Posted on 10 Dec, 2016 8:13 pm

भोपाल : शनिवार, दिसम्बर 10, 2016, 18:38 IST
 

पंचायत एवं ग्रामीण विकास और जिला प्रभारी मंत्री श्री गोपाल भार्गव ने आज बिटठन मार्केट दशहरा मार्केट में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना खरीफ 2015 की दावा राशि का जिले के किसानों को कैशलेस वितरण किया।

मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि आज प्रदेश के सभी 51 जिलों में एक साथ राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना खरीफ 2015 की दावा राशि का किसानों को भुगतान सुनिश्चित किया गया है। प्रदेश के 20 लाख 46 हजार किसानों को 4416 करोड़ के फसल बीमा की दावा राशि स्वीकृत हुई है जो पूरे देश में किसी राज्य की अब तक की सबसे बड़ी फसल बीमा दावा राशि है। उन्होंने बताया कि स्वीकृत बीमा दावा की राशि किसानों के बैंक खातों में सीधे जमा कराई जा रही है । आयोजन में प्रतीकात्मक तौर पर जिले के 50 कृषकों को स्वीकृत बीमा दावा राशि बैंक में जमा कराने का प्रमाण पत्र राशि वितरण के रूप में दिया गया। उन्होंने बताया कि भोपाल जिले में 32 हजार किसानों को 67 करोड़ 45 लाख से अधिक की बीमा दावा राशि भुगतान की जा रही है।

मंत्री श्री भार्गव ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में कार्य किए जा रहे हैं। किसानों के हितों की अनदेखी नहीं होगी। मृदा परीक्षण और उन्नत खेती तनीक आदि अपनाकर किसान समृद्ध बनें, खेती लाभ का धंधा बने इसके लिए सरकार सभी संभव प्रयास कर रही है। मंत्री श्री भार्गव ने प्लास्टिक मनी का उपयोग करने की बात कही। उन्होंने कहा कि कैशलेस व्यवस्था हम सबको अपनाना है। ई-बैंकिंग को अपनाने के लिए सब प्रयास करें। कार्यक्रम को सांसद श्री आलोक संजर, विधायक श्री रामेश्वर शर्मा, श्री विष्णु खत्री और जिला पंचायत अध्यक्ष श्री मनमोहन नागर ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम आयोजन स्थल पर उज्जैन में आयोजित मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के फसल बीमा दावा वितरण कार्यक्रम का एलईडी के माध्यम से ऑनलाईन सीधा प्रसारण (लाईव टेलीकास्ट) भी किसानों और अतिथियों द्वारा देखा गया। कृषि विभाग द्वारा सीधा प्रसारण किसानों को दिखाने की व्यवस्था की गई थी। कार्यक्रम स्थल पर कृषि यंत्रों और उत्पादों की प्रदर्शनी का भी अतिथियों और किसानों ने अवलोकन किया। भोपाल जिला को-आपरेटिव बैंक अध्यक्ष श्री जीवन मैथिल,कलेक्टर श्री निशांत वरवड़े, स्थानीय जनप्रतिनिधि, अधिकारीगण और जिले के विभिन्न ग्रामों से आये किसान मौजूद थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश