Posted on 23 Nov, 2016 6:01 pm

भोपाल : बुधवार, नवम्बर 23, 2016, 16:58 IST
 

सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य ने कहा है कि फाइल ट्रेकिंग सिस्टम का सख्ती से पालन हो। उन्होंने कहा कि सिस्टम में आ रही व्यवहारिक कठिनाई को दूर कर व्यवस्था को लागू करें। इसके लिये आवश्यकता पड़ने पर अवर, उप और अपर सचिव की बैठक ले और सभी स्तर पर इन्ट्री करवाने का काम हो। श्री आर्य आज सामान्य प्रशासन विभाग की गतिविधियों की समीक्षा कर रहे थे।

राज्य मंत्री श्री आर्य ने कहा कि जाति प्रमाण-पत्र की अद्यतन स्थिति की जानकरी भी सभी जिले से मंगवाई जाये। उन्होंने कहा है कि उत्कृष्ट काम करने वाले शासकीय सेवकों को दिये जाने वाले प्रमाण-पत्र में एकरूपता हो और उसे सभी जिलों में उपलब्ध करवाया जाये।

श्री लाल सिंह आर्य ने मुख्य तकनीकी परीक्षक (सतर्कता) संगठन की समीक्षा करते हुए कहा कि स्वयं की चलित प्रयोगशाला बनाये जाने के संबंध में जल्द प्रस्ताव भेजे। बताया गया कि जल्द ही संगठन की वेबसाइट भी चालू होगी। इससे प्रकरण के निराकरण में सहायता होगी।

राज्य मंत्री श्री आर्य ने कहा है कि प्रशासन अकादमी में रिक्त पद के लिये जल्द भर्ती नियम बनाकर पद पूर्ति करे। बताया गया कि प्रशासन अकादमी में होस्टल का काम अंतिम चरण में है।

श्री लाल सिंह आर्य ने बॉयोमेट्रिक प्रणाली को अपनाने के लिये स्वयं के साथ नोडल अधिकारी और सूचना प्रौद्योगिकी अधिकारियों की बैठक करवाने के निर्देश दिये। उन्होंने मंत्रालय में साफ-सफाई व्यवस्था को सुचारू रूप से रखने के भी निर्देश दिये। बताया गया कि पुरानी नस्तियों के विनिष्टीकरण का काम भी तेजी से चल रहा है।

बताया गया कि अगले साल नवम्बर तक एनेक्सी भवन तैयार हो जायेगा। इसमें 350 क्षमता का एक भव्य हॉल भी तैयार किया जा रहा है।

बैठक में प्रमुख सचिव सामान्य प्रशासन श्री एम.के. वार्ष्णेय, मुख्य तकनीकी परीक्षक श्री आर.के. मेहरा, अपर सचिव आवास एवं पर्यावरण श्री राजीव शर्मा, उप सचिव श्री संजय कुमार, श्री अभिताभ अवस्थी, श्री सुधीर कोचर और श्री चन्द्रभान पडवार उपस्थित थे।

फाइल ट्रेकिंग सिस्टम

प्रशासन के विभिन्न स्तर पर दायित्व निर्वहन के लिये समय-सीमा निर्धारित की गयी है। सभी शासकीय सेवकों को समय-सारणी के अनुरूप काम निष्पादित करना होगा। मंत्रालय के सभी विभाग में सिस्टम लागू किया गया है। प्रत्येक स्तर पर फाइल मूव्हमेंट की स्थिति कम्प्यूटर पर अनिवार्य रूप से दर्ज करनी होगी। वरिष्ठ अधिकारियों को सिस्टम का आकस्मिक निरीक्षण एवं मूल्यांकन करने को कहा गया है। इसके लिये विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एनआईसी के माध्यम से सभी स्तर पर कम्प्यूटर एवं सॉफ्टवेयर स्थापित करने तथा प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जायेगी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश