Posted on 04 Jun, 2017 6:28 pm

भोपाल : रविवार, जून 4, 2017, 18:00 IST
 

मध्यप्रदेश में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम इकाइयों (एमएसएमई) को प्रोत्साहित करने के लिये राज्य शासन ने प्रभावी प्रयास किये है। अनुकूल नीतियों की मदद से पिछले वित्तीय वर्ष 2016-17 में 87 हजार एमएसएमई पंजीकृत हुई हैं। इन इकाइयों की स्थापना पर प्रदेश में 9 हजार 500 करोड़ रुपये का पूँजी निवेश हुआ है। इन इकाइयों के माध्यम से 3 लाख 50 हजार युवाओं को रोजगार मिला है।

प्रदेश में एमएसएमई को प्रतिर्स्धात्मक बनाने के लिये प्रोत्साहन योजना 2014 लागू की गई है। इस नीति के माध्यम से युवा उद्यमियों को पूँजी और ब्याज अनुदान, प्रवेश कर, वैट और सीएसटी प्रतिपूर्ति, विद्युत शुल्क और मंडी शुल्क में छूट जैसी सुविधाएँ उपलब्ध करवाई गई है। इसके साथ ही, हरित औद्योगिकीकरण की दिशा में, कचरा प्रबंधन प्रणाली, प्रदूषण नियंत्रण तंत्र, स्वास्थ्य रक्षक मानकों आदि में एमएसएमई द्वारा किये गये खर्चों में 25 लाख रुपये तक की सीमा के साथ 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है।

एमएसएमई के लिये सरकारी भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये मध्यप्रदेश राज्य औद्योगिक भूमि और भवन प्रबंधन नियम-2015 को सरल किया गया है। आवंटन शुल्क में 95 प्रतिशत छूट प्रदान की गई है। औद्योगिक क्षेत्र के भीतर औद्योगिक समूह को रख-रखाव के अधिकार प्रदान किये गये हैं।

सरकार द्वारा प्रदेश में 250 औद्योगिक क्षेत्रों में एमएसएमई के लिये 15 हजार हेक्टेयर से ज्यादा विकसित भूमि रिर्जव रखी गयी है। औद्योगिक क्षेत्रों के विकास के लिये लगभग 25 हजार हेक्टेयर शासकीय भूमि भी चिन्हित की गई है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश