Posted on 04 Jan, 2019 5:22 pm

 

मध्यप्रदेश में आज 4 जनवरी को बिजली की अभी तक की अधिकतम मांग का नया रिकार्ड बना। प्रदेश के इतिहास में बिजली की अधिकतम मांग 4 जनवरी को सुबह 9.15 बजे 13,950 मेगावाट के ऊपर पहुंची, जिसकी सफलतापूर्वक सप्लाई की गई। राज्य में कहीं भी इतनी अधिकतम मांग की सप्लाई में कोई भी व्यवधान नहीं हुआ। प्रदेश के बिजली इतिहास में नवंबर, दिसंबर और जनवरी माह में बिजली की मांग के नित नए रिकार्ड बने हैं। बिजली कंपनियों ने हर अधिकतम मांग की बेहतर ढंग से सप्लाई की है। राज्य में कहीं भी ट्रांसमिशन व वितरण नेटवर्क प्रभावित नहीं हुआ और सुचारू विद्युत आपूर्ति हो रही है।

ऊर्जा मंत्री श्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है कि घरेलू रोशनी, उद्योग, व्यवसाय आदि के लिए 24 घंटे बिजली, के साथ-साथ प्रदेश में किसानों को सिंचाई के लिए 10 घंटे गुणवत्तापूर्ण बिजली की आपूर्ति की जाए। हमारी सभी बिजली कंपनियां इस दिशा में बेहतर ढंग से सफलतापूर्वक कार्य कर रही हैं।

चौबीस दिसम्बर 2018 को 13,640 मेगावाट, 25 को 13,642 मेगावाट, 28 को 13,778 मेगावाट, एक जनवरी 2019 को 13,848 मेगावाट, 2 जनवरी को 13,864, 3 जनवरी को 13,802 मेगावाट और 4 जनवरी 2019 को 13,950 मेगावाट के ऊपर अधिकतम मांग थी।

गुरूवारको सुबह 9.15 बजे बिजली की अधिक मांग के समय मध्यप्रदेश पश्चि‍म क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (इंदौर व उज्जैन संभाग) में बिजली की अधिकतम मांग 5,374 मेगावाट, मध्यप्रदेश मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (भोपाल व ग्वालियर संभाग) में 4,719 मेगावाट और मध्यप्रदेश पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी (जबलपुर, सागर व रीवा संभाग) में 3,857 मेगावाट दर्ज हुई।

कृषि क्षेत्र में निरंतर बढ़ रही  बिजली की मांग

प्रबंध संचालक श्री संजय कुमार शुक्ल ने बताया कि रबी‍सीजन में कृषि क्षेत्र में 10 घंटे दी जाने वाली गुणवत्तापूर्ण बिजली के कारण पूर्व के तीन वर्ष में बिजली की अधिकतम मांग का रि‍कॉर्ड दिसंबर माह में रहा है, किंतु इस वर्ष जनवरी माह में बिजली की मांग का नया रिकॉर्ड बना है। प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों के क्षेत्र में कृषि कार्य के लिए निरंतर बढ़ रही बिजली की मांग को सजगता से पूर्ण करने के लिए कंपनियां कटिबद्ध हैं।   

प्रदेश में 13,950 मेगावाट के ऊपर बिजली की मांग की सफलतापूर्वक बिजली सप्लाई करने में स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर, एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड का कंट्रोल रूम व क्षेत्रीय कार्यालय, पावर जनरेटिंग कंपनी के विद्युत गृहों के साथ मध्यप्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी व प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनी के कंट्रोल रूम एवं मैदानी अभियताओं एवं कार्मिकों की सराहनीय भूमिका रही।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​