Posted on 04 Jan, 2019 8:05 pm

 

लोक निर्माण एवं पर्यावरण मंत्री श्री सज्जन सिंह वर्मा ने आज मंत्रालय में अपने विभागों का कार्यभार ग्रहण किया। श्री वर्मा ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र की सड़कों को और बेहतर किया जायेगा। यातायात सुविधा की दृष्टि से शहरों में फ्लाई ओवर बनाने के कार्य को प्राथमिकता दी जायेगी। शहरी सड़कों का उन्नयन किया जायेगा।

श्री वर्मा ने कहा कि सड़कों के निर्माण में वित्तीय संस्थाओं की मदद भी लेंगे। मार्गों को टोल-मुक्त बनाने की केन्द्र सरकार की योजना की जानकारी ली जायेगी। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की सड़कें ऐसी बनना चाहिये, जो देश में मॉडल के रूप में जानी जायें। शहरों में पार्किंग की व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया जायेगा। ऐसे प्रयास होंगे कि निर्माण कार्य निर्धारित समयावधि में पूरे हों। श्री वर्मा ने कहा कि भोपाल के कोलार रोड को चौड़ा करने के कार्य की समीक्षा होगी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव लोक निर्माण श्री मोहम्मद सुलेमान, प्रमुख सचिव पर्यावरण श्री अनुपम राजन सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

कार्यों की गुणवत्ता पर नजर रखें अधिकारी

लोक निर्माण मंत्री श्री वर्मा ने लोक निर्माण अधिकारियों की बैठक में विभागीय योजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश की सड़कों को राष्ट्रीय स्तर पर आदर्श सड़कों के रूप में पहचान दिलाने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि विभाग के निर्माण कार्यों को निश्चित समय-सीमा में पूरा किया जाये। कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष नजर रखी जाये। बताया गया कि पी.आई.यू. द्वारा इस वर्ष 3100 करोड़ लागत के 980 भवन निर्माण का कार्यक्रम बनाया गया है। इसके साथ ही विभाग द्वारा हमीदिया अस्पताल परिसर में 2000 बिस्तरीय अस्पताल निर्माण का कार्य किया जा रहा है।

बैठक में बताया गया कि केन्द्र सरकार द्वारा भारत माला योजना में पहले चरण में राज्य शासन द्वारा सुझाये गये करीब 6000 किलोमीटर लम्बाई के राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण की सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई है। इसी योजना में भोपाल-इंदौर 6 लेन एक्सप्रेस-वे एवं भोपाल बायपास बनाये जाने की भी सैद्धांतिक स्वीकृति केन्द्र सरकार ने दे दी है। केन्द्र की 4000 करोड़ रुपये लागत की एक्सप्रेस-वे रोड बनने से इंदौर-भोपाल की दूरी करीब 2 घंटे की रह जायेगी। जानकारी दी गई कि राष्ट्रीय राजमार्ग, राज्य, मुख्य जिला मार्ग और ग्रामीण क्षेत्र की सड़कें मिलाकर लम्बाई 70 हजार किलोमीटर से अधिक है। भोपाल में शासकीय कर्मचारियों की आवास सुविधा के लिये 16 मंजिला सुविधायुक्त भवन बनवाया जाना भी प्रस्तावित है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​