Posted on 23 Sep, 2018 6:00 pm

 

प्रदेश में मदरसों में गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए केन्द्र सरकार की योजना में 1685 मदरसों को अनुदान उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना का लाभ मदरसों में पढ़ाने वाले करीब 3600 शिक्षकों को मिल रहा है।

प्रदेश में मदरसों को दी जाने वाली सुविधाओं में भी वृद्धि की गई है। मदरसों को प्रतिवर्ष पुस्तकालय के लिए 50 हजार रूपये, साइंस किट के लिए 15 हजार रूपये तथा कम्प्यूटर लैब स्थापित करने के लिए एक बार में एक लाख रूपये की राशि उपलब्ध करवाई गई है। राज्य में मदरसों के अधोसंरचना विकास तथा न्यूनतम आवश्यक सुविधाओं के लिए राज्य सरकार द्वारा रिपेयर, मेंटेनेंस एवं अपग्रेडेशन ऑफ मदरसा योजना संचालित की जा रही है। इसके लिए बजट में पर्याप्त राशि का प्रावधान किया गया है। मान्यता प्राप्त मदरसों को भवन के रख-रखाव और बुनियादी सुविधाओं के लिए प्रति वर्ष 50 हजार रूपये प्रति मदरसा के मान से धनराशि उपलब्ध करवाई जा रही है। पूर्व में यह राशि मात्र 25 हजार रुपये हुआ करती थी, जिसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 50 हजार रूपये कर दिया है।

मदरसों में स्मार्ट क्लास की शुरूआत करने के मकसद से 11 उत्कृष्ट मदरसों का चयन किया गया। इसके लिए सांसद निधि से राशि उपलब्ध करवाई गई है।

मदरसा बोर्ड का सुदृढ़ीकरण

प्रदेश में मदरसा बोर्ड का सुद्दढ़ीकरण किया गया है। बेहतर कार्य प्रणाली के लिए मध्यप्रदेश मदरसा बोर्ड को आई.एस.ओ. 9001:2008 प्रमाण-पत्र प्रदान किया गया है। प्रदेश में करीब 214 नवीन मदरसों के प्रस्ताव केन्द्र सरकार के पास मंजूरी के लिए भेजे गये हैं।

व्यावसायिक शिक्षा

प्रदेश में माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक स्तर की शिक्षा ग्रहण करने के साथ ही विद्यार्थियों को रोजगारोन्मुखी ज्ञान तथा कौशल विकसित करने के मकसद से व्यावसायिक शिक्षा योजना का संचालन प्रदेश में प्रारंभ किया गया है। राज्य में 313 विद्यालयों में 9 ट्रेड संचालित किये जा रहे है, जिनमें कक्षा 9वीं से 11वीं तक करीब 30 हजार विद्यार्थी नामांकित है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश​

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