प्रधानमंत्री द्वारा 70वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधन
Posted on 15 Aug, 2016 11:34 am
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 70वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले के प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया।
श्री नरेन्द्र मोदी ने महात्मा गांधी, सरदार पटेल, पंडित जवाहरलाल नेहरू तथा असंख्य लोगों को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्होने अपने जीवन का बलिदान दिया ताकि स्व्राज्य प्राप्त किया जा सके।
उन्होंने कहा कि 125 करोड़ भारतीयों ने अब यह संकल्प लिया है कि वे स्वराज्य से ‘सुराज’ की यात्रा को पूरा करेंगें। उन्होंने कहा कि सुराज की प्राप्ति के लिए, त्याग, कड़े परिश्रम, अनुशासन, समर्पण और साहस की आवश्यकता होती है और उन्होंने कहा कि पंचायत से लेकर संसद तक प्रत्येक संस्था को इस लक्ष्य की दिशा में मिलजुल कर काम करना होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि एक समय था कि जब सरकार आरोपों से आकंठ डूबी हुई थी। उन्होंने ने कहा कि यह सरकार इसकी बजाय आकांक्षाओं से घिरी हुई है। उन्होंने कहा कि जहां उम्मीद आकांक्षाओं को बढ़ावा देती है, वहीं इससे सुराज की ओर तेज़ी से बढ़ने की ऊर्जा भी मिलती है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि वे सरकार द्वारा किए गए कार्य पर प्रकाश नहीं डालना चाहते अपितु सरकार के कार्य-संस्कृति का उल्लेख करना चाहेंगे।
प्रधानमंत्री ने संवेदनशीलता, दायित्व, जवाबदेही, पारदर्शिता, दक्षता तथा सुशासन जैसे सुराज के विभिन्न तत्वों को परिभाषित किया। उन्होंने प्रमुख अस्तपतालों में पंजीकरण, आयकर रिफण्ड की तत्परता से वापसी, पासपोर्ट डिलीवरी प्रक्रिया में तेज़ी से कंपनी का पंजीकरण तथा सरकारी नौकरियों में समूह ग और समूह घ के पदों के लिए साक्षात्कार समाप्त किए जाने के केंद्र सरकार के कामकाज के उदाहरणों के माध्यम से इन प्रत्येक तत्वों को समझाने को प्रयास किया।
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि सुशासन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सेवा प्रदान करने की गति किस प्रकार बढ़ी है। इस संदर्भ में उन्होने ग्रामीण सड़क निर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन क्षमता निर्माण, पारेषण लाइन बिछाने तथा रसोई गैस कनेक्शनों का उदाहरण दिया।
प्रधानमंत्री ने कतिपय क्षेत्रों जैसे कि जनधन योजना के अंर्तगत थोड़े से समय में 21 करोड़ बैंक खाते का खुलना, ग्रामीण क्षेत्रों में 2 करोड़ शौचालयों का निर्माण तथा बिजली की सुविधा से वंचित 10 हजार गांवों को विद्युतीकरण के काम हो जाने के बारे में बड़े पैमाने पर अपने विचार रखे।
एलईडी बल्बों के विषय पर प्रधानमंत्री ने बताया कि इनके मूल्यों में भारी कमी की गई है ताकि अधिक से अधिक आम लोगों के बीच इसकी पहुंच बन सके। उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर एलईडी बल्बों के इस्तेमाल से बिजली की खपत में भारी बचत होगी।
प्रधानमंत्री ने लगातार दो अकालों के बाद भी पर्याप्त फसलों का उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए सराहा। उन्होंने किसानों की सराहना की। उन्होंने बताया कि इस वर्ष दालों की बुवाई की दिशा में भारी बढ़ोतरी हुई है। उन्होंने कृषि के क्षेत्र की दिशा में सरकार के समन्वित दृष्टिकोण को स्पष्ट किया जिसमें मृदा, स्वास्थ्य कार्ड, सिचाईं, सौर पंप बीजस उर्वरक तथा फसल बीमा शमिल है।
श्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार का ध्यान एक राष्ट्रीय पहचान का निर्माण करना है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य सुधार, निष्पादन, परिवर्तन है। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्यान प्रतीकात्मक की अपेक्षा सारभूत कार्य, विच्छिन्न विकास की अपेक्षा समेकित विकास तथा पात्रता की अपेक्षा सशक्तिकरण की ओर कहीं अधिक केंद्रित है।
प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि किस प्रकार उनकी सरकार अटके पड़े अथवा काफी समय से लंबित परियोजनाओं को पूरा करने में जुटी है और महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी देने के लिए अपेक्षित समय में किस प्रकार कमी कर रही है।
प्रभावी परिणाम देने के उदाहरण पेश करते हुए प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि गन्ने की बकाया राशि की मंजूरी, नए एलपीजी कनेक्शन और एयर इंडिया तथा बीएसएनएल जैसे सार्वजनिक उपक्रमों को किस प्रकार संचालन मुनाफों में लाया गया। पारदर्शिता का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने बताया कि सब्सिडी राशि को किस प्रकार जरूरतमंदों को देकर इसका बेहतर प्रबंधन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सुशासन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुई प्रगति को अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों ने भी स्वीकार किया है। प्रधानमंत्री ने कहा कि महिलाओं कल्याण की दिशा में सरकार ने नरम और समन्वित दृष्टिकोण अपनाया है। जिसमें बेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ, सुकन्या समृद्धि योजना तथा उज्जवला योजना जैसे कार्यक्रम शामिल हैं ताकि महिलाओं की शारीरिक, शैक्षिक एवं वित्तीय बेहतरी सुनिश्चित हो सकें। इस संबंध में उन्होंने कई अन्य सरकारी पहलों का उल्लेख किया।
सामाजिक एकता पर अपना सशक्त संदेश देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि प्रत्येक भारतीय को रामानुजाचार्य, महात्मा गांधी और बाबा साहेब आंबेडकर सरीखे हमारे महान संतों, दार्शनिकों के शांति, एकता एवं भाईचारे के संदेश का पालन करना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार की विभिन्न पहल एवं कार्यक्रम युवाओं के लिए रोजगार निर्माण में योगदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मॉडल दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम के चलते सप्ताह के सातों दिन दुकान खोलने में सुविधा रहेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार बड़े फैसलें लेने में किसी प्रकार का संकोच नहीं करती उन्होंने एक रैंक एक पेंशन, नेता जी की फाइलों का खुलासा तथा बांग्लादेश के साथ भूमि सीमा करार का इस संदर्भ में उल्लेख किया।
प्रधानमंत्री ने आंतकवादियों को शहीदों के रूप में महिमा मंडित करने के प्रयासों की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि सारा विश्व भारतीय के मानवीय दृष्टिकोण को सराहेगा और सभी प्रकार की आतंकवादी गतिविधियों की एक स्वर में भर्त्सना करेगा।
प्रधानमंत्री ने राष्ट्र को आगे ले जाने की दिशा में आम संकल्प लेने का लोगों से आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने कुछ नई पहल की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों की मासिक पेंशन 25 हजार रुपये से बढ़ाकर 30 हजार रूपये कर दी गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार देश भर में आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित संग्रहालयों और स्मारकों के निर्माण की दिशा में काम करेगी। सरकार निर्धन लोगों के लिए अस्पताल में ईलाज की लागत पर एक लाख रुपये तक खर्च वहन करेगी।
Courtesy – Press Information Bureau, Government of India