Posted on 26 Aug, 2017 6:19 pm

भोपाल : शनिवार, अगस्त 26, 2017, 17:57 IST
 

स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर विजय शाह ने शिक्षकों से कहा है कि बच्चों में पढ़ाई के साथ उनके व्यक्तिव विकास की ओर भी विशेष ध्यान दिया जाये। स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों में बच्चों के ज्ञान को बढ़ाने के लिये बाल सभा नियमित किये जाने के निर्देश दिये गये है। उन्होंने कहा कि बाल सभा में बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर मिलता है। स्कूल शिक्षा मंत्री आज मिल बांचे मध्यप्रदेश कार्यक्रम में भोपाल के प्रोफेसर कॉलोनी स्थित उच्चतर माध्यमिक शाला विद्या विहार पहुँचे थे। स्कूल शिक्षा मंत्री कुंवर शाह ने इस मौके पर हायर सेकेण्डरी की कक्षाओं के लिये शाला भवन के विस्तार किये जाने की घोषणा की।

स्कूल शिक्षा मंत्री ने बच्चों से शैक्षिणक गतिविधियों की जानकारी ली। उन्होंने बच्चों से कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद की गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लें। उन्होंने विभागीय अधिकारियों से खेल मैदान की मरम्मत करने के लिये कहा। उन्होंने शिक्षकों से बच्चों को रोटेशन के आधार पर कक्षाओं में बिठाने के लिये भी कहा। मिल बाँचे मध्यप्रदेश कार्यक्रम की चर्चा करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में यह अभिनव प्रयोग किया गया है। इस कार्यक्रम के जरिये सरकारी स्कूलों के विकास में अधिक से अधिक जन-भगीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। मिल बाँचे कार्यक्रम में सभी वर्ग के लोग बच्चों को पढ़ाने स्कूल गये हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये ठोस प्रयास किये है। सरकारी स्कूलों में बच्चों को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें साइकिल और गणवेश दिये जा रहे हैं। स्कूल शिक्षा मंत्री ने बच्चों के साथ बैठकर भोजन किया। उन्होंने छात्रा नेहा चाकरे के परिवार को एक लाख 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दिये जाने की घोषणा की।

प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा श्रीमती दीप्ति गौड मुखर्जी ने बच्चों को गणित का व्यवहारिक ज्ञान देने के लिये गणित विषय के सूत्र बताये। कार्यक्रम में बच्चों ने कहानियॉं सुनाई। मिल बाँचे कार्यक्रम में वालेंटियर के रूप में बाल सहित्यकार श्री महेश सक्सेना, पूर्व हेड मास्टर डॉ. गौरी शंकर शर्मा, पूर्व प्रभारी प्राचार्य श्रीमती फिरोज यूसुफ और व्यवसायी श्री शैलेन्द्र निगम ने बच्चों को जीवन प्रेरक कहानियाँ सुनाई।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश