Posted on 15 May, 2018 4:27 pm

 

कलेक्टर श्री महादेव कावरे ने आज संयुक्त जिला कार्यालय भवन के दृष्टि सभाकक्ष में जल संसाधन संभाग बेमेतरा की विभागीय कामकाज की समीक्षा की। उन्होंने जिले में संचालित जलाशय, व्यपवर्तन योजना एवं निर्माणाधीन योजनाओं के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने समय-सीमा के भीतर कार्य पूर्ण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। कार्यपालन अभियंता जल संसाधन श्री कुलदीप नारंग ने बताया कि जिले में 109 लघु जलाशय, 41 व्यपवर्तन योजना एवं तीन उद्वहन सिंचाई योजना सम्मिलित है। वर्तमान में जिले में बेमेतरा विकासखंड के अंतर्गत हथमुड़ी व्यपवर्तन नहर का रिमाडलिंग एवं लाईनिंग कार्य जिसकी लागत 17 करोड़ 37 लाख रूपए है, प्रगतिरत है। जिससे चार ग्राम तेलईकुड़ा, जेवरी, बीजाभाठ एवं अमोरा में एक हजार 15 हेक्टेयर में सिंचाई होगी। इसी तरह सकरी नहर फेस-2 में नहर रिमाडलिंग कार्य लागत राशि 17 करोड़ 31 लाख रूपए है, प्रगतिरत है। जिसकी पूर्ण होने पर बेमेतरा जिले के 18 ग्रामों की एक हजार 635 हेक्टेयर में सिंचाई की जा सकेगी। कार्यपालन अभियंता ने बताया कि इस वर्ष अल्प वर्षा के कारण लघु जलाशयों, व्यपवर्तन योजना एवं उद्वहन सिंचाई योजना द्वारा 19 हजार 828 हेक्टेयर के विरूद्ध 13 हजार 347 हेक्टेयर में सिंचाई की गई है। मऊ उद्वहन सिंचाई योजना में लो-वोल्टेज के कारण 11 के.व्ही. से 33 के.व्ही. में विद्युत दाब परिवर्तित करने हेतु छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत मंडल बेमेतरा द्वारा कार्य किया जा रहा है।
बेमेतरा जिला में जल संसाधन विभाग के 35 एनीकट है जिनमें शिवनाथ नदी में 13, हाफ नदी में चार, सकरी नदी में तीन, सुरही नदी में पांच, डोटू नाला में चार, करूवा नाला में एक एवं लोकल नाला में तीन एनीकट निर्मित है। इस वर्ष कलेक्टर के आदेशानुसार 13 एनीकटों पर गेट को वेल्डिंग द्वारा जाम किया गया है। जिससे इस वर्ष पूर्व वर्षाें की तुलना में अधिक जलभराव हुआ है। जिले की तीन समूह जलप्रदाय योजना अमोरा, तिवरैया एवं नांदघाट में संचालित की जा रही है एवं जलभराव होने से आसपास के एक किलोमीटर नदी के किनारे भू-जलस्तर में बढ़ोत्तरी हुई है एवं स्वयं के साधन से पंप द्वारा किसान साग-सब्जी हेतु पानी भी ले रहे है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग छत्तीसगढ़