Posted on 13 Jan, 2017 9:33 pm

 

स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजयशाह ने कहानी उत्सव में वितरित किये पुरस्कार  

 

भोपाल : शुक्रवार, जनवरी 13, 2017, 18:08 IST

 

 

स्कूल शिक्षा मंत्री श्री कुंवर विजयशाह ने कहा है कि बच्चों में रचनात्मक बदलाव लाने में कहानी विधा हमेशा से प्रभावशाली रही है। उन्होंने शिक्षकों से बच्चों के व्यक्तित्व विकास के लिये कहानी सुनाने की विधा का अधिक से अधिक उपयोग करने की बात कही। स्कूल शिक्षा मंत्री भोपाल के शासकीय कमला नेहरू कन्या विद्यालय में जिला स्तरीय कहानी उत्सव को संबोधित कर रहे थे।

मंत्री कुंवर विजयशाह ने कहा कि बच्चों में प्रेरक कहानी का प्रभाव पड़ सके, इसके लिये शिक्षकों को कहानी सुनाने की विधा का प्रशिक्षण दिलवाया जायेगा। स्कूल िशक्षा मंत्री ने कहा कि बच्चों को उज्जवल भविष्य के लिये ऊँचे लक्ष्य तय करने चाहिये। संसार में कोई भी काम असंभव नहीं है। कड़ी मेहनत कर हर लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि समाज में वह व्यक्ति महान बनता है, जो दूसरों के लिये जीता है।

मंत्री ने भी सुनाई कहानी

कहानी उत्सव में स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर शाह ने बच्चों को कहानी सुनाई। उन्होंने बताया कि एक संत थे उनके तीन शिष्य थे। संत ने अपने उत्तराधिकारी के चयन की बात सोची और शिष्यों को एक काम सौंपा। शिष्यों से कहा कि वे अन्धेरी गुफा से होते हुए आश्रम पहुँचें। सबसे पहले एक शिष्य पहुँचा उसने कहा कि वह उत्तराधिकारी है। उसके तुरंत बाद दूसरा शिष्य पहुँचा और उसने कहा कि उसके पहुँचने में मामूली देरी हुई है और उसने उसकी वजह भी बताई और कहा कि वह ही सही उत्तराधिकारी है। तीसरा शिष्य काफी देर बाद आश्रम पहुँचा तो संत ने उसके देर से आने का कारण पहुँचा। शिष्य ने कहा कि जब वह अंधेरी गुफा से गुजर रहा था तो गुफा के रास्ते में अनेक जगह पत्थर पड़े हुए थे। रास्ते के पत्थर हटाने से उसको आश्रम में पहुँचने में देरी हुई। शिष्य ने कहा कि उसने ऐसा इसलिये किया कि भविष्य में जब भी कोई व्यक्ति गुजरे तो उसे पत्थरों से नहीं टकराना पड़े। संत ने कहा कि तीसरा शिष्य ही उनका सही उत्तराधिकारी है। शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह व्यक्ति ही महान है जो दूसरों के लिये जीता है।

स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री श्री दीपक जोशी ने कहा कि उन्होंने मंत्री बनने के बाद अपने जन्म-दिन मानने के तरीके में अपने गुरु के कहने पर बदलाव किया। अब वे जन्म-दिन पर फूल और बुके स्वीकार नहीं करते हैं। इसके स्थान पर बुक और अन्य शिक्षण सामग्री स्वीकार करते हैं और बाद में यह सामग्री बच्चों को भेंट करते हैं। इस प्रक्रिया से उन्हें अब तक करीब 50 लाख की सामग्री उन्हें मिली है, जिसे बच्चों में वितरित किया गया है।

पुरस्कार वितरण

भोपाल जिले में कहानी उत्सव 824 प्राथमिक और 373 माध्यमिक शाला में हुआ। इसके बाद 32 जन-शिक्षा केन्द्र पर कहानी उत्सव हुआ। इनमें विजयी प्रतिभागी शिक्षक और छात्रों की 4 शिक्षा विकासखण्ड पर प्रतियोगिता हुई। जिला-स्तर पर हुई कहानी प्रतियोगिता में भोपाल के नूतन सुभाष की शिक्षक श्रीमती सारिका सिरसठ को प्रथम, झागरिया खुर्द के शासकीय शाला के शिक्षक श्री महेश मेहरा को द्वितीय पुरस्कार दिया गया। छात्र वर्ग में कु. अनुराधा राव को प्रथम और कु. वैष्णवी को द्वितीय पुरस्कार दिया गया। पुरस्कार स्वरूप विजेता प्रतिभागियों को पुस्तकें भेंट की गयीं। कार्यक्रम में सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड़ मुखर्जी, संचालक राज्य शिक्षा केन्द्र श्री लोकेश जाटव, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री आशीष भार्गव मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका श्रीमती भावना शर्मा ने किया। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहानी प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार स्वरूप श्रीमती सारिका सिरसठ को 21 हजार और द्वितीय पुरस्कार प्राप्त शिक्षक श्री महेश मेहरा को 11 हजार की राशि भी दिये जाने की घोषणा की।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश