Posted on 29 Sep, 2016 7:23 pm

भोपाल : गुरूवार, सितम्बर 29, 2016, 19:07 IST
 

राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री ओम प्रकाश कोहली ने आज राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के 9वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए छात्र-छात्राओं से कहा कि आधुनिक ज्ञान प्राप्त करने के साथ देश की परम्पराओं को न छोड़ें, हमारा देश समृद्ध परम्पराओं से जुड़ा है। श्री कोहली ने कहा कि भारत में विकसित देश बनने की अटूट क्षमता है।

राज्यपाल श्री कोहली ने कहा कि द्वितीय विश्व‍युद्ध में पूरी तरह तबाह जर्मनी और जापान दोबारा विकसित देश बन सकते हैं तो हमारा देश विकसित देशों में अग्रणी स्थान क्यों नहीं प्राप्त कर सकता है। उसको यह सम्मान और स्थान दिलाने की जिम्मेदारी आप जैसे छात्र-छात्राओं पर है। राज्यपाल श्री कोहली ने कहा कि अभी आप सुरक्षित परिवेश में थे अब आप की असली परीक्षा है कि आप देश और समाज में व्याप्त चुनौतियों के लिए अपने ज्ञान का किस प्रकार उपयोग करते हैं। हमारे देश में आर्यभट्ट, चरक और धन्वंतरी जैसे वैज्ञानिकों ने जन्म लिया, जिनके कारण हमारे देश को विश्व गुरू का स्थान प्राप्त हुआ।

राज्यपाल श्री कोहली ने कहा कि आज यहाँ दीक्षा लेने वाले छात्र-छात्राओं के लिए सबसे बड़ा संदेश यह है कि आपको जो ज्ञान प्राप्त हुआ है उसका संवेदनशीलता के साथ समाज और देश के उत्थान और विकास के प्रति समर्पित् होकर उपयोग करें। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि देश विकसित देशों की अग्रणी श्रेणी में आये यह जिम्मेदारी आपके कंधों पर है।

तकनीकी शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने कहा कि हमारे प्रदेश में रक्षा संस्थान की जल्द स्थापना की जायेगी। इसके लिए प्रदेश के किसी शहर का चयन किया जायेगा। श्री जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की योजना सबका साथ-सबका विकास और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का स्वर्णिम मध्यप्रदेश का सपना पूरा करने के लिए मेधावी छात्र-छात्राओं को अपना सम्पूर्ण योगदान देना चाहिए।

केन्द्रीय रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. जी. सतीश रेड्डी ने दीक्षांत भाषण देते हुए कहा कि हमारे देश ने पिछले 30-32 वर्षों में रक्षा,विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में बहुत विकास किया है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में विश्व के देशों में हमारे देश का स्थान चौथा है। श्री रेड्डी ने कहा कि हमारे देश की दृढ़ मान्यता है कि आणविक तकनीक और विज्ञान का उपयोग विश्व शांति और मानव कल्याण के लिए किया जायेगा। उन्होंने कहा कि देश में उद्योग स्थापित करने की आवश्यकता है। श्री रेड्डी ने छात्र-छात्राओं से रक्षा क्षेत्र में देश को व्याप्त चुनौतियों के समाधान में अपना योगदान देने का आव्हान किया।

डॉ. रेड्डी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया कार्यक्रम से पूरे देश में विकास और उत्पादन के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किये जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश ने विज्ञान और टेक्नालाजी में जो आत्म-निर्भरता प्राप्त की है वह इलेक्ट्रानिक,कम्प्यूटर साइंस और सूचना प्रौद्योगिकी का ही परिणाम है। डॉ. सतीश रेड्डी ने देश के वैज्ञानिकों द्वारा निर्मित मिसाइलों का उदाहरण देते हुए कहा कि वैज्ञानिकों ने स्वदेशी तकनीक के आधार पर विश्व में उच्च स्थान प्राप्त किया है। उन्होंने छात्रों से कहा कि अब आप ऐसा प्रयास करें कि हमारा देश सैनिक साजो-सामान निर्यात करने वाला देश बन सके।

राज्यपाल श्री कोहली ने देश की महान विभूति एवं भारत सरकार के रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. जी. सतीश रेड्डी को रक्षा प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिये D.Sc की मानद उपाधि से विभूषित किया। इस अवसर पर कुलाधिपति एवं राज्यपाल श्री कोहली ने पीएचडी की उपाधियाँ तथा वर्ष 2013 एवं 2014 के मेधावी छात्र-छात्राओं को स्वर्ण एवं रजत पदक वितरित किये। इस अवसर पर प्रमुख सचिव तकनीकी शिक्षा कल्पना श्रीवास्तव, राज्यपाल के प्रमुख सचिव श्री अजय तिर्की, विश्वविद्यालयों के कुलपति तथा बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. पीयूष त्रिवेदी ने उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को दीक्षांत शपथ दिलाई और अतिथियों को शाल,श्रीफल और स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। समारोह में कुल सचिव डॉ. एस.के. जैन, शिक्षक और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ और अभिभावक उपस्थित थे।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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