Posted on 09 Aug, 2018 5:23 pm

 

मध्यप्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में 3 वर्षो में होटल उद्योग में 958.33 करोड़ रूपये से अधिक का निवेश हुआ है। निवेश के लिये मध्यप्रदेश पर्यटन को 73 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे। वर्ष 2016 से 2018 तक मध्यप्रदेश पर्यटनविभाग ने पर्यटन नीति के आधार पर होटल व्यवसायियों को 62.71 करोड़ रूपये की सब्सिडी स्वीकृत कर वितरित कर दी है।

पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव श्री हरिरंजन राव ने बताया कि मध्यप्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में होटल व्यवसाय का प्रमुख स्थान है। मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति से आकर्षित होकर पूरे विश्व के होटल व्यवसायी प्रदेश में निवेश के लिये आकर्षित हुए है। प्रदेश में विगत वर्षो 4 कन्वेनशन सेन्टर, 2 रिसोर्ट, 4 डिलक्स होटल, 27 बजट और स्टेर्ण्ड होटल और एक रोप-वे शुरू हो चुके है। इन होटलों के प्रारंभ होने से पर्यटकों और अतिथियों को प्रदेश में 2975 नये रूम उपलब्ध हो गये है।

श्री राव ने बताया कि मध्यप्रदेश की पर्यटन नीति से पूरे देश में प्रदेश की अलग पहचान बनी है। नीति में आवश्यकता अनुसार निरन्तर परिवर्तन भी किये जा रहे हैं। अब प्रदेश के 6 प्रमुख पर्यटन क्षेत्र इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर, कान्हा और सतना में 'होम स्टे' की 99 यूनिट तैयार है, जिनमें पर्यटकों के लिये 327 रूम उपलब्ध हैं। होम स्टे कान्सेप्ट में खाली बंगलों और मल्टी में पर्यटन नीति के अनुसार रूम तैयार कर पर्यटकों को उपलब्ध कराये जाते हैं। पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन बुकिंग की सुविधा भी उपलब्ध कराई जा रही है।

प्रमुख सचिव ने बताया कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश के लिये 849 हेक्टेयर क्षेत्र का लैंडबैंक उपलब्ध है। प्रदेश के पांच पर्यटन रीजन इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और खजुराहो रीजन में 144 जगहों पर निवेश के लिये यह लैंडबैंक है। भोपाल रीजन में भोपाल, सीहोर, राजगढ़, रायसेन, होशंगाबाद, बैतूल और हरदा में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश के लिये पर्यटन विभाग द्वारा लैंडबैंक बनाया गया है।

निवेश के 17 प्रस्तावों पर 96.85 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करवा दी गयी है। ऑरेन्ज सिटी, महिन्द्रा हॉलिडे, स्टेट एक्सप्रेस ग्रुप, जहानुमा पैलेस, बेकस्पेल ग्रुप प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में मुख्य निवेशक हैं। इससे पर्यटन विभाग को 30.77 करोड़ रूपये का प्रीमियम रेवेन्यू भी प्राप्त हुआ है। इनमें से 3 यूनिट प्रारंभ हो गयी हैं, जिनमें 18 करोड़ रूपये का निवेश हुआ है।

 

साभार – जनसम्पर्क विभाग मध्यप्रदेश

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