Posted on 29 May, 2018 6:18 pm

 

मध्यप्रदेश में बिजली-बिलों का भुगतान ई-पेमेंट्स से करने वाले उपभोक्ताओं में लगातार वृद्धि हो रही है। तीनों विद्युत वितरण कंपनी द्वारा बिजली उपभोक्ताओं को मोबाइल एप के जरिए ऑनलाइन बिजली बिलों का भुगतान करने की सुविधा दी गई है। कंपनियों द्वारा नेट बैंकिंग, पीओएस मशीन, भीम, पे-टीएम, पेयू पेमेंट, मोबीक्विक, फ्री-चार्ज जैसे गेट वे उपलब्ध करवाए गए हैं। गत अप्रैल तक मध्यप्रदेश में तीनों कंपनी के 14.41 प्रतिशत बिजली उपभोक्ता ने ई-पेमेंट्स से अपने बिजली बिलों का भुगतान किया। वर्ष 2016-17 में 11.13 और वर्ष 2017-18 में 13.64 प्रतिशत बिजली उपभोक्ता अपने बिलों का भुगतान ई-पेमेंट्स से कर रहे थे।

प्रदेश में छोटे और आदिवासी बहुल शहरों के बिजली उपभोक्ताओं ने बड़े शहरों के उपभोक्ताओं की तुलना में ई-पेमेंट्स से बिलों के भुगतान में ज्यादा जागरूकता दिखाई है। एमपी पॉवर मैनेजमेंट कंपनी एवं तीनों विद्युत वितरण कंपनी ने उपभोक्ताओं से अनुरोध किया है कि वे नियमित रूप से बिजली बिलों का भुगतान ई-पेमेंट्स से कर सुविधाओं का लाभ उठाएं। उपभोक्ताओं को ई-पेमेंट्स पर न्यूनतम पाँच एवं अधिकतम बीस रूपए तक का लाभ मिलता है।

पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के 15.9 प्रतिशत बिजली उपभोक्ता वर्तमान में ई-पेमेंट्स से बिलों का भुगतान कर रहे हैं। मध्य क्षेत्र कंपनी में वर्तमान में 9.1 प्रतिशत उपभोक्ता बिजली बिलों का भुगतान ई-पेमेंट्स से कर रहे हैं। पश्चिम क्षेत्र कंपनी के 18.41 प्रतिशत उपभोक्ता वर्तमान में बिलों का भुगतान ई-पेमेंट्स से कर रहे हैं।

छोटे शहरों ने बड़े शहरों को पीछे छोड़ा

छोटे और आदिवासी बहुल शहरों ने बड़े शहरों के बिजली उपभोक्ताओं की तुलना में ई-पेमेंट्स के प्रति अधिक जागरूकता दिखाई है। रतलाम के 32.4 प्रतिशत, छिंदवाड़ा के 31.9, पांढुर्ना के 25.5, धार के 23.7, झाबुआ के 23.3, सिवनी के 23 प्रतिशत, रीवा के 22.8, नीमच के 22.4, मंदसौर के 21.7, टीकमगढ़ के 20.7, इंदौर के 20.51, शहडोल के 18.7, खंडवा के 18.6, देवास के 17.5, सतना के 17.2, बालाघाट के 16.8, सीधी के 16.5, सिंगरौली के 16.2, छत्तरपुर के 15.6, मंडला के 15.2, सागर और पन्ना प्रत्येक के 14.2, जबलपुर के 12.2, होशंगाबाद के 11.9, भोपाल के 10.9, ग्वालियर के 9.6 और उज्जैन के 9.4 प्रतिशत बिजली उपभोक्ता वर्तमान में ई-पेमेंट्स से बिजली बिलों का भुगतान कर रहे हैं।

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश