Posted on 22 Dec, 2016 3:32 pm

भोपाल : गुरूवार, दिसम्बर 22, 2016, 15:17 IST
 

राज्य सरकार द्वारा पिछले ग्यारह वर्ष में प्राकृतिक प्रकोप से पीड़ित किसानों और अन्य व्यक्तियों को दी जाने वाली राहत राशि चार गुना तक बढ़ा दी गयी है। वर्ष 2005-06 में जहॉ 166 करोड़ 88 लाख 58 हजार रुपये की राहत राशि वितरित की गयी वहीं वर्ष 2015-16 में 4436 करोड़ 85 लाख 92 हजार रुपये की राहत राशि वितरित की गयी।

प्राकृतिक आपदा से मृत्यु पर वर्ष 1994 में 10 हजार, वर्ष 2006 में एक लाख और वर्ष 2015 में 4 लाख रुपये मिल रहे हैं। पानी में डूबने से मृत्यु पर 2006 में कोई प्रावधान नहीं था। अभी एक लाख रुपये दिये जाते हैं। हॉल ही में लिये गये निर्णय अनुसार अब पानी में डूबने अथवा नाव दुर्घटना होने से मृतक के परिजन को 4 लाख रूपये तक की सहायता दी जायेगी। सर्प/गुहेरा या जहरीले जंतु के काटने से अथवा बस या अन्य अधिकृत पब्लिक ट्रांसपोर्ट के नदी में गिरने या पहाड़ी आदि से खड्डे में गिरने से इन वाहन पर सवार व्यक्तियों की मृत्यु होने पर मृत व्यक्ति के परिजन को दी जाने वाली सहायता 50 हजार से बढ़ाकर 4 लाख रूपये तक कर दी गयी है।

पक्का मकान पूरा नष्ट होने पर पहले 2500 रुपये और अब 95 हजार 100, झुग्गी नष्ट होने पर 6000 और पान के बरेजे नष्ट होने पर पहले 300 से 12000 रुपये और अब 500 से 30,000 रुपये तक दिये जाते हैं। प्राकृतिक प्रकोप से निजी कुएँ या नलकूप आदि की टूट-फूट या धँस जाने पर उसके मालिक को हानि के आकलन के आधार पर 6000 के स्थान पर अब 25 हजार रुपये तक की सहायता दी जायेगी। आग अथवा अन्य प्राकृतिक आपदा से कृषक की बैलगाड़ी अथवा कृषि उपकरण नष्ट हो जाने पर 4000 के स्थान पर अब 10 हजार रुपये की सहायता दी जायेगी। कुम्हारों के ईंट भट्टों एवं मिट्टी के बर्तनों को प्राकृतिक आपदा से क्षति होने पर दी जाने वाली आर्थिक सहायता अब 3000 के स्थान पर 10 हजार रुपये तक की दी जायेगी।

ऐसे छोटे दुकानदारों जिनकी दुकानें अग्नि दुर्घटना या अति वर्षा /बाढ़ के कारण नष्ट हो जाती हैं और उसकी दुकान का बीमा नहीं हो तथा दुकानदार के पास दुकान नष्ट हो जाने पर जीविकोपार्जन के अन्य सभी साधनों से वार्षिक आय एक लाख रुपए तक हो, तो दी जाने वाली सहायता में प्रति दुकानदार 12 हजार रुपए तक की वृद्धि की गयी है। पहले इसमें वार्षिक आय 35 हजार होने पर सहायता राशि 6 हजार रुपए दी जाती थी।फसल हानि

फसल हानि 25 से 33 प्रतिशत होने पर पहले 2000 से 5000 रुपये और अब 5000 से 15000 रुपये प्रति हेक्टेयर, 33 प्रतिशत से अधिक क्षति पर पहले 3000 से 10,000 रुपये और अब 8000 से 20000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से राहत राशि दी जाती है।

बैल, भैंस और घोड़ा की मृत्यु पर वर्ष 2006 में 1800 रुपये और अब 30000 रुपये दिये जाते हैं। गाय की मृत्यु पर पहले के 1800 रुपये की तुलना में अब 25000 रुपये की राहत राशि दी जाती है। मुर्गे की मृत्यु पर वर्ष 1992 में 15 रुपये, वर्ष 2006 में 40 वर्ष और वर्ष 2015 से 60 रुपये प्रति मुर्गे की दर से सहायता दी जाती है।

राहत राशि में वृद्धि के अनुरूप राजस्व विभाग का बजट भी बढ़ा है। वर्ष 2005-06 में कुल बजट प्रावधान 577 करोड़ का था जो वर्ष 2016-17 में बढ़कर 3828.97 करोड़ का हो गया है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश