Posted on 08 Dec, 2016 4:25 pm

भोपाल : गुरूवार, दिसम्बर 8, 2016, 16:07 IST
 

प्रदेश में स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में रहा है। इसे ध्यान में रखते हुए पिछले 11 वर्ष में विशेष प्रयास किये गये हैं।

राज्य में हर बच्चे का स्कूल में प्रवेश हो, इसके लिये प्रतिवर्ष 'स्कूल चलें हम' अभियान संचालित किया जा रहा है। अभियान को व्यापक आंदोलन का स्वरूप दिया गया है। अभियान में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में जन-प्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता, मीडिया संस्थानों और जन-सामान्य से सहयोग लिया गया। अभियान में जन-सहयोगी के रूप में 75 हजार प्रेरक को जोड़ा गया है। अभियान की मजबूती का असर शाला त्याग की दर पर पड़ा है।

वर्ष 2005 में प्राथमिक स्तर पर शाला त्याग दर 21.4 प्रतिशत थी, जो घटकर वर्ष 2015-16 में 6.1 प्रतिशत रह गयी। माध्यमिक स्तर पर शाला त्याग दर में भी कमी आयी है। वर्ष 2005 में यह दर 21.5 हुआ करती थी, जो वर्ष 2015-16 में घटकर 9.5 प्रतिशत रह गयी है।

राज्य में निर्धारित मापदण्डों के अनुसार सभी बसाहटों में शाला सुविधा की उपलब्धता सुनिश्चित की गयी है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम में निर्धारित मापदण्डों के अनुसार पड़ोस की सीमा में प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला की अधिसूचना जारी की गयी है। सर्व-शिक्षा अभियान में अब तक 17 हजार 851 प्राथमिक शालाओं का माध्यमिक शालाओं में उन्नयन किया गया है। इन शालाओं में 53 हजार 553 शिक्षक के पद स्वीकृत किये गये हैं। वर्ष 2003 में माध्यमिक शालाएँ 18 हजार 801 थी, वहीं वर्ष 2016 में बढ़कर 30 हजार 341 हो गयी है।

सर्वशिक्षा अभियान में अब तक 27 हजार 910 सेटेलाइट शाला का प्राथमिक शाला में उन्नयन किया गया है। इन शालाओं में 55 हजार 820 शिक्षकों के पद स्वीकृत किये गये। वर्ष 2003 में प्राथमिक शालाओं की संख्या 55 हजार 980 थी, वहीं वर्ष 2016 में बढ़कर 83 हजार 890 हो गयी।

प्रदेश में सर्वशिक्षा अभियान के तहत एक लाख 26 हजार 816 अतिरिक्त कक्ष, 26 हजार 992 प्राथमिक शाला भवन, 19 हजार 788 माध्यमिक शाला भवन, 12 हजार 460 हेड मास्टर कक्ष, 18 हजार 644 पेयजल की सुविधा के लिये निर्माण कार्य किये गये। स्कूल शिक्षा विभाग की नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तक योजना में कक्षा एक से बारहवीं तक के सभी सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकें उपलब्ध करवायी गयीं। पिछले 11 वर्ष में करीब 11 करोड़ विद्यार्थी को नि:शुल्क पाठ्य-पुस्तकों का वितरण किया गया। गुणवत्ता सुधार के प्रयासों में कक्षा एक एवं दो को पढ़ाने वाले शिक्षकों को मूलभूत दक्षताओं का प्रशिक्षण दिलवाया गया। कम्प्यूटर साक्षरता संबंधी हेड स्टार्ट कार्यक्रम में 3,052 शालाओं को इस कार्यक्रम से जोड़ा गया। सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन में 1455 माध्यमिक शालाओं में स्मार्ट क्लास की स्थापना की गयी।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश