Posted on 15 Sep, 2016 8:30 pm

 
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे चरण में सड़कों के रखरखाव और वित्तीय प्रोत्साहन पर फोकसः श्री नरेन्द्र तोमर 

 

            सरकार ने आज कहा कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तीसरे चरण को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिसके तहत सड़कों के सतत रखरखाव और बेहतरीन कामकाज करने वाले राज्यों को वित्तीय प्रोत्साहन पर विशेष फोकस किया जायेगा। ग्रामीण सड़कों के रखरखाव पर आयोजित एक कार्यशाला में ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र तोमर ने आज यहां कहा कि पंजाब, हरियाणा, गुजरात और कर्नाटक देश के ऐसे चार राज्य हैं, जिन्होंने पीएमजीएसवाई के तहत ग्रामीण सड़कों के निर्माण का लक्ष्य निर्धारित समय से पहले पूरा कर लिया है। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने संपर्क रहित इलाकों को हर मौसम में काम करने वाली सड़क से जोड़ने का लक्ष्य 2019 तय किया था।

      मंत्री महोदय ने बताया कि ग्रामीण विकास मंत्रालय सड़कों के रखरखाव में बेहतरीन कामकाज करने वाले राज्यों को पांच प्रतिशत का वित्तीय प्रोत्साहन देने की योजना बना रहा है। इस उद्देश्य के लिये केंद्र सरकार अनुमानित 1200 करोड़ रुपये का प्रावधान करेगी। देश में आठ से नौ राज्य ऐसे हैं जो लक्षित समय से पहले ही मानक और टिकाऊ ग्रामीण सड़कों का निर्माण पूरा करने की दिशा में अग्रसर हैं। श्री तोमर ने बताया कि अब तक 15 राज्यों ने राज्य ग्रामीण सड़क रखरखाव नीति को अधिसूचित कर दिया है। उन्होंने अन्य राज्यों से अपील की कि इस प्रक्रिया को अगले दो महीनों में पूरा कर लें ताकि पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण को चालू किया जा सके।

      श्री तोमर ने कहा कि वर्ष 2011-2014 में पीएमजीएसवाई के तहत 73 किलोमीटर सड़क रोज बनाई गयी, जबकि 2014 से 2016 के दौरान इसे बढ़ाकर रोजाना 100 किलोमीटर तक किया गया। वर्तमान वर्ष में रोजाना 140 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पीएमजीएसवाई के तहत 15 प्रतिशत ग्रामीण सड़कों में कोल्ड मिक्स, फ्लाई ऐश, जियो-टेक्सटाइल, प्लास्टिक और अन्य अपशिष्ट सामग्रियों जैसी हरित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे बड़े पैमाने पर इस प्रौद्योगिकी का उपयोग करें। उन्होंने बताया कि 2000 से 2014 के बीच केवल 800 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण हरित प्रौद्योगिकी द्वारा किया गया था, जबकि 2014 से 2016 के बीच 2600 किलोमीटर से अधिक सड़कों के निर्माण में इस वैकल्पिक प्रणाली का इस्तेमाल किया गया। मंत्री महोदय ने राज्यों से यह आग्रह भी किया कि वे सड़क परियोजनाओं को समयबद्ध तरीके से पूरा करें ताकि उन्हें केंद्रीय निधि और प्रोत्साहन उपलब्ध हो सकें क्योंकि पीएमजीएसवाई के लिये बजट की कोई कमी नहीं है।

 

Courtesy – Press Information Bureau, Government of India

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