Posted on 19 Oct, 2016 5:40 pm

भोपाल : बुधवार, अक्टूबर 19, 2016, 17:37 IST
 

खाद्य-नागरिक आपूर्ति, उपभोक्ता संरक्षण और श्रम मंत्री श्री ओम प्रकाश धुर्वे ने कहा कि बाल श्रम रोकने के लिए विभाग गंभीर प्रयास करे। बाल श्रमिकों की पहचान करें और उन्हें विमुक्त करवायें। मंत्री श्री धुर्वे ने यह निर्देश आज मंत्रालय में विभागीय समीक्षा के दौरान दिये। बैठक में प्रमुख सचिव श्रम श्री बी.आर. नायडू, श्रमायुक्त श्री शोभित जैन और सचिव मध्यप्रदेश संन्निर्माण कर्मकार मंडल श्री एस. दीक्षित और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

मंत्री श्री धुर्वे ने कहा कि केन्द्रीय श्रम अधिनियम और राज्य श्रम अधिनियम में संशोधन किया गया है। संशोधन का उदेश्य है श्रमिकों के हितों की सुरक्षा और कारखाना, व्यवसाय संचालित करने वालों को भी सुविधा देना है। उन्होंने कहा कि बिचौलियों की अब कोई जगह नहीं बची। राज्य सरकार द्वारा लालफीताशाही की बुराइयों से निजात दिलाने के चलते लाइसेंस जारी करने,पंजीयन करने और नवीनीकरण करने की प्रकिया को ऑनलाइन कर दिया गया है। ईज ऑफ डूईंग बिजनेस में ऑनलाइन सिंगल विंडो विकसित की गयी है। इसमें साईबर ट्रेजरी से लिंक किया गया है। आवेदन प्रक्रिया, दस्तावेज, आवेदन फार्म आदि वेब पोर्टल पर उपलब्ध हैं। नागरिकों के लिए मोबाइल एप 'M-SHRAM SEWA APP' उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि सभी श्रम कानूनों के तहत एक ही एकीकृत रिटर्न की सुविधा दी गयी है। सभी उद्योगों के लिए स्वैच्छिक अनुपालन योजना में अब 61 पृथक-पृथक पंजियों के स्थान पर एक रजिस्टर रखने की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। फैक्ट्री एक्ट 1948 के विभिन्न प्रावधानों को भी अनुकूल बनाया गया है। दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम में अब ऑनलाइन पंजीयन की सुविधा दी गयी है। तीस दिन में पंजीयन स्वीकृत नहीं होने पर डीम्ड अनुमति का प्रावधान किया गया है।

मंत्री श्री धुर्वे ने कहा कि मध्यप्रदेश भवन एवं संन्निर्माण कर्मकार मंडल द्वारा 24 लाख 73 हजार 207 श्रमिक का पंजीयन किया है। उन्होंने मंडल के सचिव से जिलेवार और वर्ष वार पंजीयन की स्थिति स्पष्ट करने को कहा। मंत्री श्री धुर्वे ने श्रमिकों के कल्याण की योजनाओं के संचालन को बेहतर बनाने को कहा। उन्होंने कहा कि कर्मकार मंडल द्वारा यह पहल कि जाये कि निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिये निर्माण कार्यों पर लिये जाने वाले सेस का मिलना सुनिश्चित किया जाये। जिन निर्माण संस्थाओं द्वारा सेस नही दिया जा रहा है, उनसे सेस की वसूली की जाये। मंडल को अब तक 1867 करोड़ 69 लाख का सेस प्राप्त हुआ है। इसमें से 626 करोड़ 11 लाख की राशि विभिन्न योजनाओं में श्रमिकों को वितरित की गयी है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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