Posted on 16 Dec, 2016 7:51 pm

भोपाल : शुक्रवार, दिसम्बर 16, 2016, 19:34 IST
 

भारतीय सेनाओं ने अपने अदम्य साहस और आत्म-विश्वास से वर्ष 1971 के युद्ध में जहाँ इतिहास रचा था वही पाकिस्तान का भूगोल भी बदल डाला था। अकारण थोपे गये युद्ध में मात्र चौदहवें दिन ही शत्रु सेना को आत्म-समर्पण के लिए मजबूर कर देना हमारी सेना के पराक्रम का उदाहरण था। इस युद्ध के बाद बंगलादेश के एक पृथक एवं स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उदय ने पाकिस्तान का भूगोल ही बदल डाला। शौर्य स्मारक में विजय दिवस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री राघवेन्द्र शर्मा, अध्यक्ष, बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने यह बात कही।

श्री शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान आज फिर वही परिस्थितियाँ उत्पन्न कर रहा है। उन्होंने विजय दिवस को युद्ध में शहीद सैनिकों के पुण्य-स्मरण और उनके परिजनों को सहयोग और सहायता देने का अवसर बताया। लेफ्टिनेंट जनरल मिलन नायडू, एयर मार्शल व्ही.के. वर्मा, डिप्टी डी.जी.-एन.सी.सी. ने भी संबोधित किया।

कार्यक्रम का प्रारंभ भारत-पाक युद्ध में शहीद सैनिकों को पुष्प-चक्र अर्पित कर हुआ। ब्रिगेडियर आर.विनायक ने 1971 के युद्ध की परिस्थितियों और रणनीति की जानकारी दी। युद्ध पर आधारित 30 मिनट की फिल्म का प्रदर्शन किया गया। स्वराज संस्थान के सहयोग से सांस्कृतिक कार्यक्रम किए गए। उल्लेखनीय है कि 1971 के इस युद्ध में शामिल सैन्य कार्मिकों में 71 भोपाल के निवासी थे। इन रणबाँकुरों को भी आज सम्मानित किया गया।

आगंतुकों को धन्यवाद एवं राष्ट्र गान के साथ समापन हुआ। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव गृह श्री के.के. सिंह, संचालक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर आर.एस. नौटियाल, सेवारत और सेवानिवृत्त सैन्यकार्मिक, उनके परिवारजन एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश