Posted on 02 May, 2018 2:58 pm

 

मध्यप्रदेश के किसान खेती को लाभकारी व्यवसाय बनाने के लिए आधुनिक उपकरणों और नई-नई तकनीक का उपयोग करने में माहिर हो गये हैं। अब बिजली का खर्च बचाने के लिये सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करने लगे हैं। सोलर पम्पों से सिंचाई करने से खेती की लागत में भी कमी आई है। राज्य सरकार भी किसानों को सोलर पम्प से सिंचाई करने के लिये प्रोत्साहित कर रही है। सोलर पम्प योजना में किसानों को पर्याप्त सब्सिडी दी जा रही है।

हरदा जिले के टिमरनी क्षेत्र में किसानों द्वारा सौर ऊर्जा से बिजली बनाकर खेतों में सिंचाई की जा रही है। यहाँ के किसान सुबह 6 बजे सूरज के आगमन के साथ ही सौर ऊर्जा से बनने वाली बिजली से पानी की मोटर चालू कर देते हैं। किसान इस बिजली का उपयोग तकरीबन 12 घंटे कर रहे हैं। आत्मा परियोजना के अधिकारी डॉ. श्रीचंद जाट बताते हैं कि किसान-कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के माध्यम से क्षेत्र के किसानों से सौर ऊर्जा पम्प के लिये आवेदन लिये गये हैं। ऊर्जा विभाग के सहयोग से क्षेत्र के किसान 3 तथा 5 हार्स पॉवर के कनेक्शन लेने में रुचि ले रहे हैं। बिजली के बिना सोलर पम्प से सिंचाई सरल और सस्ती होने से किसानों के लिये खेती आमदनी का सशक्त जरिया बन गई है।

छतरपुर जिले के ग्राम बनपुरा के किसान वीर सिंह बघेल कृषि के लिये वर्षों से बिजली के पम्प से खेत में सिंचाई कर रहे थे। बिजली के मंहगे बिलों के कारण उन्हें अक्सर दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। एक साथी ने उन्हें मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना की जानकारी दी और इस योजना में मिलने वाले फायदों के बारे में बताया। वीरसिंह ने ऊर्जा विकास निगम के कार्यालय में सम्पर्क किया, तो उन्हें 3 लाख 41 हजार रुपये का सहयोग मिला। वीर सिंह बताते हैं कि उन्हें 3 एच.पी. सोलर सब-मर्सिबल पम्प के लिये प्रक्रिया अंतर्गत मात्र 36 हजार रुपये देने पड़े। अब वे खेत में आसानी से सिंचाई कर रहे हैं। उनके खेत में इस बार गेहूँ, जौ, चना, मूँगफली और सोयाबीन की अच्छी पैदावार हुई है। सोलर पम्प योजना से उनकी माली हालत में काफी सुधार हुआ है। वीर सिंह की सफलता को देखकर गाँव के अन्य किसानों ने भी खेतों में सोलर पम्प लगाने के लिये कृषि विभाग से सम्पर्क किया है।

सीहोर जिले की इछावर तहसील के ग्राम झालकी के किसान विजेन्द्र सिंह के पास खेती की 9 एकड़ जमीन तो है, लेकिन सिंचाई के साधन नहीं। असिंचित भूमि में खेती करने की कठिनाई के बारे में जब उन्होंने क्षेत्र के कृषि अधिकारियों से चर्चा की, तब उन्हें नलकूप खनन योजना के बारे में मालूम हुआ। उन्हें इस योजनांतर्गत नलकूप खनन के लिये सहायता राशि भी दी गई। नलकूप खनन से उनके खेत में भरपूर पानी निकला। उन्होंने इस पानी का सिंचाई में बेहतर उपयोग किया। अब उन्हें पहले की तुलना में 4 गुना ज्यादा कृषि उत्पादन प्राप्त हो रहा है। कृषक विजेन्द्र सिंह को कृषि अमले द्वारा जल-संरक्षण और वैज्ञानिक तरीके से सिंचाई के बारे में भी जानकारी दी गई है। कृषक विजेन्द्र सिंह ने राज्य सरकार की सोलर पम्प योजना का लाभ लेकर अब सोलर पम्प से सिंचाई करना शुरू कर दिया है।

सक्सेस स्टोरी (हरदा, छतरपुर, सीहोर) 

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश