Posted on 03 Aug, 2016 5:09 pm

एक वर्ष में 3272 करोड़ का मिला राजस्व 

भोपाल : बुधवार, अगस्त 3, 2016, 16:19 IST
 

मध्यप्रदेश में सम्पत्ति के दस्तावेजों के ई-पंजीयन की व्यवस्था 'सम्पदा' को लागू किये हुए एक वर्ष हो गया है। यह व्यवस्था मैन्युअल पंजीयन को समाप्त कर लागू की गई थी। एक अगस्त 2015 से 31 जुलाई 2016 तक प्रदेश भर में 6 लाख 75 हजार 90 दस्तावेज का ई-पंजीयन किया गया है। ई-पंजीयन से राज्य सरकार को 3272 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ है।

प्रदेश में सम्पत्ति के दस्तावेजों के ई-पंजीयन की व्यवस्था (स्टॉम्स एण्ड मेनेजमेंट ऑफ प्रापर्टी डाक्यूमेंटस् एप्लीकेशन) 'सम्पदा' 15 अगस्त 2014 से 5 उप पंजीयक कार्यालय अनूपपुर, बालाघाट, उज्जैन, टीकमगढ़ और सीहोर से शुरू की गई थी। बाद में एक अगस्त 2015 से ई-पंजीयन व्यवस्था पूरे प्रदेश में लागू की गई। इस वर्ष एक अप्रैल से 31 जुलाई तक ई-पंजीयन व्यवस्था में 152 करोड़ 25 लाख रुपये के 19 लाख 60 हजार ई-स्टॉम्स जारी किये गये हैं। प्रदेश में ई-पंजीकृत दस्तावेजों की ऑनलाइन सर्च और प्रमाणित प्रति प्रदाय करने की व्यवस्था की गई है। समान विक्रेता द्वारा सम्पत्ति की दुबारा से बिक्री पर रोक लगाने के लिए सम्पत्ति की लॉकिंग का विकल्प खरीदार को उपलब्ध करवाया गया है। इसके लिये दस्तावेज के साथ पिन नम्बर प्रदाय करने की व्यवस्था भी की गई है। यह प्रणाली साइबर कोषालय से ऑनलाइन इन्टीग्रेटेड भी है। इस व्यवस्था से मध्यप्रदेश सम्पत्ति की खरीद-फरोख्त में गड़बड़ी से रोकने के लिये काउंसिल ऑफ साइंस एण्ड टेक्नोलॉजी का भी योगदान है। प्रदेश में ई-पंजीयन व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिये कार्यालय महानिरीक्षक पंजीयन एवं अधीक्षक मुद्रांक द्वारा जिला पंजीयन कार्यालय को नियमित रूप से निर्देश दिये जा रहे हैं। ई-पंजीयन व्यवस्था से उपभोक्ताओं के साथ सर्विस प्रोवाइडर को भी सुविधा हुई है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश 

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