प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज यहां 2014 बैच के आईएएस अधिकारियों को सम्बोधित किया, जिनकी नियुक्ति भारत सरकार में सहायक सचिवों के तौर पर की गई है। उन्होंने युवा आईएएस अधिकारियों को अपने परिवेश एवं परिस्थितियों के प्रति संवेदनशील रहने की सलाह दी, ताकि वे भारत की जनता से प्रभावी ढंग से जुड़ सकें।
सहायक सचिवों के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने प्रशिक्षण के दौरान जो भी आत्मसात किया है, उससे भी कहीं बेहतर अवसर अब उन्हें अपना कौशल एवं प्रवीणता बढ़ाने के लिए मिला है। प्रधानमंत्री ने उनसे आग्रह किया कि वे अगले तीन महीनों का उपयोग अपने कौशल को और ज्यादा बढ़ाने एवं स्वयं से संबंधित विभागों के कामकाज को और बेहतर करने में करें। उन्होंने विशेषकर गवर्नेंस के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का उल्लेख किया एवं युवा अधिकारियों से सरकार के कामकाज को प्रौद्योगिकी दृष्टि से और बेहतर करने की दिशा में काम करने को कहा।
प्रधानमंत्री ने इन अधिकारियों से आग्रह किया कि वे पदानुक्रम से अभिभूत न हों और केन्द्र सरकार में सहायक सचिवों के तौर पर स्वयं के सम्बद्ध रहने की अगले तीन माह की अवधि के दौरान निर्भीक होकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बातचीत करें। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया कि यह आईएएस अधिकारियों के प्रशिक्षण की एक नई विशेषता है, जिसकी शुरुआत 2013 के बैच से की गई है और यह सुनिश्चित करता है कि आईएएस अधिकारियों को अपने करियर की शुरुआत में ही केन्द्र में काम करने का अवसर मिल जाये, जो उनके वरिष्ठ अधिकारियों को शायद नहीं मिल पाया था।
इस अवसर पर केन्द्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ, कार्मिक, जन शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने कहा कि भारत को अंग्रेजों से सिविल सेवा विरासत में मिली है, जिस दौरान भारतीय सिविल सेवा अधिकारियों को राजस्व कलेक्टरों के रूप में नामित किया जाता था और स्वतंत्र भारत में इन आईएएस अधिकारियों को विकास आयुक्तों के रूप में नामित किया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकारी नीतियां के तहत ‘न्यूनतम सरकार एवं अधिकतम शासन’ के जरिये सुशासन पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि सहायक सचिवों की अवधारणा सरकार द्वारा पिछले वर्ष शुरू की गई थी और यह दूसरा बैच है जिसे यह सौभाग्य मिला है और जिसे आज प्रधानमंत्री ने सम्बोधित किया।
इससे पहले अपने स्वागत भाषण में कैबिनेट सचिव श्री पी. के. सिन्हा ने कहा कि सहायक सचिवों के रूप में पोस्टिंग होने से इन अधिकारियों को भारत सरकार के कामकाज और नीति निर्धारण प्रणाली से परिचित होने का सुअवसर प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि इन 172 सहायक सचिवों में से 140 की पृष्ठभूमि प्रोफेशनल (पेशेवर) के तौर पर रही है। श्री सिन्हा ने यह भी कहा कि ये सहायक सचिव मुख्य तौर पर सरकार की विभिन्न योजनाओं जैसे कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी), राष्ट्रीय छात्रवृत्ति योजना, ई-गवर्नेंस, ई-ऑफिस और MyGov प्लेटफॉर्म पर अपना ध्यान केन्द्रित करेंगे।
प्रधानमंत्री के अपर प्रधान सचिव डॉ. पी. के. मिश्रा, डीओपीटी में सचिव श्री बी. पी. शर्मा, भारत सरकार के सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India
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