Posted on 08 Jul, 2018 2:27 pm

मध्यप्रदेश के लाखों श्रमिक और बीपीएल वर्ग की जिंदगी में छाया अंधेरा अब दूर होने जा रहा है। पहले सौभाग्य योजना फिर अब सरल बिजली बिल और मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम में उन्हें सस्ती दर पर बिजली मुहैया करवाने के साथ बकाया बिजली बिल से भी मुक्ति दिलाई जा रही है। सौभाग्य योजना से अब तक जहाँ 17 लाख से अधिक घरों को बिजली कनेक्शन दिये गये, वही एक जुलाई से लागू दोनों नई योजनाओं ने पंजीकृत श्रमिकों और बिजली बिल के बकायादार बीपीएल श्रेणी के गरीबों की जिंदगी को रोशन कर दिया है।

सरल बिजली बिल स्कीम

सरल बिजली बिल स्कीम में मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना-2018 में पंजीकृत श्रमिक उपभोक्ताओं को घरेलू कनेक्शन के लिए प्रति माह 200 रुपये अथवा पिछले 12 माह का औसत जो भी कम हो, का बिल ही भरना होगा। बिल की शेष राशि राज्य सरकार सब्सिडी के रूप में भरेगी। स्कीम का लाभ 88 लाख श्रमिक उपभोक्ताओं को मिलेगा। श्रमिकों के हक में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा उठाया गया यह सबसे बड़ा कदम है। स्कीम के लागू होने से अब श्रमिक की आय का एक बड़ा हिस्सा बिजली खर्च से बचेगा। बची हुई यह राशि उनके बच्चों की पढ़ाई-लिखाई आदि में खर्च हो सकेगी। स्कीम का स्वरूप न सिर्फ व्यापक है बल्कि श्रमिकों का व्यापक हित भी इससे जुड़ा हुआ है, जिसके दूरगामी परिणाम सुखद होंगें। यह प्रावधान रखा गया है कि पंजीकृत श्रमिकों के परिवार की समग्र आई.डी. में दिखाये गये सदस्यों में से कोई भी उपभोक्ता होने पर वह लाभ का पात्र होगा। अगर उपभोक्ता चाहे तो नि:शुल्क नामांतरण भी करवा सकता है।

एक जुलाई से लागू इस स्कीम का बिल अगस्त में आयेगा। घर में बल्ब, पंखा एवं टी.वी चलाने के लिए प्रारंभिक रूप से बिलिंग खपत अधिकतम 100 यूनिट रखी जायेगी। स्कीम में लाभ के लिये मुख्यमंत्री संबल योजना में पंजीकृत श्रमिकों को आवेदन-पत्र विद्युत वितरण कंपनी के निकटतम कार्यालय/कैम्प में जमा करना होगा। स्व-घोषणा आवेदन-पत्र पर इस स्कीम का लाभ दिया जायेगा। लाभ श्रम विभाग में पंजीयन की वैधता जारी रहने तक उपलब्ध होगा। यदि कोई पात्र हितग्राही विद्युत उपभोक्ता अर्थात् जिस व्यक्ति के नाम बिजली कनेक्शन है के परिवार का सदस्य है और उपभोक्ता के साथ ही रहता है, तो ऐसे कनेक्शन पर भी स्कीम का लाभ दिया जायेगा। इसके लिए उपभोक्ता का नाम परिवर्तन आवश्यक नहीं होगा, परन्तु परिवार का सदस्य उन्हीं व्यक्तियों को माना जाएगा, जिनके नाम समग्र डाटाबेस में एक परिवार के रूप में अंकित हो। यदि किसी पात्र हितग्राही के निवास स्थान का बिजली कनेक्शन उसके नाम पर न होकर किसी अन्य के नाम पर है तथा पात्र हितग्राही उसे अपने नाम करवाना चाहता है, तो विद्युत कंपनी पूरी जानकारी देते हुए सहायता और मार्गदर्शन करेगी।

एयर कंडीशनर, हीटर का उपयोग करने वाले उपभोक्ता तथा 1000 वॉट से अधिक संयोजित भार वाले उपभोक्ता स्कीम के लिए अपात्र होंगे। जहाँ मीटर स्थापित हो, वहाँ मीटर से रीडिंग करते हुए बिल की गणना की जाएगी। विद्युत अधिनियम, 2003 की धारा 55 के प्रावधान के अनुसार नये कनेक्शन के लिए चरणबद्ध तरीके से मीटर की उपलब्धता के आधार पर मीटर स्थापित किये जायेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में 500 वॉट तक के संयोजित भार वाले अनमीटर्ड उपभोक्ताओं की विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2018-19 के टैरिफ आर्डर में निर्धारित श्रेणी एल.वी.1.2 की उप श्रेणी के अनमीटर्ड कनेक्शन के लिए लागू दर से बिलिंग की जाएगी। इसी क्रम में 500 वॉट से अधिक संयोजित भार वाले उपभोक्ताओं की आयोग के प्रचलित विनियम के अनुसार बिलिंग की जाएगी।

शहरी क्षेत्रों में स्थापित मीटर की रीडिंग जारी रहेगी एवं विद्युत नियामक आयोग के प्रचलित विनियम अनुसार बिल की गणना की जाएगी। विद्युत कंपनी आयोग द्वारा निर्धारित मानदण्ड के अतिरिक्त और कोई भी आंकलित यूनिट बिल में नहीं जोड़ेगी। उपभोक्ता के बिल में देय राशि तथा शासन द्वारा दी गई सब्सिडी का स्पष्ट उल्लेख रहेगा। प्रचलित दर से विद्युत शुल्क अधिरोपित किया जाएगा, जिसके सहित उपभोक्ता द्वारा मात्र 200 रुपये प्रतिमाह की राशि देय होगी। विद्यमान उपभोक्ता से अतिरिक्त सुरक्षा निधि नहीं ली जाएगी। नये कनेक्शन के लिए सौभाग्य योजना की तरह व्यवस्था रहेगी, जिसमें सुरक्षा निधि नहीं ली जायेंगी। उपभोक्ताओं को स्कीम का लाभ देने के लिए वितरण कंपनियों द्वारा वितरण केन्द्रवार, हाट/ बाजारों आदि में कैम्प लगाये जा रहे हैं। श्रमिक पंजीयन प्रमाण-पत्र की छायापति मांगने की जरूरत नहीं रहेगी।

मुख्यमंत्री बकाया बिजली बिल माफी स्कीम

स्कीम की सबसे बड़ी खासियत यह है कि न्यायालयीन अथवा चोरी के प्रकरणों के अलावा पूर्व में समाधान योजना का लाभ ले चुके उपभोक्ता भी पात्र होंगे। इसके अलावा यदि पंजीकृत श्रमिक के पास घरेलू बिजली कनेक्शन नहीं है तो उसे भी फ्री में कनेक्शन दिया जायेगा तथा कोई सुरक्षा-निधि नहीं ली जायेगी। एक जुलाई से लागू स्कीम में पंजीकृत श्रमिक और बीपीएल उपभोक्ताओं के 30 जून 2018 की स्थिति के बकाया लगभग 5200 करोड़ के घरेलू बिल माफ कर दिये गये हैं। इसका सीधा लाभ 77 लाख उपभोक्ताओं को मिला है। इसमें बीपीएल श्रेणी के उपभोक्ता भी शामिल है।

स्कीम का उद्देश्य

घरेलू बिजली बिलों का भुगतान समय से नहीं कर पाने के कारण मूल बकाया राशि और उस पर अधिरोपित सरचार्ज के कारण उपभोक्ता के बिलों की राशि बहुत ज्यादा हो जाती है। मुख्यमंत्री जन कल्याण (संबल) योजना में पंजीकृत श्रमिकों और बीपीएल उपभोक्ताओं के घरेलू बिजली कनेक्शन की पुरानी बकाया राशि का निराकरण कर उन्हें नियमित बिल भुगतान करने के लिये प्रेरित करने के उद्देश्य से ही यह माफी स्कीम लागू की गई है। स्कीम का प्रभाव जून 2018 तक की कुल बकाया राशि पर लागू होगा।

पात्र उपभोक्ता

संबल योजना में पंजीकृत श्रमिक और बीपीएल उपभोक्ताओं के घरेलू कनेक्शन पर बिजली बिल की बकाया राशि को श्रम विभाग के पंजीयन अथवा बीपीएल कार्ड का क्रमांक उपलब्ध करवाने पर माफ किया जाएगा। ऐसे पंजीकृत श्रमिक जिनके निवास का बिजली कनेक्शन उसके स्वयं के नाम पर न होकर उसके परिवार के किसी सगे-संबंधी के नाम पर हो तथा बीपीएल उपभोक्ता को सरलता से नामांतरण की सुविधा देते हुए उपभोक्ता के साथ निवासरत होने की दशा में स्कीम का लाभ दिया जायेगा। यदि संबल योजना में पंजीकृत कोई पात्र हितग्राही-बिजली उपभोक्ता के परिवार का सदस्य है और उसके साथ रहता है, तो ऐसे कनेक्शन पर भी स्कीम का लाभ मिलेगा। इसके लिए उपभोक्ता का नाम बदलना जरूरी नहीं होगा, तथापि ऐसे प्रकरण में परिवार का सदस्य उन्हीं व्यक्तियों को माना जाएगा, जिनके नाम समग्र डाटाबेस में एक परिवार के रूप में अंकित हों।

स्कीम का स्वरूप

उपभोक्ता के जून, 2018 तक के बिल में देय मूल बकाया राशि और सम्पूर्ण सरचार्ज राशि माफ की जावेगी। इसके लिए आवेदन मिलने के बाद बकाया माफी प्रमाण-पत्र भी जारी किया जाएगा। सरचार्ज की पूरी रा‍शि एवं मूल बकाया राशि का 50 प्रतिशत वितरण कंपनी द्वारा माफ किया जायेगा तथा शेष 50 प्रतिशत राज्य शासन द्वारा वहन किया जायेगा। इसकी एवज् में राज्य शासन द्वारा तीन वर्ष अथवा 2018-19, 2019-20 एवं 2020-21 में सब्सिडी दी जायेगी। स्कीम में संबल योजना में पंजीकृत और बीपीएल श्रेणी के वे उपभोक्ता भी शामिल हो सकते हैं, जिन पर सामान्य बिजली बिल की राशि बकाया है और जिन्होंने बकाया राशि बाबत् न्यायालयीन प्रकरण दर्ज किया है और प्रकरण लंबित है। ऐसे उपभोक्ता जिन पर बिल की राशि बकाया होने से कनेक्शन स्थायी अथवा अस्थायी रूप से विच्छेदित किया गया था और जिन पर विद्युत अधिनियम की धारा 126, 135 या 138 में प्रकरण दर्ज हो और उनके बिल की राशि बकाया हो, ऐसे उपभोक्ताओं की निर्धारण अधिकारी द्वारा जारी निर्धारण आदेश की कंपाउडिंग फीस और देय ब्याज इत्यादि सहित पहले की बकाया समेत पूरी राशि माफ की जाएगी। पात्र हितग्राहियों के उपरोक्तानुसार निराकरण के बाद विशेष विद्युत न्यायालयों में दर्ज सभी प्रकरणों को समाप्त करने की कार्यवाही शुरू की जाएगी। पहले के वर्षो से जारी समाधान योजना में लाभ ले चुके घरेलू उपभोक्ता पात्रता के अनुसार इस स्कीम में फिर लाभ ले सकेंगे।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश