Posted on 23 Sep, 2017 7:36 pm

 

राज्य संग्रहालय में ' भारतीय चित्रकला में रामकथा' छायाचित्र प्रदर्शनी इन दिनों दर्शकों के आकर्षण का केन्द्र बन गई है। प्रदर्शनी में 15 शैलियों में रामकथा पर केन्द्रित 84 छायाचित्र आकर्षक ढंग से प्रदर्शित किये गये हैं। प्रदर्शनी 30 सितम्बर तक सुबह 10.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक दर्शकों के लिए नि:शुल्क खुली रहेगी।

आज भोपाल के आनंद निकेतन डेमोक्रेटिव स्कूल के छात्र- छात्राओं ने छायाचित्र प्रदर्शनी देखा और इसको सराहा । बच्चों ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित जानकारी को अत्यन्त रोचक और ज्ञानवर्धक बताया। बच्चों ने विद्यालय स्तर पर इस तरह की ज्ञानवर्धक प्रदर्शनी लगाने का सुझाव दिया।

प्रदर्शनी में दिखे श्रीराम से जुड़े प्रसंग

'भारतीय चित्रकला में रामकथा' छायाचित्र प्रदर्शनी में 16 वीं शती ई. से लेकर 19 वीं शती ई. तक की विभिन्न शैलियों में निर्मित उन प्रतिनिधि चित्रों के छायाचित्रों को प्रदर्शित किया गया जो श्रीराम के जन्म से लेकर उनके जीवन काल में घटित घटनाओं और प्रसंगों पर केन्द्रित हैं। राम-जन्म, अहिल्या उद्धार, विवाह- प्रसंग, राम-लक्ष्मण द्वारा दानवों का वध, स्वर्ण- मृग प्रसंग, राम-रावण युद्ध, हनुमान, सुग्रीव, राम दरबार एवं सीता जी की अग्नि परीक्षा जैसे मनमोहक प्रसंगों का विभिन्न भारतीय चित्रकला शैली में प्रभावी ढंग से प्रदर्शन किया गया है।

पन्द्रहवीं और सोलहवीं शती में भक्ति आंदोलन के उदभव ने वैष्णव भक्ति मार्ग की विषय वस्तु पर चित्रित सज्जित पुस्तकों के निर्माण को प्रोत्साहित किया । इस तरह भारत में राम,कृष्ण शिव एवं अन्य देवी-देवताओं के जीवन कथाओं पर केन्द्रित चित्रों का निर्माण कलाकारों द्वारा प्रचुरता से किया जाने लगा। भारतीय चित्रकला की प्रमुख शैलियों में चित्रित इन कला चित्रों में भारत के जीवन-दर्शन के अलावा देवी-देवताओं विशेषकर राम एवं राम से सम्बन्धित प्रसंगों के विभिन्न पहलुओं को उजागर करती हुई रचनाएँ भारतीय जन-मानस में प्रचलित हो गईं। तत्कालीन परिप्रेक्ष्य में जो चित्रकला की विभिन्न शैलियाँ प्रचलन में थी उनमें प्रमुख रूप से मुगल शैली,दक्कन शैली, गुजरात शैली, राजपूत शैली (मेवाड़,जयपुर, बीकानेर, मालवा, किशनगढ़, बूँदी और अलवर शैली) के चित्र आते हैं। इसी प्रकार पहाड़ी चित्रकला शैली के अंतर्गत बसोहली, गुलेर, गढ़वाल, जम्मू एवं कांगड़ा शैली के चित्रों का निर्माण होता रहा है,जिसमें विशेषकर महानायक श्री राम का चित्रण सुन्दरता से किया गया है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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