Posted on 06 Sep, 2016 5:59 pm

 

2100 करोड़ के पहले चरण में 400 केवी के तीन एवं 220 केवी के सात सब स्टेशन बनेंगे 

भोपाल : मंगलवार, सितम्बर 6, 2016, 17:07 IST
 

मध्यप्रदेश पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी द्वारा नवकरणीय विद्युत परियोजनाओं की बिजली निकासी एवं ट्रांसमिशन सिस्टम के सुदृढ़ीकरण और अंतर्संबंधता के लिये ग्रीन एनर्जी कॉरीडोर कार्य-योजना तैयार की गई है। योजना की अनुमानित लागत 4 हजार 700 करोड़ रूपये है। इसमें ट्रांसमिशन सिस्टम के सुदृढ़ीकरण के कार्य 3 हजार 575 करोड़ एवं नवकरणीय विद्युत परियोजनाओं की ट्रांसमिशन सिस्टम से अंतर्संबंधता के कार्य 1,125 करोड़ रूपये की लागत से करवाए जायेंगे।

मध्यप्रदेश में आगामी पाँच वर्ष में 5 हजार 847 मेगावाट की नवकरणीय विद्युत परियोजनाएँ स्थापित होने वाली हैं। परियोजनाओं में सोलर विद्युत परियोजना में 2588, पवन (विंड) विद्युत परियोजना में 2704, लघु, सूक्ष्म (मिनी-माइक्रो) जल विद्युत परियोजना में 282 एवं जैव ईंधन (बॉयोमॉस) में 271 मेगावाट बिजली के उत्पादन की संभावना है।

ट्रांसमिशन सिस्टम सुदृढ़ीकरण के कार्य दो चरण में करने की योजना बनाई गई है। पहले चरण की लागत 2100 करोड़ एवं दूसरे चरण की लागत 1475 करोड़ रूपये अनुमानित की गई है। पहले चरण को आगामी तीन वर्ष में पूर्ण किया जाना प्रस्तावित है। इससे प्रदेश की संबद्ध नवकरणीय विद्युत परियोजनाओं की क्षमता लगभग 4100 मेगावाट हो जाएगी। योजना वर्ष 2019-20 तक पूर्ण होने की संभावना है।

पहले चरण में 400 केवी के तीन सब स्टेशन मंदसौर, सागर एवं उज्जैन में बनाए जायेंगे। इसी तरह 400 केवी की 690 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन का नेटवर्क तैयार किया जायेगा। कार्य योजना में 220 केवी के सात सब स्टेशन सेंधवा, जावरा, गुड़गाँव, कानवन, रतनगढ़, सुसनेर और सैलाना में बनाये जायेंगे। साथ ही 220 केवी की 1,196 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन का नया नेटवर्क तैयार किया जायेगा। इसके अतिरिक्त 132 केवी की 956 सर्किट किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन के नए नेटवर्क के साथ 132 केवी के दो अतिरिक्त ट्रांसफार्मर भी स्थापित किए जायेंगे।

पहले चरण के लिए जर्मनी का केएफडब्ल्यू डेव्लपमेंट बैंक परियोजना की अनुमानित लागत का 40 प्रतिशत अंश सॉफ्ट लोन के रूप में 840 करोड़ रूपये (124 मिलियन यूरो) देगा। पॉवर ट्रांसमिशन कंपनी को राष्ट्रीय स्वच्छ ऊर्जा निधि (एनसीईएफ-नेशनल क्लीन एनर्जी फंड) से 40 प्रतिशत अंश के रूप में 840 करोड़ रूपये का अनुदान प्राप्त होगा। पहले चरण के लिए राज्य शासन द्वारा 20 प्रतिशत अंश के रूप में 420 करोड़ की राशि प्रदान की जाएगी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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