Posted on 27 Feb, 2019 12:58 pm

 

गृह एवं जेल मंत्री श्री बाला बच्चन ने कहा है कि बंदियों द्वारा जेल में निर्मित वस्तुओं के 'कान्हा ब्रॉण्ड'' लोगों को ऑनलाइन उपलब्ध करवाया जायेगा। श्री बच्चन आज राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के जेल प्रमुखों की छठवीं राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस के समापन सत्र को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अस्वस्थ और बुजुर्ग बंदियों के हित सुनिश्चित करने के लिये आवश्यक कदम उठाये जायेंगे।

श्री बच्चन ने कॉन्फ्रेंस के निष्कर्षों को बुकलेट के रूप में प्रकाशित करने के लिये कहा। उन्होंने कहा कि इस बुकलेट को अन्य राज्यों को भी भेजा जाये, जिससे वे अपने-अपने कार्य क्षेत्र में सुझावों पर अमल कर सकें। इससे बंदियों के बारे में व्यवहारिक दिक्कतों का समाधान हो सकेगा। उन्होंने कहा कि नवाचारों को प्रदेश में सबसे पहले लागू करने की कोशिश की जाये।

सामान्य प्रशासन एवं सहकारिता मंत्री डॉ  गोविंद सिंह ने कहा कि जेलों में कैदी संख्या प्राय: अधिक होने से समस्या उत्पन्न होती है। कैदियों के जेल से बाहर आने पर उन्हें स्व-रोजगार दिलाने और समाज में सम्मानजनक स्थान देने पर भी विचार किया जाना चाहिये। उन्होंने कहा कि जेलों में कैदियों के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाना चाहिये।

पुलिस महानिदेशक, जेल श्री संजय चौधरी ने बताया कि वर्ष 1999 में 70 साल से अधिक उम्र के बंदियों की सजा में कमी की गयी। उन्होंने बताया कि सागर जेल में  बंदियों द्वारा चंदेरी साड़ियाँ बनायी जा रही हैं। कॉन्फ्रेंस में मंत्री द्वय द्वारा डॉ. रेखा जैन और डॉ. नीलम जैन को सम्मानित किया गया। सेंट्रल एकेडमी ऑफ पुलिस ट्रेनिंग के डायरेक्टर श्री पवन श्रीवास्तव ने एकेडमी की गतिविधियों के बारे में बताया। पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की सुश्री सम्पत मीणा ने दो दिवसीय कॉन्फ्रेंस का संक्षिप्त में सार बताया।

 
 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश