Posted on 13 Dec, 2016 7:17 pm

भोपाल : मंगलवार, दिसम्बर 13, 2016, 18:24 IST
 

मध्यप्रदेश के इतिहास में पहली बार बिजली की माँग 11 हजार मेगावाट से ऊपर पहुँच गई है। बिजली की माँग की बढ़ोत्तरी का मुख्य कारण रबी सीजन में किसानों को 10 घंटे गुणवत्तापूर्ण एवं निर्बाध बिजली की आपूर्ति है। इसके साथ ही सभी उपभोक्ताओं को रोशनी के लिए 24 घंटे बिजली की लगातार सप्लाई भी की जा रही है।

प्रदेश में गत 12 दिसंबर को सुबह 9 बजे बिजली की सर्वोच्च माँग का ऐतिहासिक रिकार्ड उस समय बना जब बिजली की माँग 11हजार 67 मेगावाट के शिखर तक पहुँच गई। इसी दिन इस वर्ष की एक दिन की सर्वाधिक बिजली आपूर्ति 21 करोड़ 66 लाख 34 हजार यूनिट की गई। बिजली की ऐतिहासिक सप्लाई करने में सभी बिजली कंपनी का योगदान रहा। ऊर्जा मंत्री श्री पारस जैन, अपर मुख्य सचिव ऊर्जा श्री इकबाल सिंह बैंस एवं एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के प्रबंध संचालक श्री संजय कुमार शुक्ल ने अभियंताओं और कार्मिकों को बधाई दी है।

प्रदेश में पिछले दो दिन से बिजली की माँग 11 हजार मेगावाट से ऊपर एवं 15 नवम्बर से 11 दिसंबर तक 10 हजार मेगावाट से अधिक दर्ज हुई है।

पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, रीवा एवं सागर) में बिजली की माँग 2,798 मेगावाट, मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल एवं ग्वालियर) में 3,445 मेगावाट और पश्चि‍म क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर एवं उज्जैन) में 4,824 मेगावाट दर्ज की गई है।

कैसे हुई बिजली सप्लाई

प्रदेश में 11 दिसंबर को जब बिजली की माँग 11 हजार 67 मेगावाट दर्ज हुई, उस समय बिजली की सप्लाई में मध्यप्रदेश पॉवर जनरेटिंग कंपनी के ताप एवं जल विद्युत गृहों का उत्पादन अंश 3,371 मेगावाट, इंदिरा सागर-सरदार सरोवर-ओंकारेश्वर जल विद्युत परियोजना का अंश 1,110 मेगावाट, एनटीपीसी व डीवीसी (सेंट्रल सेक्टर) का अंश 2,950 मेगावाट, सासन अल्ट्रा मेगा पॉवर प्रोजेक्ट और आईपीपी का अंश 2,081 मेगावाट रहा। बिजली बैंकिंग से प्रदेश को 1,027 मेगावाट बिजली प्राप्त हुई। नवकरणीय स्त्रोत सहित अन्य स्त्रोत से 529 मेगावाट बिजली मिली।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश