Posted on 04 Jun, 2017 7:38 pm

भोपाल : रविवार, जून 4, 2017, 19:03 IST
 

मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित स्व-सहायता समूह से जुड़े ग्रामीण निर्धन परिवार अब गरीबी से मुक्त होकर समृद्धि की ओर अग्रसर हो रहे हैं। मिशन के माध्यम से आजीविका के एक से अधिक अवसर उपलब्ध होने से निर्धन परिवारों की आर्थिक स्थिति में निरंतर सुधार हो रहा है। प्रदेश में लगभग एक लाख 34 हजार से अधिक परिवार बी.पी.एल. श्रेणी से बाहर निकलकर लखपति की श्रेणी में आ गये हैं। इन्हीं परिवारों में से एक राजगढ़ जिले के ग्राम कचनारिया की श्रीमती सुशीला बाई ने तो अपना बी.पी.एल. कार्ड ग्राम पंचायत कार्यालय में वापस जमा करा दिया है।

आजीविका मिशन द्वारा 3 हजार 113 परिवारों को भवन निर्माण के सेन्टिंग कार्य के लिए प्रशिक्षित कर आर्थिक सहायता दिलाई गई थी। राजगढ़ जिले के ब्यावरा ब्लाक अंतर्गत ग्राम कचनारिया में आजीविका मिशन के अंतर्गत गठित कैलादेवी स्व-सहायता समूह की सदस्य श्रीमती सुशीला बाई ने समाज में एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत किया है। सेन्टिंग एवं कृषि आदि का संयुक्त कार्य करते हुये अपनी सालाना आय को एक लाख 50 हजार रुपये से अधिक होने पर अपना बी.पी.एल. कार्ड जमा कर ए.पी.एल. कार्ड बनवाने का आवेदन ग्राम पंचायत को देकर एक मिसाल पेश की है। श्रीमती सुशीला बाई से जब यह पूछा गया कि आप बी.पी.एल. कार्ड जमा क्यों कर रहीं हो, तो उनका कहना था कि ईश्वर न करे कि उन्हें बी.पी.एल. कार्ड की श्रेणी की सुविधाओं पर आश्रित रहना पड़े और इस सुविधा का लाभ किसी अन्य वास्तविक गरीब को मिल सकें।

प्रदेश के विभिन्न जिलों में श्रीमती सुशीला बाई की तरह आत्मनिर्भर होकर सामाजिक, आर्थिक सशक्तिकरण की दम पर गरीबी से मुक्ति के कई उदाहरण सामने आ रहे हैं। आजीविका मिशन द्वारा जो प्रशिक्षण दिया जाता है, उसमें महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ आत्मविश्वास तथा निर्णय लेने की क्षमता एवं सामुदायिक विकास की भावना विकसित करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है। प्रदेश के 33 जिलों में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन सघन रूप से कार्य कर रहा है। इन जिलों में ऐसे एक नहीं अनेकों उदाहरण हैं जहाँ एक से अधिक आजीविका गतिविधियाँ अपना कर गरीब परिवार आर्थिक उन्नति कर रहे हैं। वर्तमान में मिशन द्वारा 1 लाख 79 हजार स्व-सहायता समूहों के माध्यम से 20 लाख 67 हजार परिवार को जोड़ा गया है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश