Posted on 02 Jun, 2017 5:37 pm

 

पोषण पुनर्वास केन्द्रों में बढ़ेंगी 85 शैय्या
कुपोषित बच्चों की पहचान के लिये दस्तक अभियान 15 जून से 15 जुलाई तक 

 

भोपाल : शुक्रवार, जून 2, 2017, 16:51 IST
 

 

श्योपुर जिले में कुपोषण के प्रभावी नियंत्रण के लिये राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन में अतिरिक्त राशि जारी की गयी है। यह राशि जुलाई से दिसम्बर-2017 (6 माह) के लिये लघुकालिक रणनीति के तहत पोषण-पुनर्वास केन्द्र में 85 अतिरिक्त शैय्या और मानव संसाधन के लिये दी जा रही है। इनमें से 40 शैय्या जिला अस्पताल, 20 विजयपुर और 25 कराहल में होंगी। अतिरिक्त मानव संसाधन के रूप में चिकित्सकों की ड्यूटी जिला श्योपुर में लगायी गयी है।

आदिवासी बहुल श्योपुर जिले के बच्चों में कुपोषण की समस्या काफी है। पिछले साल जुलाई से दिसम्बर तक पोषण-पुनर्वास केन्द्रों की औसत बेड आक्यूपेंसी दर 179 प्रतिशत रही। इसे देखते हुए शासन ने केन्द्रों में बिस्तर संख्या और मानव संसाधन बढ़ाने का निर्णय लिया है।

दस्तक अभियान में होगी खून की जाँच

गंभीर कुपोषित बच्चों की पहचान के लिये जिले में 15 जून से 15 जुलाई, 2017 तक विशेष अभियान चलाया जायेगा। स्वास्थ्य एवं महिला-बाल विकास विभाग की संयुक्त टीम अभियान में चिकित्सीय जटिलतायुक्त कुपोषित बच्चों को प्राथमिकता के आधार पर पुनर्वास केन्द्रों में भर्ती करवायेगी। अभियान में 5 वर्ष से छोटे बच्चों में गंभीर एनीमिया की जाँच सुनिश्चित कर उचित इलाज करने की रणनीति तैयार की गयी है। एक से 19 वर्षीय बच्चों में कृमि संक्रमण से हुए एनीमिया की रोकथाम के लिये जिले में अगस्त-2017 में विशेष अभियान भी चलाया जायेगा।

प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में प्रत्येक माह की 9 तारीख को उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं का चिन्हांकन कर उनकी जाँच और उपचार किया जा रहा है। कलेक्टर की पहल पर स्वस्थ सहरिया माता अभियान में जिले के कराहल एवं विजयपुर विकासखण्ड में सेक्टर-स्तर पर शिविर लगाकर महिलाओं और बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है।

बच्चों के स्वास्थ्य के लिये जारी हैं विभिन्न प्रयास

आरबीएस दलों के माध्यम से भी सेक्टर एवं ग्रामवार कार्य-योजना तैयार कर बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा रहा है। नियमित टीकाकरण एवं मिशन इन्द्रधनुष में 5 वर्ष तक के बच्चों का सम्पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित कर 8 जान लेवा बीमारियों से रक्षित किया जा रहा है। नेशनल आयरन प्लस इनीशिएटिव कार्यक्रम में एनीमिया की रोकथाम के लिये 6 माह से 59 माह और 5-10 वर्षीय बच्चे, 10-19 वर्षीय किशोर-किशोरियाँ और गर्भवती एवं प्रजननकालिक महिलाओं में आयरन फोलिक औषधि देकर खून की कमी दूर की जा रही है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश