Posted on 26 May, 2018 5:10 pm

 

रायसेन जिले की फूलाबाई ने जब से उद्यानिकी फसलों को अपनाया है, तब से उनकी जिंदगी फूलों सी महक उठी है। ग्राम सदालतपुर की फूलाबाई अब एक एकड़ क्षेत्र में पॉली-हाउस बनाकर गुलाब की खेती कर रही है।

पहले फूलाबाई परम्परागत खेती करती थी तो पर्याप्त लाभ नहीं मिलता था। उन्होंने क्षेत्र के उद्यानिकी अधिकारियों की सलाह पर खेत में पॉली-हाउस बनाकर खेती वर्ष 2016-17 में शुरू की। फूलों की खेती के ऋण पर विभागीय अनुदान भी मिला और गुलाब की खेती का भोपाल में प्रशिक्षण भी लिया।

आज फूलाबाई के खेतों के गुलाब के फूल दिल्ली और कानपुर की मण्डियों में पहुँच रहे हैं। उनकी सफलता ने क्षेत्र के अन्य किसानों को भी उद्यानिकी फसल लेने के लिये आकर्षित किया है।

संरक्षित खेती बनी फायदे का सौदा : कटनी जिले के किसान उद्यानिकी फसलों को अपनाने के लिये राज्य शासन की योजनाओं का भरपूर लाभ प्राप्त कर रहे हैं। ग्राम सलैया के किसान भीम सिंह ने संरक्षित खेती कर क्षेत्र में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई है। उन्हें एक एकड़ में शेडनेट हाउस निर्माण पर 28 लाख से ज्यादा की लागत आयी है। उद्यानिकी विभाग की योजना में उन्हें 50 प्रतिशत अर्थात् 14 लाख 20 हजार रुपये का अनुदान भी मिला है। साथ ही, भीम सिंह ने उद्यानिकी फसलों में आधुनिक तकनीक को अपनाया है, जिससे उन्हें मटर, टमाटर की फसल से अच्छा मुनाफा हुआ। अब वे गर्मी में भी सब्जी की फसल लेते हैं।

सक्सेस स्टोरी (रायसेन, कटनी)

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश