर्तमान में दूसरा चरण चल रहा है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान 15 जून को सुबह 9 बजे रायसेन जिले के सिलवानी के उत्कृष्ट विद्यालय में अभियान के राज्य-स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होंगे। स्कूल शिक्षा मंत्री श्री पारस जैन भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।
राज्य-स्तरीय इस कार्यक्रम में 2500 विद्यार्थी शामिल होंगे। विद्यार्थियों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये जायेंगे। इस अवसर पर शाला में प्रवेश लेने वाले नये बच्चों को बस्ता, पुस्तक और गणवेश वितरित किये जायेंगे। साथ ही 20 दिव्यांग विद्यार्थी को एम.आर. किट, व्हील-चेयर और ट्राइसिकल भेंट की जायेगी। इस मौके पर प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को सम्मानित किया जायेगा। कार्यक्रम में जन-प्रतिनिधियों के अलावा शिक्षक भी उपस्थित रहेंगे।
प्रदेश में नये शिक्षा सत्र के साथ चल रहे अभियान के दूसरे चरण में बच्चों के शाला में नामांकन और जागरूकता के कार्य को जन-आंदोलन का रूप दिया गया है। इस दौरान पूरे प्रदेश में शैक्षणिक वातावरण का निर्माण करते हुए बच्चों को स्कूलों में प्रवेश दिलवाने की पुख्ता व्यवस्था की गयी है। इस साल अभियान का मुख्य उद्देश्य सभी बच्चों का शाला में प्रवेश और उन्हें गुणवत्तायुक्त शिक्षा के साथ बहु-आयामी विकास है। इस दृष्टि से कम नामांकन वाले क्षेत्रों और सामाजिक वर्गों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। उन्हें शिक्षा के महत्व से अवगत करवाने के लिये शासकीय कर्मचारियों और प्रेरकों का सहयोग लिया गया है। अभियान में नागरिकों की सहभागिता सुनिश्चित की गयी है। प्रेरक के रूप में व्यक्ति, संस्था, कॉर्पोरेट संस्थान और मीडिया ग्रुप को जोड़ा गया है। इसके लिये एक मिस्ड कॉल 0755-2570000 स्थापित किया गया है। इस नम्बर पर अब तक अभियान से जुड़ने के लिये 5000 से अधिक व्यक्ति प्रेरक के रूप में पंजीकृत हो चुके हैं।
अभियान में शिक्षा की गुणवत्ता को ध्यान में रखकर विगत वर्ष का अकादमिक रिवीजन प्रारंभ किया गया है। इसमें नये शिक्षा सत्र के प्रारंभ में कुछ दिन तक पिछली कक्षा की पाठ्य सामग्री का रिवीजन कक्षाओं में होगा। अकादमिक गुणवत्ता कार्य-योजना में प्रधानाध्यापक और शिक्षकों को गुणवत्ता उन्नयन संबंधी प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा। इसके पहले यह भी सुनिश्चित किया जायेगा कि पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों को पढ़ना-लिखना और अंक गणित का ज्ञान हो तथा तीसरी कक्षा से आगे के बच्चों को विषय से संबंधित जानकारी हो। अभियान में 16 जून को संचालित होने वाले प्रवेशोत्सव में विभिन्न खेल-कूद, सांस्कृतिक एवं अन्य गतिविधियाँ संचालित होंगी। लगातार 7 दिन तक पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियाँ भी करवायी जायेंगी।
साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश