Posted on 20 Aug, 2018 8:55 pm

 

जन्मजात बीमारियों से जूझ रहे बच्चों के लिये मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना और मुख्यमंत्री श्रवण योजना सुखद भविष्य का पैगाम लेकर आई हैं। भव्यश्री, इकबाल और ऋषभ जैसे हजारों बच्चे योजना का लाभ उठा चुके हैं।

बैतूल के विजय ग्राम के प्रीति और राजकुमार सोनारे को अपनी पहली संतान का बेताबी से इंतजार था। उन्होंने सोचा था यदि बेटी हुई तो भव्यश्री नाम रखेंगे। बेटी हुई पर उनकी खुशियाँ काफूर हो गईं। दिनांक 16 मई 2016 को जन्मी भव्यश्री के तालू और होंठ-कटे फटे थे। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की टीम द्वारा लगातार भव्यश्री के माता-पिता को नि:शुल्क शल्य चिकित्सा की समझाईश दी गई। अंतत: माता-पिता की रजामंदी के बाद 17 जनवरी 2017 को भव्यश्री की फटे तालू और 29 नवम्बर को कटे होंठ की नि:शुल्क सर्जरी हुई। माँ प्रीति कहती है सरकार की कृपा से मेरी बिटिया सुन्दर दिखने लगी।

होशंगाबाद जिले के बाबई विकासखंड के दिनेश भाटी छोटी-सी किराने की दुकान चलाते हैं। पिछले माह जब उन्हें पता चला कि उनका इकलौता बेटा हृदय रोग से पीड़ित है, तो उनकी आँखों के आगे अंधेरा छा गया। चिकित्सक ने अहमदाबाद में बड़े चिकित्सक को दिखाने की सलाह दी। अहमदाबाद में चिकित्सक ने डेढ़ लाख का खर्चा बताया, तो चिंता दोगुना बढ़ गई। इतने पैसों का बन्दोबस्त मुश्किल था। एक मित्र ने सलाह दी कि मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना में नि:शुल्क आपरेशन हो जायेगा। औपचारिकताएँ पूरी करने के बाद इंदौर के मेदांता सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल में सफल ऑपरेशन हो गया। अब वह के.जी.2 में पढ़ाई भी करने लगा है।

मुरैना जिले के दिमनी गांव का चार वर्षीय इकबाल मुख्यमंत्री बाल श्रवण कल्याण योजना से अब बोलने और सुनने लगा है। राजू खान कहते हैं कि मेरा सबसे बड़ा दुख यह था कि बेटा बोल और सुन नहीं पाता है। एक दिन मैं दिमनी चौराहे पर खड़ा था, तभी जिला अस्पताल की एम्बुलेंस वहाँ बीमार व्यक्ति को लेने आई। मैंने उनको बेटे की समस्या बताई, तो एम्बुलेंस ड्रायवर ने योजना के बारे में बताते हुए ग्वालियर के अस्पताल में इलाज कराने की सलाह दी। मैंने जिला अस्पताल मुरैना में सम्पर्क किया और सारी औपचारिकताओं के बाद 6 लाख 50 हजार रुपये की स्वीकृति मिल गई। इस राशि से ग्वालियर के अग्रवाल रिसर्च इन्स्टीट्यूट में बेटे का सफल ऑपरेशन हो गया। अब इकबाल सुनने लगा है और धीरे-धीरे बोलने भी लगा है।

 

 

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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