Posted on 25 Feb, 2018 10:35 am

 
भोपाल : रविवार, फरवरी 25, 2018, 19:55 IST

 

मध्यप्रदेश में खरीफ-2017 से शुरू की गई भावान्तर भुगतान योजना से छोटे-बड़े सभी किसानों को पर्याप्त आर्थिक मदद मिली है। प्रदेश में आठ फसलों सोयाबीन, मूंगफली, तिल, रामतिल, मक्का, मूंग, उड़द और अरहर को इस योजना में शामिल किया गया था।

झाबुआ- जिले के पेटलावद ब्लॉक के गाँव अनन्त खेड़ी के किसान राधेश्याम पाटीदार ने भावान्तर भुगतान योजना में अपना 120 क्विंटल सोयाबीन कृषि उपज मंडी में व्यापारी को बेचा था। राधेश्याम बताते है की योजना में पंजीयन होने से राज्य सरकार द्वारा उनके बैंक खाते में 46 हजार 372 रुपये जमा करवाये गये हैं। राधेश्याम भावान्तर भुगतान योजना को किसानों के लिये आर्थिक सुरक्षा कवच मानते हैं।

सीधी- जिले के किसान वृन्दावन तिवारी, अवनीश कुमार चतुर्वेदी, राम खिलावन गुप्ता, मोहनलाल और राम गोपाल सिंह जैसे सभी किसानों ने अपनी अधिसूचित फसलों को अधिसूचित कृषि उपज मंडी में बेचा था। इन्हें फसल बेचने पर फसल की विक्रय दर तथा फसल की औसत मॉडल विक्रय दर की अंतर की राशि अपने बैंक खातों में मिली। सीधी जिले में 49 किसानों के खाते में करीब 6 लाख 75 हजार रुपये की राशि जमा करवायी गयी है। किसानों का कहना है की भावान्तर भुगतान योजना ने उपज का कम भाव होने पर भी सुरक्षा प्रदान की है। अब उन्हें बाजार पर निर्भर रहने की आवश्यकता नहीं है।

इंदौर- जिले के इस योजना से लाभान्वित प्रगतिशील किसान है गोकुल सिंह। इन्हें अपने बैंक खाते में 88 हजार 252 रुपये की राशि सोयाबीन फसल बेचने के कारण भावांतर राशि के रूप में सरकार की ओर से मिली है। गोकुल सिंह के पास 150 बीघा जमीन है और उन्होंने कृषि उपज मंडी सांवेर में 218 क्विंटल सोयाबीन बेची थी।

जिले में 10 हजार किसानों को 12 करोड़ रुपये की राशि भावान्तर योजना में अब तक भुगतान की जा चुकी है। यह राशि आरटीजीएस के जरिये किसानों के बैंक खातों में सीधी भेजी गयी है। लाभान्वित किसान बताते हैं कि उन्हें जीवन में पहली बार फसल का सही दाम मिला है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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