Posted on 27 Jan, 2017 3:55 pm

 

संस्कृति राज्य मंत्री श्री पटवा ने किया लोकरंग का शुभारंभ
लोकरंग में 10 मूर्धन्य कलाकार
हुए सम्मानित 

 

भोपाल : शुक्रवार, जनवरी 27, 2017, 15:19 IST

 

संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा ने कहा है कि मध्यप्रदेश में लगातार कलाधर्मिता का वातावरण बन रहा है। सांस्कृतिक चेतना और कला- संस्कृति की सुंदर बयार बह रही है। अब देश और दुनिया का कला समाज प्रदेश में आने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्कृति के क्षेत्र में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में हुए कार्य इस बात के साक्षी हैं कि कला-संस्कृति की संभावनाओं को ऊर्जा के पंख दिये गये हैं। श्री पटवा गुरुवार को लोकरंग के शुभारंभ अवसर पर राष्ट्रीय सम्मान अलंकरण समारोह को सम्बोधित कर रहे थे।

राज्य मंत्री श्री पटवा ने कहा कि संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए सालभर में 300 से अधिक प्रतिष्ठा पूर्ण आयोजन निरंतर होते हैं। श्री पटवा ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पिछले ढाई साल के कार्यकाल में प्रदेश में 8 बार आये, इसमें सर्वाधिक चार कार्यक्रम संस्कृति विभाग के थे। यह इस बात द्योतक है कि संस्कृति विभाग ने इन आयोजनों से राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाई है।

राष्ट्रीय सम्मान से इन्हें किया विभूषित

राज्यमंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा ने वर्ष 2012-13 के राष्ट्रीय सम्मान से कलाकारों/ साहित्यकारों को सम्मानित किया। पंजाब के गुरदासपुर जिले के गाँव तुगलवाल के बाबा आयसिंह रियार कॉलेज के श्री स्वर्णसिंह को महात्मा गांधी सम्मान स्वरूप 10 लाख रूपये की राशि और उत्कीर्ण प्रशस्ति-पत्र से सम्मानित किया गया। बांग्ला भाषा के शीर्षस्थ कवि प्रो. आलोक रंजन दास गुप्ता को काव्य साधना में उत्कृष्ट सर्जना,गहन साहित्यिक प्रतिबद्धता तथा सुदीर्घ योगदान के लिए राष्ट्रीय कबीर सम्मान से विभूषित किया गया। सम्मान स्वरूप 3 लाख रूपये की राशि,उत्कीर्ण प्रशस्ति-पत्र,शाल-श्रीफल भेंट किया गया। हिन्दी के प्रतिष्ठित लेखक श्री विश्वनाथ त्रिपाठी को पिछले छह दशक की सृजन-सक्रियता,उत्कृष्ट साहित्यिक अवदान और समकालीन सृजन परिदृश्य में प्रभावी उपस्थिति के लिए राष्ट्रीय मैथली शरण गुप्त सम्मान से विभूषित किया गया। सम्मान के रूप में 2 लाख की राशि, प्रशस्ति-पत्र, शाल-श्रीफल भेंट किया गया। उर्दू साहित्य की विविध विधाओं के जाने-माने विद्धान,शिक्षाविद और कुशल प्रशासक श्री सैय्यद मोहम्मद अशरफ श्रेष्ठ सृजन, दीर्घ साधना,भाषा में मौलिकता तथा सक्रिय रचनात्मक उपस्थिति के लिए राष्ट्रीय इकबाल सम्मान से सम्मानित हुए। सम्मान स्वरूप 2 लाख रूपये की राशि, उत्कीर्ण प्रशस्ति-पत्र, शाल-श्रीफल भेंट किया गया।

ओडिसी नृत्य शैली के क्षेत्र में अपनी दीर्घ साधना और समकालीन कला के क्षेत्र में श्रेष्ठ प्रतिमानों के लिए सुविख्यात नृत्यांगना सुश्री कुमकुम मोहन्ती, राष्ट्रीय कालीदास सम्मान (शास्त्रीय नृत्य के लिए) से सम्मानित हुईं। उन्हें 2 लाख रूपये की राशि, प्रशस्ति -पत्र, शाल-श्रीफल से सम्मानित किया गया। शिल्प सृजन के क्षेत्र में उत्कृष्ट कल्पनाशीलता और सृजन के क्षेत्र में विशिष्ट पहचान बनाने के लिए प्रो. राघव कनेरिया को कालिदास सम्मान (रूपंकर कलाएँ) दिया गया। सम्मान के रूप में 2 लाख रूपये की राशि, उत्कीर्ण प्रशस्ति-पत्र,शाल-श्रीफल भेंट किया गया।

राष्ट्रीय कवि प्रदीप सम्मान से 4 कवि हुए सम्मानित

मूर्धन्य कवि एवं मध्यप्रदेश के गौरव स्वर्गीय प्रदीप की स्मृति में मंच की कविता के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रतिमानों के लिए स्थापित कवि प्रदीप सम्मान से श्री बालकवि बैरागी( 2013-14) , श्री सोम ठाकुर (2014-15),श्रीमती माया गोविन्द (2015-16) एवं श्री सुरेन्द्र शर्मा को (2016-17) को सम्मानित किया गया। सम्मान स्वरूप 2-2 लाख रूपये की राशि और सम्मान पट्टिका भेंट की गई। सम्मान के समय स्व.प्रदीप की बेटी सुश्री मितुल प्रदीप विशेष रूप से उपस्थित रहीं।

'सतरूपा' नाट्य की हुई प्रस्तुति

बाँस की उद्भव कथा पर आधारित समवेत नृत्य नाटिका 'सतरूपा' की आकर्षक प्रस्तुति हुई। नाटिका की सूत्रधार रंगकर्मी एवं फिल्म अभिनेत्री सुश्री हिमानी शिवपुरी रही।

गणतंत्र दिवस परेड में चयनित प्रतिभागी और झाँकियाँ हुई पुरस्कृत

राज्य मंत्री श्री पटवा ने लाल परेड पर हुए गणतंत्र दिवस समारोह में उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए चयनित प्रतिभागियों और श्रेष्ठ झाँकियों को पुरस्कार दिये। झाँकी में जेल को प्रथम, पुरातत्व को द्वितीय और वन विभाग को तृतीय पुरस्कार दिये गये। परेड में सैन्य दल और असैन्य दल की टुकडी को प्रथम, द्धितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने पर पुरस्कृत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में उत्कृष्ट प्रस्तुति के लिए सरोजनी नायडू कन्या उ.मा.वि.भोपाल को प्रथम,श्रीभवन भारती पब्लिक स्कूल भोपाल को द्वितीय और सरस्वती विदया मंदिर,शारदा विहार स्कूल भोपाल को तृतीय पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया। इसके अलावा सर्वश्रेष्ठ घुड़सवारी प्रदर्शन के लिए खेल-युवा कल्याण विभाग एवं लोकनृत्य 'करमा' के प्रतिभागियों को विशेष रूप से पुरस्कृत किया गया।

राज्य मंत्री श्री पटवा ने कार्यक्रम में बाँस पर केन्द्रित 'चौमासा' के 100 वें अंक का और 'मण्डपम' स्मारिका का भी लोकार्पण किया। श्री पटवा ने बी.एच.ई.एल. दशहरा मैदान में पाँच दिवसीय लोकरंग में विभिन्न स्टाल का निरीक्षण किया।

प्रमुख सचिव संस्कृति श्री मनोज श्रीवास्तव ने राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित साहित्यकार एवं कलाकारों के जीवन परिचय और कला क्षेत्र में उनके योगदान को रेखांकित किया। आयुक्त संस्कृति श्री राजेश प्रसाद मिश्रा ने आभार माना। संचालन श्री विनय उपाध्याय ने किया।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश