Posted on 30 Dec, 2016 3:57 pm

भोपाल : शुक्रवार, दिसम्बर 30, 2016, 15:50 IST
 

सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री संजय-सत्येन्द्र पाठक ने कहा है कि नर्मदा प्रदेश की जीवन-रेखा है और इसे प्रदूषण मुक्त कर आमजन के लिए सौभाग्य रेखा बनाने के लिए यह अनुष्ठान शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि नर्मदा का निर्मल, अविरल जल प्रदेश के सुखद कल की भूमिका लिखेगा।

राज्य मंत्री श्री पाठक आज जबलपुर से करीब 15 किमी दूर ग्राम घाना में 'नमामि देवि नर्मदे'' सेवा यात्रा के यात्रियों के विशाल जन-समूह को सम्बोधित कर रहे थे। श्री पाठक ने ग्राम मंगेली से यात्रा की शुरूआत की और घाना पहुँचकर यात्री-दल की पारम्परिक रूप से अगवानी की।

श्री संजय पाठक ने कहा कि पतित पावनी नर्मदा हमारी समृद्धि का आधार है। इस जन-आंदोलन के संकल्प की पूर्ति के लिए हर आदमी को अपनी सोच में बदलाव लाना होगा और अपनी आस्था और विश्वास को व्यक्त करने के तौर-तरीके बदलने होंगे।

महामण्डलेश्वर स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज की अगुआई में यात्रा निकटस्थ ग्राम मंगेली के गुरूद्वारे से घाना के लिये रवाना हुई। नर्मदा के तट पर नर्मदा जल लेकर नदी के संवर्धन और संरक्षण का संकल्प लिया गया। घाट पर ही आँवले के 20-25 पौधे रोपे गये। ग्राम के विद्यालय भवन में श्रमदान, स्वच्छता, नशामुक्ति और पर्यावरण सुरक्षा विषयों पर उपस्थित लोगों को शपथ दिलवाई गई। संवाद कार्यक्रम में विकास और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की गई जिसमें शिक्षकों, विद्यार्थियों और जागरूक ग्रामीणजनों ने भाग लिया।

इस अवसर पर विधायक श्रीमती प्रतिभा सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मनोरमा पटेल, मण्डी अध्यक्ष नीरज सिंह, सरपंच श्री मोहन यादव, जबलपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. विनोद मिश्रा उपस्थित थे।

यात्रा ग्राम घाना में गृहस्थ संत पंडित देव प्रभाकर शास्त्री 'दद्दाजी' द्वारा संचालित पार्थिव शिवलिंग निर्माण महारुद्र यज्ञ एवं महारुद्रभिषेक में शामिल हुई। इस सात दिवसीय आयोजन में सवा करोड़ मिट्टी के शिवलिंग बनाये जायेंगे, जिन्हें पूजन के बाद नर्मदा के तट पर रखे गये कुण्डों में विसर्जित किया जाएगा। इस अवसर पर दद्दा जी द्वारा कथा वाचन और भागवत आरती की गई। श्री अखिलेश्वरानंद जी, कालीमठ वाले महंत जी, देवास की साध्वी योगमाया तीर्थ और फिल्म अभिनेता श्री आशुतोष राणा इस आयोजन में उपस्थित थे।

घाना से रवाना होकर यात्रा दिन के अंतिम पड़ाव ग्राम घुंसौर पहुँची। ग्राम मंगेली से घुंसौर तक के मार्ग पर यात्रा का जगह-जगह पूरी श्रद्धा और आस्था से स्वागत हुआ। महिलाऐं सिर पर मंगल-कलश रखे स्वागत गीत गा रही थीं। माथे पर तिलक लगाकर और पुष्प वर्षा कर पूरी आत्मीयता के साथ यात्रियों की अगवानी की गई। रह-रह कर यात्रा दल और मार्ग के दोनों ओर खड़े व्यक्तियों द्वारा 'जय माँ नर्मदे', 'नर्मदे हर' और 'नमामि देवी नर्मदे' के जयघोष से पूरा वातावरण गूँज उठता था। यात्रा मार्ग पर भक्ति, आस्था, विश्वास, श्रद्धा और संकल्प का जैसे सैलाब उमड़ पड़ा था।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश