Posted on 05 Mar, 2018 7:37 pm

 

शहडोल जिले के नौजवानों ने रोजगार सृजन के क्षेत्र में मत्स्य पालन से नया इतिहास रचा है। नौकरी के लिए भटकने से बेहतर मत्स्य पालन को अपना कर इरफान और वाहन चालक की नौकरी छोड़ भूरा राम शर्मा ने मत्स्य पालन कर खुद को और परिवार को सफल व्यवसाय से जोड़ा है। इरफान और भूरा राम जिले के दूसरे बेराजगारों के लिये प्रेरणा स्त्रोत बन गये हैं।

शहडोल जिले के सोहागपुर विकास खंड के गोरतरा झिरिया टोला निवासी इरफान ने पढ़ाई के बाद नौकरी की तलाश शुरू की, पर आशातीत सफलता नहीं मिली। इरफान ने मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों की सलाह पर मत्स्य पालन की योजना बनाई। उन्होंने पथरीली और तीन ओर से बरसाती नालों से घिरी 4 हेक्टेयर बंजर भूमि खरीद कर तालाब बनाया। तालाब में इरफान ने मत्स्य बीज प्रक्षेत्र का निर्माण का व्यवसाय शुरू किया। मत्स्य बीज संवर्धन से इरफान को इतना लाभ हुआ है कि वह अपने परिवार का पालन-पोषण कर घरेलू जरूरतों को पूरा करने में पूर्णत: सक्षम हो गया है। इरफान ने मत्स्य पालन से हुई आय से प्रक्षेत्र में स्वयं का बिजली का ट्रान्सफार्मर और टयूबवेल भी लगवाया है। इरफान का कहना है कि वह अब नौकरी तलाशते नहीं, दूसरों को नौकरी देते हैं। 

शहडोल जिले के ही जयसिंह नगर विकासखंड के ग्राम कुबरा के भूरा राम शर्मा ने ट्रक ड्रायवरी की नौकरी छोड़ स्वयं के एक हेक्टेयर खेत में मत्स्य पालन के लिए तालाब बना कर व्यवसाय शुरू किया। तालाब निर्माण के लिये इन्हें ऋण और अनुदान मिला। भूरा राम ने पहले वर्ष में ही 35 क्विंटल मछली का उत्पादन किया। भूरा राम को मछली उत्पादन से अब पर्याप्त आमदनी हो रही है। बैंक ऋण की अदायगी और घर का खर्च आसानी से चल रहा है।

 

 

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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