Posted on 20 Jul, 2016 6:22 pm

मतदाता सूची की स्थिति सुधारने और मतदान केन्द्र की स्थिति और क्षेत्र को उपयुक्त बनाने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग ने "राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धिकरण" (एनईआरपी) 2016 की शुरूआत की 
 

भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) सभी पात्र नागरिकों के नामांकन को बहुत महत्व देता है और मतदाताओं को सुविधाजनक स्थान पर स्थित भवनों तक पहुंचने और वहां बिना किसी परेशानी के अपने वोट डालने के लिए उनकी सहायता करता है। वर्ष 2016 के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग का उद्देश्य है कि "कोई भी मतदाता पीछे न छूटे"। आयोग के फील्ड पदाधिकारियों और हितधारकों के साथ विचार-विमर्श करके गहन सत्यापन के साथ पूरे देश में इस सप्ताह "राष्ट्रीय मतदाता सूची शुद्धिकरण" (एनईआरपी) कार्यक्रम शुरू किया गया है। इसका उद्देश्य मतदाता सूचियों की शुचिता और निष्ठा को बढ़ाना और मतदाताओं को अपने-अपने मतदान केंद्रों तक आसानी से पहुंचने में सहायता प्रदान करने के लिए मतदाताओं की सुविधा हेतु मतदाता केंद्रों का मानकीकरण करना है। 

एनईआरपी 2016 के दो लक्ष्य हैं - (1) मतदाता सूचियों में सुधार लाने के लिए एक मिशन के रूप में सभी पात्र नागरिकों को शामिल करना; मतदाता सूचियों में कोई त्रुटि न होना; विशिष्ट मतदाता फोटो पहचान पत्र (ईपीआईसी) संख्या के साथ प्रत्येक पात्र मतदाता के लिए एकल मतदाता सूची प्रवेश; सभी अनुपस्थित (ए) / स्थान बदलने वाले (एस) / मृत (डी) मतदाताओं की 'प्रविष्टियों और उनके दोहराव को हटाना और फोटो मतदाता सूची (पीईआर) को भारतीय निर्वाचन आयोग के मानकों की पुष्टि करते हुए प्रत्येक मतदाता के अच्छी गुणवत्ता वाले सही फोटो के साथ, फोटो मतदाता सूचियां सुनिश्चित करना, और मतदाताओं के संपर्क विवरणों को प्राप्त करके मतदाताओं को भारतीय निर्वाचन आयोग से जोड़ना। (2) सेक्सनों, मतदान केंद्रों की चारदीवारियों और स्थल का मानकीकरण और जीआईएस प्रौद्योगिकी का उपयोग करते हुए सेक्सनों के मानकीकरण के साथ चारदीवारियों के हिस्से के अधिकतम उपयोग द्वारा मतदान केंद्रों के नक्शे में सुधार करना। मतदान केंद्रों को हिस्सों या आसन भागों में और संशोधित मतदाता केंद्र नक्शे को ‘मतदान केंद्र तक कैसे पहुंचे’ दर्शाने वाले नक्शे के हिस्से द्वारा स्थानांतरण करना; इसके लिए मतदान केंद्र भवन के फोटो और न्यूनतम मूल सुविधाओं के विवरण के साथ परिमापित मतदान केंद्र कक्ष की ड्राइंग को भी शामिल किया जाएगा। 

आयोग ने एनईआरपी 2016 की व्यापक फील्ड कार्यान्वयन चरण की शुरूआत की है। यह कार्य वार्षिक सारांश संशोधन के लिए मतदाता सूची के अगले मसौदा के प्रकाशन से पहले ही 1 जनवरी, 2017 तक पूरा हो जाएगा। बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) मतदाताओं के सम्पर्क विवरण मतदाता सूची में शामिल न हुए परिवार के सदस्यों और 1 जनवरी, 2017 को पात्र होने वाले व्यक्तियों के बारे में जानकारी जुटाने के लिए ए / एस / डी आदि श्रेणियों के अधीन पहचान करने के लिए घर-घऱ जाकर सत्यापन करेंगे। एनईआरपी 2016 के अधीन सेक्सन मतदान केंद्र चारदीवारियों और स्थलों को उपयुक्त बनाने का कार्य जीआईएस पर पूरा किया जाएगा। 

