Posted on 10 Feb, 2018 10:49 am

 

ध्यप्रदेश जैविक खेती के मामले में अग्रणी राज्यों में 

 
भोपाल : शनिवार, फरवरी 10, 2018, 18:29 IST

 

 

मध्यप्रदेश में हाल के कुछ वर्षों में जैविक खेती के मामले में तेजी से काम हुआ है। कृषि क्षेत्र की संस्था एग्रीकल्चर एण्ड प्रोसेस्ड फूड प्रोडक्ट एक्सपोर्ट डेव्हलपमेंट अथॉरिटी (एपीडा) के अनुसार मध्यप्रदेश में वर्तमान में करीब 5 लाख 75 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में जैविक खेती की जा रही है। प्रदेश में 40 प्रतिशत से अधिक जैविक कृषि उत्पाद का उत्पादन हो रहा है, जो देश के कुल जैविक कृषि उत्पाद का करीब 40 प्रतिशत है।

  • देश के कुल जैविक कृषि उत्पाद का 40 प्रतिशत उत्पाद मध्यप्रदेश में।

  • 1800 से अधिक ग्रामों में बड़ी संख्या में किसान कर रहे हैं जैविक खेती।

  • मण्डला में की जा रही है जैविक कृषि अनुसंधान केन्द्र की स्थापना।

प्रदेश में 313 विकासखण्ड के 1800 से अधिक ग्रामों में बड़ी संख्या में जैविक खेती को अपनाया गया है। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये मध्यप्रदेश में वर्ष 2011 में जैविक कृषि नीति लागू की गई। इसके बाद से जैविक खेती में लगातार वृद्धि हो रही है। प्रदेश में व्यावसायिक संगठन एसोचैम ने सर्वे किया था। सर्वे में यह बताया गया था कि प्रदेश मे अगले 5 वर्षों में 600 करोड़ रुपये के जैविक उत्पाद के निर्यात की संभावना है। मध्यप्रदेश के विदिशा, सागर और सीहोर जिलों में उगाये जा रहे शर्बती गेहूँ, मालवा क्षेत्र का ड्यूरम गेहूँ, नर्मदा पठार के होशंगाबाद और नरसिंहपुर जिले में जैविक तरीके से उगाई जा रही अरहर दाल की माँग देशभर में है। मण्डला और डिण्डौरी जिलों के कोदो-कुटकी, बैगानी दाल की अंतर्राष्ट्रीय बाजार में काफी माँग है। रायसेन, भोपाल, जबलपुर, मण्डला एवं बालाघाट क्षेत्र का बासमती चावल एवं निमाड़ एवं मालवा के जैविक कपास की माँग देश में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी है।

जैविक खेती में हो रहे नये-नये अनुसंधान की जानकारी देने के लिये मण्डला में जैविक अनुसंधान केन्द्र की स्थापना की जा रही है। प्रदेश में जैविक उत्पादों की बिक्री के लिये भी किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग ने जैविक उत्पाद की बिक्री के लिये चयनित कृषि उपज मण्डियों में अलग व्यवस्था की है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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