नागरिकों और मतदाताओं की मतदान सूची से संबंधित सेवाओं में आसान पहुंच उपलब्ध कराने के लिए फील्ड कर्मचारियों द्वारा परिवार के सदस्यों के मोबाइल नंबर / ई-मेल आईडी का स्वैच्छिक संग्रह किया जा रहा है। निर्वाचन आयोग का आदेश है कि किसी भी परिस्थिति में ऐसी सूचनाओं को सार्वजनिक क्षेत्र में न डाला जाए या किसी प्राधिकरण के साथ साझा न किया जाए। पीईआर में सुधार करने के लिए घटिया क्वालिटी और स्वेत-श्याम फोटो को पर्याप्त संख्या में डिजिटल कैमरों को उपलब्ध कराके हटाए जाने का प्रस्ताव किया गया है। मतदाताओं से अनुरोध किया गया है कि वे इस बारे में निर्वाचन आयोग के फील्ड स्टाफ के साथ सहयोग करें और इस कार्य में सक्रिय रूप से भाग लें। 

एनईआरपी-2016 का उद्देश्य प्रौद्योगिकी के प्रभावी उपयोग और ‘स्वीप’ रणनीति के द्वारा मतदाता सूचियों की शुचिता में सुधार करना है। जानकारी प्राप्त करने, प्रोसेसिंग, साझा करने और इस उद्देश्य के लिए प्रभावी निर्णय लेने में सूचना प्रौद्योगिकी का व्यापक उपयोग किया जा रहा है। बूथ स्तर के अधिकारी को एनईआरपी के बारे में व्यापक प्रशिक्षण दिया गया है और "बूथ जागरूकता समूह" सदस्यों के उन्मुखीकरण का कार्य प्रभावी क्रमबद्ध मतदाता, शिक्षा एवं मतदान भागीदारी अभियान आयोजित करने के लिए किया जाएगा। इसमें सार्वजनिक बैठकें, मतदाता सूचियां पढ़ कर सुनाना, पर्चे का वितरण, पोस्टर आदि का चिपकाना शामिल होंगे। किसी क्षेत्र के नागरिकों की पारदर्शी और सार्थक तथा सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने यह निर्णय लिया है कि ईआर में ए / एस / डीआरई के कारण मतदाता सूची से हटाए जाने वाले प्रस्तावित नामों की पैरावार सूची तैयार करेंगे और उसे कम से कम 7 दिनों की अवधि के लिए अपने कार्यालयों में चिपकाएंगे। यह कथित सूची सीईओ और डीईओ की वेबसाइट पर डाली जाएगी। डीईओ अपने अधिकार क्षेत्र के जिलों में विधानसभा क्षेत्रों में ईआरओ द्वारा नाम हटाने की प्रक्रिया पर निगरानी रखेंगे। 

आयोग ने यह भी इच्छा जाहिर की है कि इस योजना के परिणामों को संकलित करके समय-समय पर एक संरचित और व्यवस्थित तरीके से मीडिया के साथ साझा किया जाए और सभी सीईओ को एनईआरपी 2016 को लोकप्रिय बनाने के लिए व्यापक स्वीप कार्यक्रमों की शुरूआत की जानी चाहिए तथा सभी हितधारकों को सक्रिय रूप से इसमें भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस उद्देश्य के लिए केन्द्र और राज्य सरकारों और कॉरपोरेट के विभिन्न विभागों को इस बात के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा कि वे अपने कर्मचारियों को एनईआरपी 2016 कार्यक्रम के बारे में शिक्षित करेँ और मतदाता सूचियों में अपना विवरण स्वैच्छिक रूप से सत्यापित करने में उनकी सहायता करें। कॉरपोरेट से अपनी सामाजिक जिम्मेदारी के तहत एनईआरपी के बारे में आम प्रचार अभियान में अपना सहयोग देने के लिए कहा जाए। डीएसई / आरईएस की प्रमाणीकरण, संशोधन, विलोपन नामक तीन श्रेणियों में बीएलओ, ईआरओ और डीईओ के स्तर पर शतप्रतिशत उपलब्धि हासिल करने वालों के लिए एक पुरस्कार का भी गठन किया गया है। 

भारत निर्वाचन आयोग 

नई दिल्ली 20 जुलाई, 2016 

 

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India